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Partygate को लेकर बोरिस जॉनसन के खिलाफ रिपोर्ट को सांसदों का समर्थन - report against Boris Johnson

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर डाउनिंग स्ट्रीट में कोविड-19 संबंधी नियम तोड़कर आयोजित की गईं पार्टी को लेकर संसद को जान-बूझकर गुमराह करने का आरोप है. इस पर 'हाउस ऑफ कॉमन्स' समिति की रिपोर्ट को ब्रितानी सांसदों ने मंजूरी दे दी है. संसद में रिपोर्ट को लेकर की गई वोटिंग में सांसदों ने 354 मतों से समर्थन दिया है.

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Published : Jun 20, 2023, 12:30 PM IST

लंदन : ब्रिटेन के सांसदों ने संसद को जान-बूझकर गुमराह करने का बोरिस जॉनसन पर आरोप लगाने वाली 'हाउस ऑफ कॉमन्स' समिति की रिपोर्ट का समर्थन किया है. संसद में इस रिपोर्ट पर वोटिंग हुई, जहां ब्रितानी सांसदों ने सात के मुकाबले 354 मतों से समर्थन दिया. बोरिस जॉनसन पर डाउनिंग स्ट्रीट में कोविड-19 संबंधी नियमों को तोड़कर पार्टियां आयोजित करने को लेकर सांसदों से झूठ बोलने का आरोप है. इसके बाद से अब ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की मुसीबतें बढ़ती नजर आ रही हैं. संभवतः जॉनसन से संसद भवन के लिए उनका पास भी छिना जा सकता है.

गौरतलब है कि जॉनसन ने संसद के निचले सदन 'हाउस ऑफ कॉमन्स' में कई बार इस बात से इनकार किया था कि ब्रितानी प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय 10 डाउनिंग स्ट्रीट में कोविड-19 संबंधी नियम तोड़कर पार्टी आयोजित की गईं. जॉनसन द्वारा संसद को गुमराह किए जाने संबंधी इस मामले को 'पार्टीगेट' नाम दिया गया है. जॉनसन (58) ने समिति के सदस्यों पर अपने पीछे पड़ जाने का आरोप लगाते हुए संसद सदस्यता से पहले ही इस्तीफा दे दिया है.

'कंजर्वेटिव पार्टी' के नेता जॉनसन ने संसद की विशेषाधिकार समिति (कॉमन्स प्रिविलेजेस कमेटी) की अंतिम रिपोर्ट के मसौदे को देखने के बाद संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और अब वह पूर्व सांसदों को मिलने वाली संसद तक विशेष पहुंच का अधिकार भी खो देंगे. रिपोर्ट के निष्कर्षों पर बहस करने के लिए उनके कई सहयोगी और विपक्षी सदस्य सोमवार को 'हाउस ऑफ कॉमन्स' में एकत्र हुए और ज्यादातर ने पूर्व प्रधानमंत्री के कार्यों की निंदा की.

पढ़ें : वॉल स्ट्रीट जर्नल के इंटरव्यू में बोले पीएम मोदी- 'हम तटस्थ नहीं, शांति के पक्ष में'

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और 'कंजर्वेटिव पार्टी' के कई अन्य सदस्य रिपोर्ट के निष्कर्षों पर बहस या टिप्पणी में शामिल नहीं हुए, जिसकी विपक्षी लेबर पार्टी के कई सांसदों ने घंटों चले सत्र के दौरान निंदा की. लेबर पार्टी के जेस फिलिप्स ने कहा, "यह शर्मनाक है कि इस देश के प्रधानमंत्री यह भी नहीं बता सकते कि यदि आज वह यहां आते तो किसके लिए वोट देते। मेरे विचार से यह कर्तव्य से विमुख होना है."

(पीटीआई-भाषा)

लंदन : ब्रिटेन के सांसदों ने संसद को जान-बूझकर गुमराह करने का बोरिस जॉनसन पर आरोप लगाने वाली 'हाउस ऑफ कॉमन्स' समिति की रिपोर्ट का समर्थन किया है. संसद में इस रिपोर्ट पर वोटिंग हुई, जहां ब्रितानी सांसदों ने सात के मुकाबले 354 मतों से समर्थन दिया. बोरिस जॉनसन पर डाउनिंग स्ट्रीट में कोविड-19 संबंधी नियमों को तोड़कर पार्टियां आयोजित करने को लेकर सांसदों से झूठ बोलने का आरोप है. इसके बाद से अब ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की मुसीबतें बढ़ती नजर आ रही हैं. संभवतः जॉनसन से संसद भवन के लिए उनका पास भी छिना जा सकता है.

गौरतलब है कि जॉनसन ने संसद के निचले सदन 'हाउस ऑफ कॉमन्स' में कई बार इस बात से इनकार किया था कि ब्रितानी प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय 10 डाउनिंग स्ट्रीट में कोविड-19 संबंधी नियम तोड़कर पार्टी आयोजित की गईं. जॉनसन द्वारा संसद को गुमराह किए जाने संबंधी इस मामले को 'पार्टीगेट' नाम दिया गया है. जॉनसन (58) ने समिति के सदस्यों पर अपने पीछे पड़ जाने का आरोप लगाते हुए संसद सदस्यता से पहले ही इस्तीफा दे दिया है.

'कंजर्वेटिव पार्टी' के नेता जॉनसन ने संसद की विशेषाधिकार समिति (कॉमन्स प्रिविलेजेस कमेटी) की अंतिम रिपोर्ट के मसौदे को देखने के बाद संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और अब वह पूर्व सांसदों को मिलने वाली संसद तक विशेष पहुंच का अधिकार भी खो देंगे. रिपोर्ट के निष्कर्षों पर बहस करने के लिए उनके कई सहयोगी और विपक्षी सदस्य सोमवार को 'हाउस ऑफ कॉमन्स' में एकत्र हुए और ज्यादातर ने पूर्व प्रधानमंत्री के कार्यों की निंदा की.

पढ़ें : वॉल स्ट्रीट जर्नल के इंटरव्यू में बोले पीएम मोदी- 'हम तटस्थ नहीं, शांति के पक्ष में'

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और 'कंजर्वेटिव पार्टी' के कई अन्य सदस्य रिपोर्ट के निष्कर्षों पर बहस या टिप्पणी में शामिल नहीं हुए, जिसकी विपक्षी लेबर पार्टी के कई सांसदों ने घंटों चले सत्र के दौरान निंदा की. लेबर पार्टी के जेस फिलिप्स ने कहा, "यह शर्मनाक है कि इस देश के प्रधानमंत्री यह भी नहीं बता सकते कि यदि आज वह यहां आते तो किसके लिए वोट देते। मेरे विचार से यह कर्तव्य से विमुख होना है."

(पीटीआई-भाषा)

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