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सऊदी दौरा : खाली हाथ रहे पाक सेना प्रमुख, नहीं मिले प्रिंस सलमान

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Published : Aug 19, 2020, 4:53 PM IST

Updated : Aug 19, 2020, 5:59 PM IST

सऊदी अरब के दौरे पर गए पाक के सेना प्रमुख बाजवा को विफलता हाथ लगी है. जानकारी के मुताबिक बाजवा क्राउन प्रिंस के साथ बैठक करने में विफल रहे हैं. दोनों देशों के बीच एक दशक से चली आ रही दोस्ती में उस समय तीखा मोड़ आ गया जब विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर मुद्दे को लेकर सऊदी अरब को सख्त चेतावनी दी थी. बता दें कि सऊदी ने भारत के खिलाफ कार्रवाई से इनकार कर दिया था. जानें पूरा मामला

सऊदी दौरे पर बाजवा
सऊदी दौरे पर बाजवा

रियाद : ऐसा लगता है कि सऊदी अरब पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को सुधारने के मूड में नहीं है. पाक की मीडिया में प्रकाशित खबरों के मुताबिक सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ बैठक करना चाहते थे. हालांकि उन्हें इसमें कामयाबी नहीं मिली है.

हालांकि, बाजवा सऊदी अरब के उप रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान और सऊदी अरब के सैन्य प्रमुख जनरल फय्यद बिन हामिद अल-रूवैली से मुलाकात करने में कामयाब रहे.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बाजवा इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख जनरल फैज हमीद के साथ सोमवार को सऊदी अरब पहुंचे थे. बाजवा की यात्रा की पृष्ठभूमि में दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंध हैं.

इससे पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करने सोमवार को सऊदी अरब पहुंचे. उनका यह दौरा ऐसे वक्त हो रहा है जब सऊदी अरब द्वारा कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का रूख खारिज किए जाने के कारण दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो गया है.

पाकिस्तान ने कश्मीर विषय पर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाने का बार-बार अनुरोध किया. लेकिन, संगठन ने उसकी मांग पर ध्यान नहीं दिया जिसके बाद खफा होकर पाकिस्तान ने धमकी दी थी कि वह मुद्दे पर अलग से बैठक बुला सकता है .

राजनयिक सूत्रों ने यहां बताया कि जनरल बाजवा के साथ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी, आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद भी गए हैं .

सऊदी अरब में उनके कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत विवरण जारी नहीं किया गया है लेकिन संभावना है कि संबंधों में आयी दूरियों को खत्म करने पर बातचीत होगी.भारत द्वारा पिछले साल अगस्त में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से पाकिस्तान ओआईसी के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाने पर जोर देता रहा है. ओआईसी के 57 सदस्य हैं.

हालांकि, ओआईसी की तरफ से पाकिस्तान के अनुरोध पर अब तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है.

यह भी पढ़ें: सऊदी दौरे पर पाक सेना प्रमुख बाजवा

ओआईसी से सकारात्मक जवाब नहीं मिलने के लिए सबसे बड़ा कारण यह है कि सऊदी अरब इस पर इच्छुक नहीं है. ओआईसी में किसी भी महत्वपूर्ण फैसले के लिए सऊदी अरब का समर्थन महत्वपूर्ण है. इस संगठन पर सऊदी अरब और बाकी अरब देशों का दबदबा है.

जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने के बाद से पाकिस्तान, भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन पाने के लिए कई कोशिशें कर चुका है, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया है.

रियाद : ऐसा लगता है कि सऊदी अरब पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को सुधारने के मूड में नहीं है. पाक की मीडिया में प्रकाशित खबरों के मुताबिक सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ बैठक करना चाहते थे. हालांकि उन्हें इसमें कामयाबी नहीं मिली है.

हालांकि, बाजवा सऊदी अरब के उप रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान और सऊदी अरब के सैन्य प्रमुख जनरल फय्यद बिन हामिद अल-रूवैली से मुलाकात करने में कामयाब रहे.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बाजवा इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख जनरल फैज हमीद के साथ सोमवार को सऊदी अरब पहुंचे थे. बाजवा की यात्रा की पृष्ठभूमि में दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंध हैं.

इससे पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करने सोमवार को सऊदी अरब पहुंचे. उनका यह दौरा ऐसे वक्त हो रहा है जब सऊदी अरब द्वारा कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का रूख खारिज किए जाने के कारण दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो गया है.

पाकिस्तान ने कश्मीर विषय पर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाने का बार-बार अनुरोध किया. लेकिन, संगठन ने उसकी मांग पर ध्यान नहीं दिया जिसके बाद खफा होकर पाकिस्तान ने धमकी दी थी कि वह मुद्दे पर अलग से बैठक बुला सकता है .

राजनयिक सूत्रों ने यहां बताया कि जनरल बाजवा के साथ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी, आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद भी गए हैं .

सऊदी अरब में उनके कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत विवरण जारी नहीं किया गया है लेकिन संभावना है कि संबंधों में आयी दूरियों को खत्म करने पर बातचीत होगी.भारत द्वारा पिछले साल अगस्त में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से पाकिस्तान ओआईसी के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाने पर जोर देता रहा है. ओआईसी के 57 सदस्य हैं.

हालांकि, ओआईसी की तरफ से पाकिस्तान के अनुरोध पर अब तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है.

यह भी पढ़ें: सऊदी दौरे पर पाक सेना प्रमुख बाजवा

ओआईसी से सकारात्मक जवाब नहीं मिलने के लिए सबसे बड़ा कारण यह है कि सऊदी अरब इस पर इच्छुक नहीं है. ओआईसी में किसी भी महत्वपूर्ण फैसले के लिए सऊदी अरब का समर्थन महत्वपूर्ण है. इस संगठन पर सऊदी अरब और बाकी अरब देशों का दबदबा है.

जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने के बाद से पाकिस्तान, भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन पाने के लिए कई कोशिशें कर चुका है, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया है.

Last Updated : Aug 19, 2020, 5:59 PM IST
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