अंकारा: तुर्की के रेसेप तैयप एर्दोगन ने तीसरी बार राष्ट्रपति के तौर पर शनिवार को शपथ ली. एर्दोगन प्रधानमंत्री के रूप में सत्ता में रहने के बाद साल 2003 से देश के राष्ट्रपति हैं. उन्होंने 28 मई को 52.2 प्रतिशत वोटों के साथ अपने विपक्षी केमल किलिकडारोग्लू को हराया था. आपको बता दें कि वह तीन बार देश के प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं.
आपको बता दें कि एर्दोआन ने पिछले हफ्ते हुए राष्ट्रपति का चुनाव जीता. इसके साथ ही तुर्की का उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सदस्य देश में उनके 20 वर्षों के शासन को और पांच साल की अवधि के लिए बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त हो गया. एर्दोगन प्रधानमंत्री के रूप में सत्ता में रहने के बाद साल 2003 से देश के राष्ट्रपति हैं. 69 वर्षीय नेता एर्दोगन एक आर्थिक संकट के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होंगे, जिसने महंगाई और मुद्रा के पतन को देखा है.
उन्होंने शनिवार को शपथ लेने के बाद अपनी नई सरकार का ऐलान किया. उन्होंने एक प्रसिद्ध पूर्व बैंकर मेहमत सिमसेक को वित्त मंत्री बनाया है. अंकारा संसद में एक समारोह में एर्दोगन ने कहा कि मैं राष्ट्रपति के रूप में देश के अस्तित्व और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए महान तुर्की राष्ट्र और इतिहास के समक्ष अपने सम्मान और अखंडता की शपथ लेता हूं.
अल जजीरा के अनुसार एर्दोगन को लाइव प्रसारण के दौरान यह कहते हुए सुना गया कि हम सभी 85 मिलियन लोगों (देश में) को उनके राजनीतिक विचारों, मूल या संप्रदाय की परवाह किए बिना गले लगाएंगे. शनिवार को उद्घाटन के बाद देश की राजधानी स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक शानदार कार्यक्रम में कई विदेशी नेताओं ने शिरकत की.
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फरवरी में 50 हजार से अधिक लोगों की जान लेने वाले भयानक भूकंप के बाद आर्थिक संकट और आलोचना के बावजूद राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने 28 मई को एक मजबूत विपक्षी गठबंधन के खिलाफ चुनाव जीता. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार एर्दोगन को 52.2 प्रतिशत वोट मिले जबकि केमल किलिकडारोग्लू को 47.8 प्रतिशत वोट मिले थे.
(एएनआई)