वाशिंगटन: अमेरिका में पीड़ितों से वायर ट्रांसफर में अवैध रूप से 1.2 मिलियन अमरीकी डालर की धोखाधड़ी की साजिश में उनकी भूमिका के लिए दो भारतीय नागरिकों को 41 महीने जेल की सजा सुनाई गई है. अमेरिकी वकील ने यह जानकारी दी. अटॉर्नी फिलिप आर. सेलिंगर ने मंगलवार को कहा की कि अरुशोबाइक मित्रा (29) और गरबिटा मित्रा (25) को पहले अमेरिकी जिला न्यायाधीश एस्थर सालास के समक्ष वायर धोखाधड़ी की साजिश के एक मामले में दोषी ठहराया गय. था.
सेलिंगर ने कहा, 'इन प्रतिवादियों और उनके साजिशकर्ताओं ने छल और धमकियों का इस्तेमाल करके हमारे कुछ सबसे कमजोर नागरिकों को शिकार बनाया और उन्हें पैसे भेजने के लिए मजबूर किया.' इस मामले में दायर दस्तावेजों और एक अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी योजना के हिस्से के रूप में अदालत में दिए गए बयानों के अनुसार, भारत-आधारित कॉल सेंटरों ने आपराधिक रूप से अमेरिकी निवासियों विशेष रूप से बुजुर्गों को धोखा देने के इरादे से देश भर में संपर्क करने के लिए स्वचालित रोबोकॉल का उपयोग किया.
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एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन स्वचालित कॉलों के माध्यम से पीड़ितों के साथ संपर्क स्थापित करने के बाद साजिश को आगे बढ़ाया गया और वायर ट्रांसफर के माध्यम से बड़ी रकम भेजने के लिए मजबूर या बरगलाया गया. संघीय अभियोजकों ने आरोप लगाया कि इन षड्यंत्रकारियों ने पीड़ितों को पैसे भेजने के लिए मनाने के लिए कई तरह की साजिशों का इस्तेमाल किया, जिसमें सामाजिक सुरक्षा प्रशासन जैसी एजेंसियों के सरकारी अधिकारियों का रूप धारण करना, या एफबीआई या डीईए के कानून प्रवर्तन अधिकारियों का प्रतिरूपण करना शामिल था. पीड़ितों को गंभीर कानूनी या वित्तीय परिणाम भुगतने की धमकी दी गई. वायर ट्रांसफर पैसे ट्रांसफर करने का एक इलेक्ट्रॉनिक तरीका है.