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हसीना का संयुक्त राष्ट्र से रोहिंग्या मुद्दे पर प्रभावी भूमिका निभाने का आग्रह - पर्यावरण सुरक्षा सामाजिक राजनीतिक स्थिरता प्रभाव

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने संयुक्त राष्ट्र से रोहिंग्या शरणार्थियों की समस्या को दूर करने में प्रभावी भूमिका निभाने का आग्रह किया.

ROHINGYAS CAUSE SERIOUS RAMIFICATIONS ON COUNTRYS ECONOMY ENVIRONMENT BANGLADESH PM SHEIKH HASINA AT UNGA
हसीना का संयुक्त राष्ट्र से रोहिंग्या मुद्दे पर प्रभावी भूमिका निभाने का आग्रह
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Published : Sep 24, 2022, 7:18 AM IST

Updated : Sep 24, 2022, 7:33 AM IST

न्यूयॉर्क: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, सुरक्षा और देश की सामाजिक-राजनीतिक स्थिरता पर गंभीर प्रभाव डाल रहे हैं. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से इस मुद्दे पर प्रभावी भूमिका निभाने का आग्रह किया.

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77 वें सत्र को संबोधित करते हुए, बांग्लादेश के पीएम ने कहा, 'बांग्लादेश में रोहिंग्याओं की लंबे समय तक उपस्थिति ने अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, सुरक्षा और सामाजिक-राजनीतिक स्थिरता पर गंभीर प्रभाव डाला है.' पीएम हसीना न्यूयॉर्क में यूएनजीए की बैठक में शामिल हुईं. बैठक में उन्होंने कहा कि प्रत्यावर्तन पर अनिश्चितता के कारण देश में व्यापक निराशा हुई और मानव एवं मादक पदार्थों की तस्करी सहित सीमा पार से संगठित अपराध भी बढ़ रहे हैं.

पीएम हसीना ने कहा, 'स्थिति संभावित रूप से कट्टरता को बढ़ावा दे सकती है. अगर समस्या आगे बनी रहती है, तो यह क्षेत्र और उससे आगे की सुरक्षा और स्थिरता को प्रभावित कर सकती है.' 2017 में म्यांमार से बांग्लादेश में रोहिंग्याओं के बड़े पैमाने पर पलायन के पांच वर्षों को याद करते हुए, हसीना ने कहा कि नायपीडॉ के साथ जुड़ाव और संयुक्त राष्ट्र के साथ जुड़ाव के बावजूद, 'एक भी रोहिंग्या को म्यांमार में उनके पैतृक घरों में वापस नहीं लाया गया.'

उन्होंने कहा, 'देश में चल रहे राजनीतिक उथल-पुथल और हथियारों के संघर्ष ने रोहिंग्याओं की वापसी को और भी मुश्किल बना दिया है. मुझे उम्मीद है कि संयुक्त राष्ट्र इस संबंध में प्रभावी भूमिका निभाएगा.' हमें यह साबित करने की आवश्यकता है कि संकट के समय में, संयुक्त राष्ट्र बहुपक्षीय प्रणाली की आधारशिला है. इसलिए, सभी स्तरों पर लोगों का विश्वास और विश्वास हासिल करने के लिए, संयुक्त राष्ट्र को सामने से नेतृत्व करना चाहिए और हम सभी की उम्मीदों को पूरा करने के लिए काम करना चाहिए.

ये भी पढ़ें- स्वतंत्र व मुक्त हिंद-प्रशांत के बारे में अमेरिकी नजरिये के केंद्र में है भारत: पेंटागन

उन्होंने आगे कहा, 'बांग्लादेश का मानना है कि युद्ध या आर्थिक प्रतिबंध, प्रति-प्रतिबंध जैसी दुश्मनी कभी किसी देश का भला नहीं कर सकती. संकटों और विवादों को सुलझाने के लिए संवाद सबसे अच्छा तरीका है.' हसीना ने आज संकटों और विवादों को सुलझाने के लिए बातचीत को अत्यधिक महत्व दिया, विश्व समुदाय से शांतिपूर्ण विश्व के निर्माण के लिए हथियारों की होड़, युद्ध और प्रतिबंधों को रोकने का आग्रह किया.

न्यूयॉर्क: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, सुरक्षा और देश की सामाजिक-राजनीतिक स्थिरता पर गंभीर प्रभाव डाल रहे हैं. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से इस मुद्दे पर प्रभावी भूमिका निभाने का आग्रह किया.

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77 वें सत्र को संबोधित करते हुए, बांग्लादेश के पीएम ने कहा, 'बांग्लादेश में रोहिंग्याओं की लंबे समय तक उपस्थिति ने अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, सुरक्षा और सामाजिक-राजनीतिक स्थिरता पर गंभीर प्रभाव डाला है.' पीएम हसीना न्यूयॉर्क में यूएनजीए की बैठक में शामिल हुईं. बैठक में उन्होंने कहा कि प्रत्यावर्तन पर अनिश्चितता के कारण देश में व्यापक निराशा हुई और मानव एवं मादक पदार्थों की तस्करी सहित सीमा पार से संगठित अपराध भी बढ़ रहे हैं.

पीएम हसीना ने कहा, 'स्थिति संभावित रूप से कट्टरता को बढ़ावा दे सकती है. अगर समस्या आगे बनी रहती है, तो यह क्षेत्र और उससे आगे की सुरक्षा और स्थिरता को प्रभावित कर सकती है.' 2017 में म्यांमार से बांग्लादेश में रोहिंग्याओं के बड़े पैमाने पर पलायन के पांच वर्षों को याद करते हुए, हसीना ने कहा कि नायपीडॉ के साथ जुड़ाव और संयुक्त राष्ट्र के साथ जुड़ाव के बावजूद, 'एक भी रोहिंग्या को म्यांमार में उनके पैतृक घरों में वापस नहीं लाया गया.'

उन्होंने कहा, 'देश में चल रहे राजनीतिक उथल-पुथल और हथियारों के संघर्ष ने रोहिंग्याओं की वापसी को और भी मुश्किल बना दिया है. मुझे उम्मीद है कि संयुक्त राष्ट्र इस संबंध में प्रभावी भूमिका निभाएगा.' हमें यह साबित करने की आवश्यकता है कि संकट के समय में, संयुक्त राष्ट्र बहुपक्षीय प्रणाली की आधारशिला है. इसलिए, सभी स्तरों पर लोगों का विश्वास और विश्वास हासिल करने के लिए, संयुक्त राष्ट्र को सामने से नेतृत्व करना चाहिए और हम सभी की उम्मीदों को पूरा करने के लिए काम करना चाहिए.

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उन्होंने आगे कहा, 'बांग्लादेश का मानना है कि युद्ध या आर्थिक प्रतिबंध, प्रति-प्रतिबंध जैसी दुश्मनी कभी किसी देश का भला नहीं कर सकती. संकटों और विवादों को सुलझाने के लिए संवाद सबसे अच्छा तरीका है.' हसीना ने आज संकटों और विवादों को सुलझाने के लिए बातचीत को अत्यधिक महत्व दिया, विश्व समुदाय से शांतिपूर्ण विश्व के निर्माण के लिए हथियारों की होड़, युद्ध और प्रतिबंधों को रोकने का आग्रह किया.

Last Updated : Sep 24, 2022, 7:33 AM IST
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