कीव : रूस ने बुधवार को दावा किया कि मारियुपोल के एक बड़े इस्पात संयंत्र में करीब 1,000 यूक्रेनी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया है. इसके साथ ही, यूक्रेनी सैनिकों ने एक ऐसे स्थल की रक्षा करना छोड़ दिया, जो देश के प्रतिरोध का एक प्रतीक था. इस घटनाक्रम के बाद बंदरगाह शहर मारियुपोल में लड़ाई खत्म हो गई प्रतीत हो रही है. इस बीच यूक्रेन में युद्ध अपराध के मामलों में सुनवाई का सामना कर रहे रूसी सैनिक ने एक आम नागरिक की हत्या करने का आरोप स्वीकार कर लिया और उसे कारावास की सजा हो सकती है.
चेक गणराज्य की सरकार ने फिनलैंड और स्वीडन के नाटो की सदस्यता के लिए अनुरोध प्रस्तुत किए जाने के कुछ ही घंटों बाद सर्वसम्मति से इसे मंजूरी दे दी. यूक्रेन ने अपने लड़ाकों को अपनी जान बचाने का आदेश दिया और कहा कि रूसी सैनिकों का मुकाबला करने का उनका मिशन अब पूरा हो गया है लेकिन संयंत्र से बाहर निकल रहे सैनिकों को आत्मसमर्पण करने के लिए नहीं कहा. इसके चलते, यूक्रेनी सैनिकों का भविष्य अनिश्चित नजर आ रहा है. यूक्रेन का कहना है कि वह युद्ध बंदियों की अदला-बदली की उम्मीद कर रहा है जबकि रूस उनमें से कुछ पर युद्ध अपराध की कार्रवाई करने की सोच रहा. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि संयंत्र के अंदर कितने लड़ाके शेष रह गए हैं. वहीं, यूक्रेन का यह शहर काफी हद तक मलबे के ढेर में तब्दील हो गया है.
रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि मारियुपोल शहर में यूक्रेन के कब्जे वाले आखिरी क्षेत्र में छुपे करीब एक हजार यूक्रेनी सैनिक वहां से चले गए हैं. रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनशेनकोव ने बुधवार को कहा कि सोमवार से 959 यूक्रेनी सैनिक अजोवस्तल इस्पात संयंत्र को छोड़ कर चले गए हैं. रूसी समाचार एजेंसियों की खबरों के मुताबिक, रूस की संसद की योजना अजोव लड़ाकों की अदला-बदली रोकने के लिए बुधवार को एक प्रस्ताव लाने की है. वहीं, यूक्रेन की उप रक्षा मंत्री हना मैलियर ने कहा कि लड़ाकों की रिहाई के लिए वार्ता जारी है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलदिमीर जेलेंस्की ने कहा, 'सर्वाधिक प्रभावशाली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थ इस कार्य में लगे हुए हैं.' उल्लेखनीय है कि रूस ने यूक्रेन पर अपने आक्रमण की शुरूआत से मारियुपोल को निशाना बनाया है.
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(पीटीआई-भाषा)