तेहरान : ईरान के राष्ट्रपति पद के चुनाव में एक मुख्य उम्मीदवार ने सुधारवादी मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश के तहत पश्चिम के साथ बेहतर आर्थिक एवं राजनीतिक संबंध बनाने की मंगलवार को अपील की.
'सेंट्रल बैंक ऑफ ईरान' के पूर्व प्रमुख अब्दुल नासिर हिम्मती (Abdul Nasir Hemmati) के किसी भी राजनीतिक धड़े के साथ कोई आधिकारिक संबंध नहीं है, लेकिन वह उदारवादी और सुधारवादी मतदाताओं के लिए खुद को संभावित उम्मीदवार के रूप में स्थापित कर रहे हैं. ईरान में 18 जून को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होगा और हिम्मती उन सात उम्मीदवारों में से एक हैं जिनके नामांकन को मंजूरी मिली है.
हिम्मती ने कहा, 'शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के रास्ते में अवरोधक क्यों होने चाहिए?' उन्होंने जोर दिया कि 'वैश्विक और क्षेत्रीय शांति में सुधार' अमेरिकी सद्भावना और इस्लामी गणराज्य के साथ 'विश्वास-निर्माण' पर टिका है.
उन्होंने विश्व शक्तियों के साथ हुए तेहरान के 2015 के परमाणु समझौते में अमेरिका से लौटने की फिर से अपील करते हुए कहा कि यदि वह राष्ट्रपति बनते हैं, तो समझौते को बहाल करना और प्रतिबंधों से राहत हासिल करना निश्चित रूप से उनकी प्राथमिकताओं में से एक होगा.
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हिम्मती ने एपी को पिछले सप्ताह दिए साक्षात्कार में कहा था कि चुनाव में जीत की स्थिति में वह अमेरिका के राष्ट्रपति जो. बाइडन से मिलना चाहेंगे.
विश्लेषकों का मानना है कि हिम्मती ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई (Ayatollah Ali Khamenei) के पसंदीदा कट्टरपंथी न्याय प्रमुख इब्राहिम राइसी (Ebrahim Raisi) से पीछे हैं.
(पीटीआई भाषा)