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Jon Fosse : साहित्य की कौन-सी विधा में पारंगत हैं नोबेल जीतने वाले जॉन फॉसे, जानें

साहित्य का नोबेल जीतने वाले नॉर्वे के रचनाकार जॉन फॉसे को अनकही बातों को मुखर होकर कहने के लिए जाना जाता है. उनका नाटक काफी लोकप्रिय रहा है. साथ ही वह गद्य लेखन में माहिर समझे जाते हैं.

john fosse
जॉन फॉसे
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By IANS

Published : Oct 5, 2023, 7:12 PM IST

Updated : Oct 5, 2023, 7:35 PM IST

स्टॉकहोम/नई दिल्ली : कम चर्चित लेखकों को दुनिया की सुर्खियों में लाने के मानक के अनुरूप, स्वीडिश अकादमी ने गुरुवार को नॉर्वेजियन उपन्यासकार और नाटककार जॉन फॉसे को वर्ष 2023 के लिए साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्‍मानित करने की घोषणा की. 64 वर्षीय फॉसे को उनके नवोन्वेषी नाटकों और गद्य के लिए, इस पुरस्कार के लिए चुना गया है, क्‍योंकि वह "अनकही बातों को मुखर होकर उजागर करते हैं".

  • Jon Fosse – awarded the 2023 #NobelPrize in Literature – has much in common with his great precursor in Norwegian Nynorsk literature Tarjei Vesaas. Fosse combines strong local ties, both linguistic and geographic, with modernist artistic techniques. He includes in his… pic.twitter.com/FkoP8j737R

    — The Nobel Prize (@NobelPrize) October 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सन् 1959 में पश्चिमी तटीय नॉर्वे में जन्मे फॉसे, जिनका नार्वेजियन के नाइनोर्स्क संस्करण में काम नाटक, उपन्यास, कविता, निबंध, बच्चों की किताबें और अनुवाद तक फैला हुआ है, सबसे व्यापक रूप से जाने जानेवाले नाटककारों में से एक हैं.-हाल ही में उनका तेहरान में स्वागत हुआ है. उनका गद्य लेखन कार्य, जो 1983 में पहले उपन्यास "रॉड्ट, स्वार्ट" (रेड, ब्लैक) से शुरू हुआ, उसे काफी प्रसिद्धि मिली थी.

वह 1999 में अपने नाटक "नोकोन केजेम टिल ए कोमे" (1996; "समवन इज़ गोइंग टू कम", अंग्रेजी 2002) के पेरिस प्रदर्शन से सुर्खियों में आए, जो सबसे सरल शब्दों में, चिंता और शक्तिहीनता की महत्वपूर्ण मानवीय भावनाओं को प्रदर्शित करता है. हालांकि, उनकी भावना सैमुअल बेकेट, थॉमस बर्नहार्ड और जॉर्ज ट्राकल जैसे पूर्वजों की तरह नकारात्मक है. जबकि फॉसे अपने पूर्ववर्तियों के नकारात्मक दृष्टिकोण को साझा करते हैं, वह पूरी तरह से शून्यवादी नहीं हैं, क्योंकि उनके कार्यों में अधिक स्वास्थ्यप्रद भावनाओं और हास्य को भी देखा जा सकता है.

उनका दूसरा उपन्यास "स्टेंगड गिटार" (1985, क्लोज्ड गिटार) है, जो उनकी विशिष्ट शैली में एक युवा महिला के माध्यम से मानवीय चिड़चिड़ापन की एक गंभीर कहानी पेश करता है. वह महिला अपने घर में अपने बच्चे के साथ कैद थी. दूसरी ओर, उनका नाटक "नट्टा सिंग साइन सोंगर" (1998; "नाइटसॉन्ग्स", 2002) एक महिला की अपने वर्तमान को त्यागने के बाद एक नए रिश्ते पर विचार करने की लंबे समय से चली आ रही अनिर्णीत दुविधा को दर्शाता है.

दुखद "डोड्सवेरियसजोनर" (2002; डेथ वेरिएशन्स, 2004) एक लड़की के बारे में एकल-अभिनय नाटक है, जो आत्महत्या कर लेती है. उसकी मौत के समय से पीछे की कहानी बताई गई है, और इसमें विभिन्न पीढ़ियों के छह अनाम पात्रों द्वारा उसका संक्षिप्त विवरण दिया गया है.

उनकी एक प्रमुख गद्य कृति बाइबिल आधारित गाथा "त्रिलोगियन" (त्रयी, 2016) है, जिसमें "एंडवेक" (2007), "ओलाव्स ड्रूमर" (2012) और "क्वेल्ड्सवेव्ड (2014) शामिल हैं, जहां प्रेम जैसी अधिक स्पष्ट भावनाएं हैं और हिंसा का चित्र, बंजर तटीय परिदृश्य पर स्थापित है, जहां उनके लगभग सभी काल्पनिक कार्य सेट हैं.

एक अन्य प्रमुख कृति उपन्यास "डेट एर एलेस" (2004, "एलिस एट द फायर", 2010) है, जिसमें लगभग छह दर्जन पृष्ठों में जीवन और मृत्यु के बीच अनसुलझी छायादार सीमा पर 200 प्रश्‍नों पर चर्चा की गई है. उनका सबसे उल्लेखनीय उपन्‍यास "सेप्टोलॉजी" 2021 में पूरा हुआ था. 1,200 से अधिक पृष्ठों के इस उपन्‍यास में एक बुजुर्ग कलाकार सात दिनों के दौरान खुद से दूसरे व्यक्ति के रूप में बात करता है. 2011 में नॉर्वेजियन में बाइबिल के अनुवाद के सलाहकारों में फॉसे भी शामिल थे.

