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ट्रंप की उत्तर कोरिया नीति से सीख लें बाइडेन : मून

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई इन ने सोमवार को आगामी बाइडेन प्रशासन से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उत्तर कोरिया के साथ राजनयिक संबंध बनाने में मिली सफलता एवं असफलता से सीखने का आह्वान किया है. मून ने स्वीकार किया कि बाइडेन, ट्रंप के मुकाबले संभवत: अलग रुख अपना सकते हैं.

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Published : Jan 18, 2021, 7:58 PM IST

सियोल : दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई इन ने सोमवार को आगामी बाइडेन प्रशासन से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उत्तर कोरिया के साथ राजनयिक संबंध बनाने में मिली सफलता एवं असफलता से सीख लेने की बात कही. उल्लेखनीय है कि मून ने ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के तीन शिखर सम्मेलनों को आयोजित करने में कड़ी मेहनत की थी, लेकिन उत्तरी कोरिया के निशस्त्रीकरण के बदले अमेरिकी प्रतिबंधों में ढील को लेकर उत्पन्न असहमति से सफलता नहीं मिली.

दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के नेता द्वारा परमाणु क्षमता बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताने के बावजूद बातचीत के सकारात्मक माहौल को बनाए रखने को लेकर प्रतिबद्ध हैं. मून ने स्वीकार किया कि बाइडेन, ट्रंप के मुकाबले संभवत: अलग रुख अपना सकते हैं. उन्होंने जोर दिया कि बाइडेन को ट्रंप की उत्तर कोरिया मामले में सफलताओं और असफलताओं से सीखना चाहिए. ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में मून ने दावा किया कि किम अब भी स्पष्ट रूप से निशस्त्रीकरण के इच्छुक हैं, बशर्ते वॉशिंगटन और प्योंगयांग परमाणु खतरे को कम करने और उत्तर कोरिया की सुरक्षा सुनिश्चित करने के कदमों पर सहमत हों.

यह भी पढ़ें-पाकिस्तान : सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, लोगों के हाथों में दिखे पीएम मोदी के पोस्टर

वहीं, दूसरी ओर अधिकतर विशेषज्ञों ने किम की हालिया टिप्पणी को अपनी सत्ता बचाए रखने के लिए परमाणु कार्यक्रम को जारी रखने का सबूत करार दिया है. मून ने कहा कि बाइडेन प्रशासन उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच और यहां तक उत्तर कोरिया-दक्षिण कोरिया के बीच वार्ता शुरू करने का अवसर प्रदान करेगा.

सियोल : दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई इन ने सोमवार को आगामी बाइडेन प्रशासन से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उत्तर कोरिया के साथ राजनयिक संबंध बनाने में मिली सफलता एवं असफलता से सीख लेने की बात कही. उल्लेखनीय है कि मून ने ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के तीन शिखर सम्मेलनों को आयोजित करने में कड़ी मेहनत की थी, लेकिन उत्तरी कोरिया के निशस्त्रीकरण के बदले अमेरिकी प्रतिबंधों में ढील को लेकर उत्पन्न असहमति से सफलता नहीं मिली.

दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के नेता द्वारा परमाणु क्षमता बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताने के बावजूद बातचीत के सकारात्मक माहौल को बनाए रखने को लेकर प्रतिबद्ध हैं. मून ने स्वीकार किया कि बाइडेन, ट्रंप के मुकाबले संभवत: अलग रुख अपना सकते हैं. उन्होंने जोर दिया कि बाइडेन को ट्रंप की उत्तर कोरिया मामले में सफलताओं और असफलताओं से सीखना चाहिए. ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में मून ने दावा किया कि किम अब भी स्पष्ट रूप से निशस्त्रीकरण के इच्छुक हैं, बशर्ते वॉशिंगटन और प्योंगयांग परमाणु खतरे को कम करने और उत्तर कोरिया की सुरक्षा सुनिश्चित करने के कदमों पर सहमत हों.

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वहीं, दूसरी ओर अधिकतर विशेषज्ञों ने किम की हालिया टिप्पणी को अपनी सत्ता बचाए रखने के लिए परमाणु कार्यक्रम को जारी रखने का सबूत करार दिया है. मून ने कहा कि बाइडेन प्रशासन उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच और यहां तक उत्तर कोरिया-दक्षिण कोरिया के बीच वार्ता शुरू करने का अवसर प्रदान करेगा.

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