पोक्रोव्स्क (यूक्रेन) : रूस ने शुक्रवार को मारियुपोल पर कब्जा करने का दावा किया, जो युद्ध में उसकी अब तक की सबसे बड़ी जीत हो सकती है. करीब तीन महीने तक रूसी सैनिकों की घेराबंदी में रहा यह बंदरगाह शहर अब मलबे के ढेर में तब्दील हो गया है. यहां 20,000 से अधिक नागरिकों के मारे जाने की आशंका है. रूस के रक्षा मंत्री सर्गेइ शोइगु ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को मारियुपोल में अजोवस्तल इस्पात संयंत्र और पूरे शहर की 'पूरी तरह मुक्ति' की जानकारी दी. यह इस्पात संयंत्र यूक्रेनी प्रतिरोध का प्रतीक बन गया था.
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अभी यूक्रेन ने इसकी कोई पुष्टि नहीं की है. रूस की सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती ने मंत्रालय के हवाले से कहा कि सोमवार से लेकर अब तक संयंत्र में छिपे कुल 2,439 यूक्रेनी लड़ाकों ने आत्मसमर्पण कर दिया है, जिनमें से 500 से अधिक लड़ाकों ने शुक्रवार को आत्मसमर्पण किया. आत्मसमर्पण करने पर सैनिकों को रूस ने बंदी बना लिया और कुछ को दूरस्थ स्थानों पर ले जाया गया. रूसी प्राधिकारियों ने इस्पात संयंत्र में छिपे कुछ लड़ाकों को 'नाजी' तथा अपराधी बताते हुए उन पर युद्ध अपराध के लिए मुकदमा चलाने की धमकी दी है.
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सैन्य विश्लेषकों का कहना है कि मारियुपोल को कब्जे में लेना इस वक्त सांकेतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है. शुक्रवार को अन्य घटनाक्रम में पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को अरबों रुपये की और वित्तीय सहायता दी तथा डोनबास में लड़ाई तेज हो गई है. यूक्रेनी प्राधिकारियों ने बताया कि रूसी सेना ने लुहांस्क क्षेत्र में एक अहम शहर पर हमले किए तथा एक मुख्य राजमार्ग पर बम बरसाए. एक स्कूल पर भी हमला किया गया. यह क्षेत्र डोनबास का ही हिस्सा है.
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