ये भी पढ़ें : Nobel Prize in Literature : नॉर्वेजियन लेखक जॉन फॉसे को साहित्य का नोबेल

स्टॉकहोम/नई दिल्ली : कम चर्चित लेखकों को दुनिया की सुर्खियों में लाने के मानक के अनुरूप, स्वीडिश अकादमी ने गुरुवार को नॉर्वेजियन उपन्यासकार और नाटककार जॉन फॉसे को वर्ष 2023 के लिए साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्‍मानित करने की घोषणा की. 64 वर्षीय फॉसे को उनके नवोन्वेषी नाटकों और गद्य के लिए, इस पुरस्कार के लिए चुना गया है, क्‍योंकि वह "अनकही बातों को मुखर होकर उजागर करते हैं".

  • Jon Fosse – awarded the 2023 #NobelPrize in Literature – has much in common with his great precursor in Norwegian Nynorsk literature Tarjei Vesaas. Fosse combines strong local ties, both linguistic and geographic, with modernist artistic techniques. He includes in his… pic.twitter.com/FkoP8j737R

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सन् 1959 में पश्चिमी तटीय नॉर्वे में जन्मे फॉसे, जिनका नार्वेजियन के नाइनोर्स्क संस्करण में काम नाटक, उपन्यास, कविता, निबंध, बच्चों की किताबें और अनुवाद तक फैला हुआ है, सबसे व्यापक रूप से जाने जानेवाले नाटककारों में से एक हैं.-हाल ही में उनका तेहरान में स्वागत हुआ है. उनका गद्य लेखन कार्य, जो 1983 में पहले उपन्यास "रॉड्ट, स्वार्ट" (रेड, ब्लैक) से शुरू हुआ, उसे काफी प्रसिद्धि मिली थी.

वह 1999 में अपने नाटक "नोकोन केजेम टिल ए कोमे" (1996; "समवन इज़ गोइंग टू कम", अंग्रेजी 2002) के पेरिस प्रदर्शन से सुर्खियों में आए, जो सबसे सरल शब्दों में, चिंता और शक्तिहीनता की महत्वपूर्ण मानवीय भावनाओं को प्रदर्शित करता है. हालांकि, उनकी भावना सैमुअल बेकेट, थॉमस बर्नहार्ड और जॉर्ज ट्राकल जैसे पूर्वजों की तरह नकारात्मक है. जबकि फॉसे अपने पूर्ववर्तियों के नकारात्मक दृष्टिकोण को साझा करते हैं, वह पूरी तरह से शून्यवादी नहीं हैं, क्योंकि उनके कार्यों में अधिक स्वास्थ्यप्रद भावनाओं और हास्य को भी देखा जा सकता है.

उनका दूसरा उपन्यास "स्टेंगड गिटार" (1985, क्लोज्ड गिटार) है, जो उनकी विशिष्ट शैली में एक युवा महिला के माध्यम से मानवीय चिड़चिड़ापन की एक गंभीर कहानी पेश करता है. वह महिला अपने घर में अपने बच्चे के साथ कैद थी. दूसरी ओर, उनका नाटक "नट्टा सिंग साइन सोंगर" (1998; "नाइटसॉन्ग्स", 2002) एक महिला की अपने वर्तमान को त्यागने के बाद एक नए रिश्ते पर विचार करने की लंबे समय से चली आ रही अनिर्णीत दुविधा को दर्शाता है.

दुखद "डोड्सवेरियसजोनर" (2002; डेथ वेरिएशन्स, 2004) एक लड़की के बारे में एकल-अभिनय नाटक है, जो आत्महत्या कर लेती है. उसकी मौत के समय से पीछे की कहानी बताई गई है, और इसमें विभिन्न पीढ़ियों के छह अनाम पात्रों द्वारा उसका संक्षिप्त विवरण दिया गया है.

उनकी एक प्रमुख गद्य कृति बाइबिल आधारित गाथा "त्रिलोगियन" (त्रयी, 2016) है, जिसमें "एंडवेक" (2007), "ओलाव्स ड्रूमर" (2012) और "क्वेल्ड्सवेव्ड (2014) शामिल हैं, जहां प्रेम जैसी अधिक स्पष्ट भावनाएं हैं और हिंसा का चित्र, बंजर तटीय परिदृश्य पर स्थापित है, जहां उनके लगभग सभी काल्पनिक कार्य सेट हैं.

एक अन्य प्रमुख कृति उपन्यास "डेट एर एलेस" (2004, "एलिस एट द फायर", 2010) है, जिसमें लगभग छह दर्जन पृष्ठों में जीवन और मृत्यु के बीच अनसुलझी छायादार सीमा पर 200 प्रश्‍नों पर चर्चा की गई है. उनका सबसे उल्लेखनीय उपन्‍यास "सेप्टोलॉजी" 2021 में पूरा हुआ था. 1,200 से अधिक पृष्ठों के इस उपन्‍यास में एक बुजुर्ग कलाकार सात दिनों के दौरान खुद से दूसरे व्यक्ति के रूप में बात करता है. 2011 में नॉर्वेजियन में बाइबिल के अनुवाद के सलाहकारों में फॉसे भी शामिल थे.

ये भी पढ़ें : Nobel Prize in Literature : नॉर्वेजियन लेखक जॉन फॉसे को साहित्य का नोबेल

Last Updated : Oct 5, 2023, 7:35 PM IST
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