रावलपिंडी: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान ने शनिवार को रावलपिंडी में एक रैली में घोषणा की कि उनकी पार्टी ने सभी असेंबली से इस्तीफा देने का फैसला किया है. साथ ही इमरान खान ने आरोप लगाया कि इस महीने की शुरुआत में उनकी हत्या के नाकाम प्रयास में शामिल 'तीन अपराधीट उन्हें फिर से निशाना बनाने की ताक में हैं.
-
PTI Chairman Imran Khan at a public gathering in Pakistan's Rawalpindi announces that his party has decided to resign from all the Assemblies: Pakistan media
— ANI (@ANI) November 26, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
(file photo) pic.twitter.com/Wgot9JWsV3
">PTI Chairman Imran Khan at a public gathering in Pakistan's Rawalpindi announces that his party has decided to resign from all the Assemblies: Pakistan media
— ANI (@ANI) November 26, 2022
(file photo) pic.twitter.com/Wgot9JWsV3PTI Chairman Imran Khan at a public gathering in Pakistan's Rawalpindi announces that his party has decided to resign from all the Assemblies: Pakistan media
— ANI (@ANI) November 26, 2022
(file photo) pic.twitter.com/Wgot9JWsV3
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की रैली को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि उनका मौत के साथ करीबी सामना हुआ था और उन्होंने अपने ऊपर हमले के दौरान गोलियों को सिर के ऊपर से गुजरते हुए देखा था. रावलपिंडी में ही सेना का भी मुख्यालय है.
खान (70) ने बार-बार आरोप लगाया है कि उन पर हमले के पीछे प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और खुफिया एजेंसी आईएसआई के 'काउंटर इंटेलिजेंस विंग' के प्रमुख मेजर-जनरल फैसल नसीर थे. खान ने अपने समर्थकों से आह्वान किया कि अगर वे आजादी से जीना चाहते हैं तो मौत के डर से बेखौफ हो जाएं. उन्होंने कर्बला की लड़ाई का जिक्र करते हुए कहा कि 'डर पूरे देश को गुलाम बना देता है.' कर्बला में पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या कर दी गई थी क्योंकि उन्होंने अपने समय के अत्याचारी शासक के खिलाफ आवाज उठाई थी.
खान, शनिवार को रावलपिंडी में एक हेलीकॉप्टर से पहुंचे. उनके साथ डॉक्टरों की एक टीम भी थी. पूर्व प्रधानमंत्री खान ने कहा कि जब वह लाहौर से निकल रहे थे तो सभी ने उन्हें सलाह दी कि वह अभी घायल हैं इसलिए ना जाएं क्योंकि इससे खतरा हो सकता है. खान ने कहा कि वह इसलिए आगे बढ़े क्योंकि उन्होंने मौत को करीब से देखा था. उन्होंने कहा, 'यदि आप जीना चाहते हैं, तो मौत का खौफ छोड़ दें.' खान ने कहा कि राष्ट्र एक 'निर्णायक बिंदु' और 'चौराहे' पर खड़ा है, जिसके सामने दो रास्ते हैं- एक रास्ता दुआओं और महानता का है जबकि दूसरा रास्ता अपमान और विनाश का है. (इनपुट-भाषा)