ETV Bharat / international

Russia News: कौन है पुतिन के शेफ के नाम से मशहूर येवगेनी प्रिगोझिन, आखिर वैगनर ने क्यों किया विद्रोह? - वैगनर नाम कैसे पड़ा

येवगेनी प्रिगोझिन ने अपने शुरुआती जिंदगी का कुछ हिस्सा जेल में बिताया फिर बाजार में हॉट डॉग बेचना शुरु कर दिया. आखिरकार उसे पुतिन के शेफ के नाम से पुकारा जाने लगा. जब सब अच्छा चल रहा था तो फिर वैगनर ने विद्रोह क्यों किया पढ़ें पूरी खबर..

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jun 24, 2023, 7:02 PM IST

Updated : Jun 24, 2023, 7:18 PM IST

नई दिल्ली: रूस के भाड़े की सेना वैगनर के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने दावा किया है कि उनकी सेना देश के सैन्य नेतृत्व को हटाने के लिए रूस में प्रवेश कर गई है. प्रिगोझिन लंबे समय से रूस के शीर्ष सैन्य नेताओं पर यूक्रेन में युद्ध में विफलताओं का आरोप लगाते रहे हैं और उन्हें रूसी रक्षा मंत्रालय के साथ लंबे समय से चल रहे विवाद के लिए भी जाना जाता है. येवगेनी प्रिगोझिन की जीवनी एक सेंट पीटर्सबर्ग डाकू की मानक जीवनी की तरह है जो राज्य सत्ता के बहुत नीचे से शीर्ष तक पहुंचने में कामयाब रहा. जाहिर तौर पर उसे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत राज्य के शीर्ष अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त था.

कौन है येवगेनी प्रिगोझिन

1961 में सोवियत संघ के लेनिनग्राद, अब सेंट पीटर्सबर्ग में जन्मे प्रिगोझिन ने डकैती और धोखाधड़ी का दोषी पाए जाने के बाद अपना प्रारंभिक जीवन कुछ समय जेल में बिताया. नौ साल की हिरासत के बाद 1990 में जेल से रिहा होने के बाद, प्रिगोझिन ने अपने गृह शहर के बाजारों में हॉटडॉग बेचना शुरू कर दिया. किराना व्यवसाय और फिर जुए के व्यवसाय से जुड़ने के बाद, प्रिगोझिन बाद में एक रेस्तरां मालिक बन गया. कई आउटलेट्स शुरु करने के बाद, प्रिगोझिन ने रूस के अमीर वर्ग के साथ आकर्षक क्रेमलिन खानपान कांट्रैक्ट लेना शुरू कर दिया.

पुतिन के साथ प्रिगोझिन का रिश्ता 1990 के दशक से चला आ रहा है. वे सेंट पीटर्सबर्ग के उसी शहर से हैं, जहां प्रिगोझिन हॉट डॉग बेचने से लेकर कई रेस्तरां का मालिक बना और पुतिन राष्ट्रपति बनने के बाद उसके नियमित ग्राहक. वह कुछ जाने-माने लोगों को अपने साथ लाए और प्रिगोझिन ने पुतिन के शेफ का उपनाम अपनाया. जल्द ही, उसे रूसी सेना सहित कुछ बहुत ही आकर्षक खानपान अनुबंध मिलने लगे. पिछले कुछ वर्षों में वह राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्ति बन गया और उसने एक मीडिया साम्राज्य भी खड़ा कर लिया.

वैगनर ग्रुप क्या है?

वैगनर समूह लगभग 10 वर्षों से अस्तित्व में है और इसकी सेनाएँ सीरिया से लेकर माली और मोज़ाम्बिक तक सभी प्रकार के स्थानों में दिखाई दे चुकी हैं. वैगनर मूलतः विभिन्न सशस्त्र संघर्षों में रूसी सरकार के लिए एक प्रॉक्सी के रूप में कार्य कर रहा है. यह क्रेमलिन-सहयोगी भाड़े की सेना है जो दुनिया भर के संकटग्रस्त स्थानों में पुतिन के रूसी प्रभाव के हिसाब से काम काम करता था.

वैगनर समूह को मूल रूप से अपने सशस्त्र कर्मियों को विभिन्न देशों में भेजने के लिए भुगतान किया जाता है. उन्हें अक्सर पीएमसी (निजी सैन्य कंपनी) के रूप में दिखाया जाता है. उन्हें अपने कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराना मुश्किल है, क्योंकि यह सिर्फ एक कंपनी नहीं है बल्कि कंपनियों, वित्तीय मध्यस्थों का एक ऐसा नेटवर्क है जो सभी एक साथ अपारदर्शी तरीके से जुड़े हुए हैं. संभव है यह समझना मुश्किल है कि उनके वित्तीय और संगठनात्मक संबंध क्या हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करना भी काफी मुश्किल है. यह समूह पहली बार 2014 में सामने आया, जब रूस ने अवैध रूप से क्रीमिया पर कब्जा कर लिया और पूर्वी यूक्रेन में रूसी समर्थक अलगाववादियों का पक्ष लिया. माना यह जा रहा है कि जब यह शुरू हुई तो इसमें 5000 सैनिक थे लेकिन अभी तकरीबन 50000 सैनिक शामिल किये जा चुके हैं. वैगनर लड़ाकों में 80 फिसदी रुस की जेलों में बंद कैदी हैं.

