इस्लामाबाद/लाहौर : लाहौर हाई कोर्ट ने आज यहां संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) प्रतिबंधित फंडिंग मामले में पूर्व प्रधानमंत्री तथा पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान को राहत प्रदान करते हुए उन्हें तीन मार्च तक के लिए जमानत दे दी है. इससे पहले मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इमरान खान गिरफ्तारी के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. वहीं. एफआईए के डीजी को समरी रिपोर्ट भेजी जा चुकी है.
जानकारी के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी लाहौर किए जाने की आशंका को देखते हुए उनके लाहौर स्थित आवास के बाहर समर्थकों का हुजूम भी जमा होने लगा था. इससे पहले, संघीय एजेंसी ने विदेशी वित्तपोषण के आरोपों पर इमरान खान और दस अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था. ये मामला एफआईए कॉर्पोरेट बैंकिंग सर्किल की ओर से दर्ज किया गया था. इस मामले में इमरान खान और दस अन्य के खिलाफ कथित तौर पर विदेशी मुद्रा अधिनियम का उल्लंघन और सभी नामित व्यक्ति निजी बैंक खाते के लाभार्थी होने का आरोप लगाया गया था.
2014 में, मामला पहली बार पीटीआई के संस्थापक सदस्य अकबर एस बाबर द्वारा दायर किया गया था, जिन्होंने पार्टी के वित्त पोषण में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया था. हालांकि, पार्टी ने मामले के बाद किसी भी गलत काम से इनकार कर दिया है. 2018 में, पार्टी के वित्त पोषण की जांच के लिए एक स्क्रूटनी कमेटी का गठन किया गया, जिसने 95 सुनवाई और लगभग चार वर्षों के बाद जनवरी 2022 में अपनी रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पार्टी के नेतृत्व ने विदेशियों से बिना किसी स्रोत और विवरण के धन संग्रह की अनुमति देकर वित्त पोषण कानूनों का घोर उल्लंघन किया गया है.
इमरान के अपनी जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए लाहौर HC में पेश होने की संभावना
पाकिस्तान निर्वाचन आयोग कार्यालय के बाहर हिंसक प्रदर्शन से जुड़े एक मामले में अपनी जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के सोमवार को लाहौर उच्च न्यायालय में पेश होने की संभावना है. पिछले साल निषिद्ध वित्तपोषण मामले में खान (70) को निर्वाचन आयोग द्वारा अयोग्य घोषित किये जाने के बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था. पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों के अनुसार, मामले में अपनी जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए खान के अदालत में पेश होने की संभावना है.
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति तारिक सलील शेख कर रहे हैं. सुनवाई से पहले उच्च न्यायालय के मुख्य द्वार पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. इस्लामाबाद के एक आतंकवाद रोधी अदालत ने पिछले हफ्ते इस केस में उनकी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया था.