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Research on Tamil language: ह्यूस्टन विश्वविद्यालय ने तमिल भाषा व साहित्य पर शोध के लिए आईसीसीआर के साथ समझौता किया - तमिल भाषा साहित्य शोध के लिए समझौता किया

तमिल भाषा साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका में ह्यूस्टन विश्वविद्यालय और आईसीसीआर ने एक समझौता किया है.

University of Houston ties up with ICCR for research on Tamil language and literature
ह्यूस्टन विश्वविद्यालय ने तमिल भाषा व साहित्य पर शोध के लिए आईसीसीआर के साथ समझौता किया
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Published : Apr 2, 2023, 10:49 AM IST

ह्यूस्टन: तमिल भाषा साहित्य और संस्कृति पर शोध करने के वास्ते भारतीय अध्ययन की भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) पीठ स्थापित करने के लिए अमेरिका में ह्यूस्टन विश्वविद्यालय तथा आईसीसीआर ने एक समझौता किया है. यह समझौता 29 मार्च को हुआ और यह भारतीय अध्ययन कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की कई वर्षों से जारी कोशिशों के तहत उठाया गया नया कदम है.

विश्वविद्यालय की प्रमुख रेणु खाटोर ने बताया कि हम इस सहयोग के लिए भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के आभारी हैं जो निश्चित रूप से हमारे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करेगा. वह इस विश्वविद्यालय की अगुवाई करने वाली पहली प्रवासी भारतीय हैं और 2008 से इस पद पर हैं. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय अध्ययन का विस्तार छात्रों के लिए शैक्षणिक अनुभव को बढ़ाएगा और उन्हें वैश्विक मंच पर सफलता के लिए तैयार करेगा. भारतीय अध्ययन की आईसीसीआर पीठ के पद पर भारत के विद्वान आसीन होंगे जो तमिल अध्ययन में विशेषज्ञ होंगे.

ये भी पढ़ें- भारत में पढ़ाई कर चुके विदेशी छात्रों के लिए ICCR ने शुरू किया पोर्टल

ह्यूस्टन में भारत के महावाणिज्य दूत असीम महाजन ने कहा कि पीठ का उद्देश्य तमिल भाषा, साहित्य और संस्कृति पर शोध करना और शिक्षा देना तथा शिक्षा साझेदारी को गहरा करना है. महाजन ने कहा कि तमिल भाषा को दुनिया की सबसे पुरानी भाषा माना जाता है और यह अमेरिका में बोली जाने वाली शीर्ष पांच भाषाओं में से एक है. अमेरिका में तकरीबन तीन लाख तमिल-अमेरिकी रहते हैं. यह एमओयू अमेरिकी शिक्षा और ज्ञान साझेदारी को और बढ़ाएगा तथा गहरा करेगा. इसका उद्देश्य भारत और अन्य देशों के बीच सांस्कृतिक महत्व को बढ़ावा देना है. इससे दो देशों के बीच कूटनीतिक संबंध भी सुधरते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

ह्यूस्टन: तमिल भाषा साहित्य और संस्कृति पर शोध करने के वास्ते भारतीय अध्ययन की भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) पीठ स्थापित करने के लिए अमेरिका में ह्यूस्टन विश्वविद्यालय तथा आईसीसीआर ने एक समझौता किया है. यह समझौता 29 मार्च को हुआ और यह भारतीय अध्ययन कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की कई वर्षों से जारी कोशिशों के तहत उठाया गया नया कदम है.

विश्वविद्यालय की प्रमुख रेणु खाटोर ने बताया कि हम इस सहयोग के लिए भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के आभारी हैं जो निश्चित रूप से हमारे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करेगा. वह इस विश्वविद्यालय की अगुवाई करने वाली पहली प्रवासी भारतीय हैं और 2008 से इस पद पर हैं. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय अध्ययन का विस्तार छात्रों के लिए शैक्षणिक अनुभव को बढ़ाएगा और उन्हें वैश्विक मंच पर सफलता के लिए तैयार करेगा. भारतीय अध्ययन की आईसीसीआर पीठ के पद पर भारत के विद्वान आसीन होंगे जो तमिल अध्ययन में विशेषज्ञ होंगे.

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ह्यूस्टन में भारत के महावाणिज्य दूत असीम महाजन ने कहा कि पीठ का उद्देश्य तमिल भाषा, साहित्य और संस्कृति पर शोध करना और शिक्षा देना तथा शिक्षा साझेदारी को गहरा करना है. महाजन ने कहा कि तमिल भाषा को दुनिया की सबसे पुरानी भाषा माना जाता है और यह अमेरिका में बोली जाने वाली शीर्ष पांच भाषाओं में से एक है. अमेरिका में तकरीबन तीन लाख तमिल-अमेरिकी रहते हैं. यह एमओयू अमेरिकी शिक्षा और ज्ञान साझेदारी को और बढ़ाएगा तथा गहरा करेगा. इसका उद्देश्य भारत और अन्य देशों के बीच सांस्कृतिक महत्व को बढ़ावा देना है. इससे दो देशों के बीच कूटनीतिक संबंध भी सुधरते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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