आखिर क्यों किया वैगनर ने विद्रोह

  • प्रिगोझिन ने ऐलान किया कि उनके सैनिक अब सशस्त्र विद्रोह में रूस के रक्षा मंत्री शोइगु को दंडित करेंगे और रूसी सेना से प्रतिरोध न करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि यह कोई सैन्य तख्तापलट नहीं है, बल्कि न्याय का मार्च है.
  • संघीय सुरक्षा सेवाओं या एफएसबी का हिस्सा रूस की राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी समिति ने कहा कि सशस्त्र विद्रोह का आह्वान करने के आरोप में वैगनर प्रमुख की जांच की जाएगी.
  • एफएसबी (Federal Security Service) ने प्रिगोझिन के बयानों को "रूसी सैनिकों की पीठ में छुरा घोंपना" बताया और कहा कि वे रूस के भीतर एक सशस्त्र संघर्ष को भड़काने के समान हैं.
  • एफएसबी ने वैगनर के लड़ाकों से प्रिगोझिन को गिरफ्तार करने का आग्रह किया और उनसे कहा कि वे उसके "आपराधिक और विश्वासघाती आदेशों" का पालन करने से इनकार करें. सरकारी एजेंसियों और परिवहन बुनियादी ढांचे सहित मॉस्को में प्रमुख सुविधाओं पर सुरक्षा कड़ी करने के लिए दंगा बचाव पुलिस और रूस के नेशनल गार्ड को तैनात किया गया है.

वैगनर नाम कैसे पड़ा?

समूह का नाम जर्मन संगीतकार रिचर्ड वैगनर के नाम पर रखा गया है. रिचर्ड वैगनर हिटलर का पसंदीदा था, और वैगनर साफ तौर से दिमित्री उत्किन नामक एक पूर्व रूसी सैन्य अधिकारी द्वारा उपयोग किया जाने वाला युद्धक्षेत्र कॉल साइन था, जो रूसी सेना में एक विशेष अधिकारी हुआ करता था. समूह के संस्थापक के रूप में उनके बारे में अक्सर चर्चा होती रही है और कथित तौर पर वह अभी भी इसमें शामिल हैं.

यह भी पढ़ें:

नई दिल्ली: रूस के भाड़े की सेना वैगनर के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने दावा किया है कि उनकी सेना देश के सैन्य नेतृत्व को हटाने के लिए रूस में प्रवेश कर गई है. प्रिगोझिन लंबे समय से रूस के शीर्ष सैन्य नेताओं पर यूक्रेन में युद्ध में विफलताओं का आरोप लगाते रहे हैं और उन्हें रूसी रक्षा मंत्रालय के साथ लंबे समय से चल रहे विवाद के लिए भी जाना जाता है. येवगेनी प्रिगोझिन की जीवनी एक सेंट पीटर्सबर्ग डाकू की मानक जीवनी की तरह है जो राज्य सत्ता के बहुत नीचे से शीर्ष तक पहुंचने में कामयाब रहा. जाहिर तौर पर उसे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत राज्य के शीर्ष अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त था.

कौन है येवगेनी प्रिगोझिन

1961 में सोवियत संघ के लेनिनग्राद, अब सेंट पीटर्सबर्ग में जन्मे प्रिगोझिन ने डकैती और धोखाधड़ी का दोषी पाए जाने के बाद अपना प्रारंभिक जीवन कुछ समय जेल में बिताया. नौ साल की हिरासत के बाद 1990 में जेल से रिहा होने के बाद, प्रिगोझिन ने अपने गृह शहर के बाजारों में हॉटडॉग बेचना शुरू कर दिया. किराना व्यवसाय और फिर जुए के व्यवसाय से जुड़ने के बाद, प्रिगोझिन बाद में एक रेस्तरां मालिक बन गया. कई आउटलेट्स शुरु करने के बाद, प्रिगोझिन ने रूस के अमीर वर्ग के साथ आकर्षक क्रेमलिन खानपान कांट्रैक्ट लेना शुरू कर दिया.

