न्यूयॉर्क: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने गुरुवार को अमेरिकी पत्रकार के साथ निर्धारित साक्षात्कार को रद्द कर दिया. राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से कहा गया कि चुकी अमेरिकी महिला पत्रकार ने हिजाब पहनने से इनकार कर दिया था इसलिए राष्ट्रपति ने उन्हें साक्षात्कार नहीं दिया. यह मामला ऐसे समय सामने आया है जब ईरान में बड़े पैमान पर हिजाब की अनिवार्यता संबंधी कानून का विरोध हो रहा है. यह विरोध प्रदर्शन कथित तौर पर हिजाब कानूनों को तोड़ने के लिए पुलिस हिरासत में ली गई एक महिला की मौत शुरू हुआ है.
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And so we walked away. The interview didn’t happen. As protests continue in Iran and people are being killed, it would have been an important moment to speak with President Raisi. 7/7 pic.twitter.com/kMFyQY99Zh
— Christiane Amanpour (@amanpour) September 22, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Christiane Amanpour (@amanpour) September 22, 2022
बताया गया कि सीएनएन की मुख्य अंतरराष्ट्रीय एंकर क्रिस्टियन अमनपुर को साक्षात्कार से पहले हिजाब पहनने के लिए कहा गया. उन्होंने इंकार कर दिया. जिसके बाद ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी का एक साक्षात्कार अचानक रद्द कर दिया गया था. अमनपुर ने ट्विटर पर कहा कि उन्हें हेडस्कार्फ पहनने का सुझाव दिया गया था, लेकिन उनके इनकार के बाद, साक्षात्कार रद्द कर दिया गया. ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, एंकर ने कहा कि उसका इरादा ईरान में हो रहे प्रदर्शनों पर चर्चा करने की थी. जिसमें कई घटनाएं शामिल हैं.
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पुलिस हिरासत में महसा अमिनी की मौत और उसके बाद महिलाओं का पुलिस के विरोध में अपने हिजाब जलाना. अमनपुर ने ट्वीट किया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के लिए न्यूयॉर्क की अपनी यात्रा के दौरान, यह अमेरिकी धरती पर राष्ट्रपति रायसी का पहला साक्षात्कार होने जा रहा था. हफ्तों की योजना और अनुवाद उपकरण, लाइट्स और कैमरों के साथ हमें इसकी तैयारी में आठ घंटे लगे. उन्होंने लिखा कि इंटरव्यू के लिए तय समय के 40 मिनट बाद राष्ट्रपति के कार्यालय से जुड़े एक व्यक्ति ने मुझे हिजाब पहनने की सलाह दी. उनका कहना था कि यह मुहर्रम का पवित्र महीना है.
अमनपुर ने कहा कि मैंने विनम्रता से मना कर दिया और कहा कि हम न्यूयॉर्क में हैं, जहां हिजाब के संबंध में कोई कानून या परंपरा नहीं है. मैंने बताया कि इससे पहले जब भी मैंने किसी पूर्व ईरानी राष्ट्रपति से ईरान के बाहर साक्षात्कार लिया तो हिजाब की आवश्यकता नहीं हुई. अमनपुर ने एक खाली कुर्सी के सामने हिजाब के बिना अपनी एक तस्वीर पोस्ट की. उन्होंने कहा कि हिजाब पहनने से बार-बार मना करने के बाद, अंत में साक्षात्कार रद्द कर दिया गया. और इसलिए हम वहां से चले आये. ईरान में विरोध प्रदर्शन जारी हैं और लोग मारे जा रहे हैं, यह राष्ट्रपति रायसी के साथ बात करने का एक महत्वपूर्ण क्षण होता.
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ईरान में जारी विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को तेज हो गया है, प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पथराव किया. प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को जला दिया और सरकार विरोधी नारे लगाए. ईरानी राज्य मीडिया का हवाला देते हुए, सीबीएस ने बताया कि पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया. बुधवार को करीब 1,000 लोगों गिरफ्तार किया. यह विरोध प्रर्दशन ईरान के 15 शहरों में हो रहा है. इस बीच गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत की कड़ी निंदा की.
एक प्रेस बयान में, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि विशेषज्ञ ईरानी सुरक्षा बलों द्वारा देश भर के शहरों में अमिनी की मौत के लिए जवाबदेही की मांग करते हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों और मानवाधिकार रक्षकों के खिलाफ निर्देशित हिंसा की भी निंदा करते हैं. उन्होंने ईरानी अधिकारियों से और अनावश्यक हिंसा से बचने और शांतिपूर्ण सभाओं की पुलिसिंग में घातक बल के उपयोग को तुरंत रोकने का आग्रह किया. हम अमिनी की मौत से स्तब्ध हैं और गहरे दुख में हैं.
अल जज़ीरा के अनुसार, 22 वर्षीय महसा अमिनी अपने परिवार के साथ तेहरान की यात्रा पर थी, जब उसे विशेषज्ञ पुलिस इकाई ने हिरासत में लिया. कुछ समय बाद हिरासत के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उन्हें आपातकालीन सेवाओं के सहयोग से तुरंत अस्पताल ले जाया गया. अल जज़ीरा ने शुक्रवार को कहा कि दुर्भाग्य से, उसकी मृत्यु हो गई और उसके शरीर को चिकित्सा परीक्षक के कार्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया.
यह घोषणा तेहरान पुलिस द्वारा इस बात की पुष्टि करने के एक दिन बाद हुई कि अमिनी को अन्य महिलाओं के साथ नियमों के बारे में 'निर्देश' देने के लिए हिरासत में लिया गया था. 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद, कई महिला प्रदर्शनकारियों ने अपने बाल कटवाए और हिजाब जला दिया. इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर रोष फैल गया, ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने आंतरिक मंत्री को मामले की जांच शुरू करने का आदेश दिया. औपचारिक रूप से गश्त-ए इरशाद (मार्गदर्शन गश्ती) के रूप में जानी जाने वाली नैतिकता पुलिस के आचरण को लेकर ईरान के अंदर और बाहर बढ़ते विवाद के बीच अमिनी की मौत हुई है. अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, अनिवार्य ड्रेस कोड, सभी राष्ट्रीयताओं और धर्मों पर लागू होता है, न कि केवल ईरानी मुसलमानों पर, महिलाओं को अपने बालों और गर्दन को एक स्कार्फ से छुपाने की आवश्यकता होती है.