वाशिंगटन: अमेरिका के वाशिंगटन में 26/11 मुंबई आतंकी हमले के विरोध में पाकिस्तान दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया. मुंबई आतंकवादी हमलों की 14वीं बरसी पर भारतीय अमेरिकियों ने अन्य दक्षिण एशियाई समुदायों के साथ वाशिंगटन में पाकिस्तानी दूतावास के बाहर सहित पूरे अमेरिका में प्रदर्शन किया. इस दौरान आतंकवादी समूहों को आश्रय देने के लिए पाकिस्तान की निंदा की और विश्व शक्तियों से मुंबई हमले के अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने का आह्वान किया.
भयावह हमलों की क्रूरता को दर्शाने वाले पोस्टर और बैनरों के साथ, प्रदर्शनकारियों ने 26/11 के मुंबई हमलों में शामिल पाकिस्तान प्रायोजित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादियों को कानून के कटघरे में लाने का आह्वान किया. बता दें कि वर्ष 2008 में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों (एलईटी) ने 12 समन्वित गोलीबारी और बमबारी हमलों को अंजाम दिया जिसमें कम से कम 166 लोग मारे गए जबकि 300 अन्य घायल हो गए.
ह्यूस्टन, शिकागो में पाकिस्तान वाणिज्य दूतावास और न्यू जर्सी में पाकिस्तान सामुदायिक केंद्र के सामने भी प्रदर्शन हुए. पाकिस्तान की नीति और राज्य प्रायोजित आतंकवाद की कड़ी निंदा की गयी. इस दौरान एक दर्जन से अधिक लोग अपनी पीड़ा को व्यक्त करने के लिए एकत्र हुए. विरोध प्रदर्शन में शामिल मोहिंदर गुलाटी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान के खिलाफ खड़े होने का आह्वान किया. आतंकवाद को एक तरह का कैंसर बताते हुए गुलाटी ने कहा, 'अगर आप दुनिया भर में हुए सभी आतंकवादी हमलों को देखेंगे तो आपको पाकिस्तान से कनेक्शन मिलेंगे.'
26/11 की बरसी पर टोक्यो में पाक दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन: मुंबई आतंकी हमलों की 14वीं बरसी पर भारतीय समुदाय के सदस्यों और जापान में विभिन्न समुदायों के अन्य लोगों ने गुरुवार को यहां पाकिस्तानी दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान पाकिस्तान द्वारा राज्य प्रायोजित आतंकवाद का विरोध किया.
प्रदर्शनकारी टोक्यो में पाकिस्तानी दूतावास के बाहर जमा हुए, पाकिस्तान सरकार से मुंबई आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित करने और राज्य की नीति के रूप में आतंकवाद का उपयोग बंद करने का आग्रह किया.
26 नवंबर, 2008 को मुंबई में पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकवादियों द्वारा किए गए भयानक हमले की बरसी का विरोध कर रहे नागरिकों ने एक जापानी नागरिक हिसाशी त्सुदा को भी याद किया. वह आतंकवादियों द्वारा मारे गए 166 लोगों में से एक थे.