पुतिन के साथ प्रिगोझिन का रिश्ता 1990 के दशक से चला आ रहा है. वे सेंट पीटर्सबर्ग के उसी शहर से हैं, जहां प्रिगोझिन हॉट डॉग बेचने से लेकर कई रेस्तरां का मालिक बना और पुतिन राष्ट्रपति बनने के बाद उसके नियमित ग्राहक. वह कुछ जाने-माने लोगों को अपने साथ लाए और प्रिगोझिन ने पुतिन के शेफ का उपनाम अपनाया. जल्द ही, उसे रूसी सेना सहित कुछ बहुत ही आकर्षक खानपान अनुबंध मिलने लगे. पिछले कुछ वर्षों में वह राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्ति बन गया और उसने एक मीडिया साम्राज्य भी खड़ा कर लिया.

वैगनर ग्रुप क्या है?

वैगनर समूह लगभग 10 वर्षों से अस्तित्व में है और इसकी सेनाएँ सीरिया से लेकर माली और मोज़ाम्बिक तक सभी प्रकार के स्थानों में दिखाई दे चुकी हैं. वैगनर मूलतः विभिन्न सशस्त्र संघर्षों में रूसी सरकार के लिए एक प्रॉक्सी के रूप में कार्य कर रहा है. यह क्रेमलिन-सहयोगी भाड़े की सेना है जो दुनिया भर के संकटग्रस्त स्थानों में पुतिन के रूसी प्रभाव के हिसाब से काम काम करता था.

वैगनर समूह को मूल रूप से अपने सशस्त्र कर्मियों को विभिन्न देशों में भेजने के लिए भुगतान किया जाता है. उन्हें अक्सर पीएमसी (निजी सैन्य कंपनी) के रूप में दिखाया जाता है. उन्हें अपने कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराना मुश्किल है, क्योंकि यह सिर्फ एक कंपनी नहीं है बल्कि कंपनियों, वित्तीय मध्यस्थों का एक ऐसा नेटवर्क है जो सभी एक साथ अपारदर्शी तरीके से जुड़े हुए हैं. संभव है यह समझना मुश्किल है कि उनके वित्तीय और संगठनात्मक संबंध क्या हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करना भी काफी मुश्किल है. यह समूह पहली बार 2014 में सामने आया, जब रूस ने अवैध रूप से क्रीमिया पर कब्जा कर लिया और पूर्वी यूक्रेन में रूसी समर्थक अलगाववादियों का पक्ष लिया. माना यह जा रहा है कि जब यह शुरू हुई तो इसमें 5000 सैनिक थे लेकिन अभी तकरीबन 50000 सैनिक शामिल किये जा चुके हैं. वैगनर लड़ाकों में 80 फिसदी रुस की जेलों में बंद कैदी हैं.

आखिर क्यों किया वैगनर ने विद्रोह

  • प्रिगोझिन ने ऐलान किया कि उनके सैनिक अब सशस्त्र विद्रोह में रूस के रक्षा मंत्री शोइगु को दंडित करेंगे और रूसी सेना से प्रतिरोध न करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि यह कोई सैन्य तख्तापलट नहीं है, बल्कि न्याय का मार्च है.
  • संघीय सुरक्षा सेवाओं या एफएसबी का हिस्सा रूस की राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी समिति ने कहा कि सशस्त्र विद्रोह का आह्वान करने के आरोप में वैगनर प्रमुख की जांच की जाएगी.
  • एफएसबी (Federal Security Service) ने प्रिगोझिन के बयानों को "रूसी सैनिकों की पीठ में छुरा घोंपना" बताया और कहा कि वे रूस के भीतर एक सशस्त्र संघर्ष को भड़काने के समान हैं.
  • एफएसबी ने वैगनर के लड़ाकों से प्रिगोझिन को गिरफ्तार करने का आग्रह किया और उनसे कहा कि वे उसके "आपराधिक और विश्वासघाती आदेशों" का पालन करने से इनकार करें. सरकारी एजेंसियों और परिवहन बुनियादी ढांचे सहित मॉस्को में प्रमुख सुविधाओं पर सुरक्षा कड़ी करने के लिए दंगा बचाव पुलिस और रूस के नेशनल गार्ड को तैनात किया गया है.

वैगनर नाम कैसे पड़ा?

समूह का नाम जर्मन संगीतकार रिचर्ड वैगनर के नाम पर रखा गया है. रिचर्ड वैगनर हिटलर का पसंदीदा था, और वैगनर साफ तौर से दिमित्री उत्किन नामक एक पूर्व रूसी सैन्य अधिकारी द्वारा उपयोग किया जाने वाला युद्धक्षेत्र कॉल साइन था, जो रूसी सेना में एक विशेष अधिकारी हुआ करता था. समूह के संस्थापक के रूप में उनके बारे में अक्सर चर्चा होती रही है और कथित तौर पर वह अभी भी इसमें शामिल हैं.

यह भी पढ़ें:

Last Updated : Jun 24, 2023, 7:18 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.