इस्लामाबाद : पाकिस्तान की सेना ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद देश में राजनीतिक उथल-पुथल और बिगड़ती कानून व्यवस्था के बीच देश में मार्शल लॉ लगाने की संभावना से इनकार किया है. इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर समेत समस्त सैन्य नेतृत्व लोकतंत्र में विश्वास रखता है. आईएसपीआर के महानिदेशक मेजर जनरल अहमद शरीफ चौधरी की यह टिप्पणी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी के कारण लगभग चार दिनों तक चले राजनीतिक उथल-पुथल के बाद आई है, जिसमें सेना के प्रतिष्ठान भी शामिल हैं.
इस दौरान रावलपिंडी में जनरल मुख्यालय समेत सैन्य प्रतिष्ठानों को भी निशाना बनाया गया है. चौधरी ने जियो न्यूज से कहा, "देश में सैन्य शासन लागू करने का कोई सवाल ही नहीं है." उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर और पूरा सैन्य नेतृत्व लोकतंत्र में विश्वास रखता है. चौधरी ने जोर देकर कहा कि सेना की एकता अटूट है और यह देश के लिए स्थिरता व सुरक्षा स्तंभ के रूप में काम करती रहेगी. मेजर जनरल चौधरी ने कहा कि आंतरिक उपद्रवियों और बाहरी दुश्मनों के बावजूद सेना एकजुट है.
उन्होंने कहा, "पाकिस्तानी सेना को बांटने का सपना सपना ही रहेगा, सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के नेतृत्व में सेना एकजुट है और रहेगी." मेजर जनरल चौधरी ने जनता और मीडिया से निराधार अटकलों पर भरोसा करने के बजाय आधिकारिक स्रोतों से सत्यापित जानकारी पर भरोसा करने का आह्वान किया. 09 मई को इमरान खान को गिरफ्तार किए जाने के बाद जब दंगाइयों ने कोर्प्स कमांडर के लाहौर स्थित आवास में तोड़फोड़ की तो कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाने के बाद सेना सवालों के घेरे में आ गई.
गौरतलब है कि सेना पाकिस्तान की सबसे शक्तिशाली संस्था बनी हुई है, जिसने तीन तख्तापलट के माध्यम से अपने 75 साल के इतिहास के लगभग आधे समय तक प्रत्यक्ष रूप से शासन किया है. बता दें कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से गत मंगलवार को अर्धसैनिक रेंजरों द्वारा इमरान खान की नाटकीय गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा में कम से कम 10 लोग मारे गए हैं. इस्लामाबाद हाई कोर्ट द्वारा इमरान खान को राहत मिलने के बाद देश में अशांति फिलहाल थम गई है.
(पीटीआई-भाषा)