मॉस्को : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने करीब एक साल से भी अधिक समय के बाद अपने देश की संयुक्त सदनों को संबोधित किया. इस भाषण को बहुत ही अहम माना जा रहा है. रूस के संविधान में राष्ट्रपति का सालाना भाषण अनिवार्य है, लेकिन पुतिन ने 2022 में एक बार भी राष्ट्र के प्रति संबोधन नहीं किया. इसका कारण यह था कि उनकी सेना यूक्रेन में थी और उन्हें बार-बार नुकसान का भी सामना करना पड़ा.
पुतिन ने मंगलवार को अपने स्टेट ऑफ द नेशन संबोधन में युद्ध शुरू करने के लिए पश्चिम और यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि हम इसे रोकने के लिए बल का प्रयोग कर रहे हैं. संघीय विधानसभा को अपने संबोधन में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि यूक्रेन और डोनबास झूठ के मिशाल बन गए हैं. पुतिन ने पश्चिमी देशों पर समझौते से पीछे हटने, गलत बयानबाजी करने और नाटो का विस्तार करने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, "मैं दोहराना चाहता हूं. यह वही हैं, जो युद्ध के लिए जिम्मेदार हैं और हम इसे रोकने के लिए बल का उपयोग कर रहे हैं." पुतिन ने यह भी दावा किया कि रूस ने शांतिपूर्ण तरीके से यूक्रेन के अलगाववादी डोनबास क्षेत्र में संघर्ष को सुलझाने की कोशिश की. हम इस समस्या को शांतिपूर्वक हल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे है, इस कठिन संघर्ष से शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत कर रहे है, लेकिन हमारी पीठ के पीछे एक बहुत ही अलग साजिश रची जा रही है. उन्होंने कहा, पश्चिमी देशों ने यूक्रेन में वही खेल खेला है, जो उन्होंने सीरिया और ईराक के साथ किया था.
गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच पिछले एक साल से युद्ध चल रहा है. हालांकि, रूस इसे विशेष सैन्य अभियान मानता है. इस मौके पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी संसद के संयुक्त सदन को संबोधित किया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वे किसी भी तरह का खून-खराबा नहीं चाहते हैं. उन्होंने कहा कि यूक्रेन ने शांति प्रक्रिया का मजाक बना दिया. और पश्चिमी देश अपने हथियार बेचने में लगे हुए हैं. अमेरिका ने इसकी आड़ में हथियार बेचे. पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देशों ने शांति के कोई प्रयास नहीं किए, बल्कि उन्होंने बातचीत को ही नजरअंदाज कर दिया.
पुतिन ने अपने संबोधन में कहा कि यह कोई पहली बार हुआ है, ऐसा नहीं है. अमेरिका ने सीरिया और इराक में क्या किया, सबको पता है. किस तरह का खेल खेला गया, यह किसी से छिपा नहीं है. पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देशों ने लीबिया को तबाह कर दिया. उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश सिर्फ आग को हवा देना जानते हैं. आपको बता दें कि यह पहली बार है कि पुतिन ने 2021 के बाद संयुक्त सदनों को संबोधित किया है. इस संबोधन पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं.
उन्होंने कहा कि कीव सरकार से लगातार धमकियों और घृणा के साथ-साथ रूस नाजी खतरे का सामना कर रहा था. पुतिन ने आगे दावा किया कि यूक्रेन रूस के उनकी सहायता के लिए आने का इंतजार कर रहा था. पश्चिम के खिलाफ अपना गुस्सा जारी रखते हुए, राष्ट्रपति ने कहा, "उन्हें लोगों के दुखों और त्रासदी से कोई मतलब नहीं है. वह लोकतंत्र और स्वतंत्रता की आड़ में ठगने का काम करते है. उनका उद्देश्य पूर्व की ओर आक्रामकता को निर्देशित करना और प्रतिस्पर्धा को खत्म करना है. पश्चिम इस संघर्ष को काफी बढ़ा-चढ़ाकर बता रहा है."
युद्ध के दौरान जान और माल का नुकसान तो होता ही है, लेकिन उससे परे युद्ध विश्व की तस्वीर बदलने का काम भी करते हैं. युद्ध कुलों, संस्कृतियों और नेताओं के साथ साथ समाजों और राज्यों के समग्र भाग्य को बदल देते हैं. युद्ध संसाधनों और प्रभाव तक पहुंच के नये रास्ते स्थापित करते हैं, यह निर्धारित करते हुए कि किसके पास क्या है - और किसके पास नहीं है. वे इस बात के लिए मिसाल कायम करते हैं कि भविष्य के युद्ध कैसे न्यायोचित हैं और विजय के प्रयास के मामले में, युद्ध अंततः विश्व राजनीति के नक्शे को फिर से आकार दे सकते हैं.
बीबीसी ने बताया कि युद्ध के घरेलू प्रभावों के संदर्भ में, पुतिन ने शिक्षकों, बिल्डरों और किसानों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने फ्रंट लाइन पर लड़ाई लड़ी है. राष्ट्रपति ने एक विशेष सरकारी फाउंडेशन के निर्माण के साथ रूसी सैनिकों के समर्थन का भी वादा किया जिसका काम आक्रमण में भाग लेने वालों और उनके परिवारों को लक्षित सहायता प्रदान करना होगा. उनका कहना है कि यह सामाजिक और चिकित्सा सहायता के साथ-साथ रोजगार और उद्यमिता का समन्वय करेगा.
मॉस्को के यूक्रेन पर चल रहे आक्रमण की पहली वर्षगांठ से तीन दिन पहले और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के कीव दौरे के एक दिन बाद पुतिन का यह बयान सामने आया है. बाइडेन ने यूक्रेन के लिए अपने देश के समर्थन की पुष्टि की और रूस के लिए नए प्रतिबंधों का वादा किया.
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(एएनआई-आईएएनएस)