स्टॉकहोम: स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम स्थित करोलिंस्का संस्थान में सोमवार को नोबेल पुरस्कार समिति प्राणीविज्ञान या चिकित्सा के क्षेत्र में विजेता अथवा विजेताओं की घोषणा करेगी. इस साल जिन लोगों को सम्मानित किया जा सकता है उनमें एमआरएनए प्रौद्योगिकी के विकास में सहायक रहे अनुसंधानकर्ताओं को शामिल किए जाने की संभावना है जिनकी वजह से कोविड-19 टीके का विकास हो पाया जिससे दुनिया भर में करोड़ों लोगों की जान बची.
पिछले साल के पुरस्कार विजेताओं में डेविड जुलियस और आर्डेम पटापुटियन शामिल थे जिनकी खोज मानव शरीर तापमान और स्पर्श को किस तरह से महसूस करता है, इस विषय पर आधारित थी. पुरस्कार में एक करोड़ स्वीडीश क्रोनोर (करीब नौ लाख अमेरिकी डॉलर) की नकद राशि प्रदान की जाएगी जो विजेताओं को 10 दिसंबर को दी जाएगी. यह राशि पुरस्कार की स्थापना करने वाले स्वीडन के आविष्कारक अल्फ्रेड नोबल द्वारा छोड़ी गई वसीयत से दी जाती है. अल्फ्रेड नोबल की मृत्यु 1895 में हुई थी.
नोबेल पुरस्कार के बारे में जानने लायक पांच बातें
अक्टूबर महीने की शुरुआत के साथ ही नोबेल पुरस्कार की सरगर्मियां तेज हो जाती हैं. छह दिन, छह पुरस्कार और दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों, लेखकों, अर्थशास्त्रियों और मानवाधिकार पैरोकारों की सूची में कुछ नए नाम जुड़ जाते हैं. सोमवार को चिकित्सा क्षेत्र के नोबेल विजेता के नाम की घोषणा के साथ ही इस वर्ष के नोबेल पुरस्कारों की शुरुआत हो जाएगी. मंगलवार को भौतिकी, बुधवार को रसायन शास्त्र और बृहस्पतिवार को साहित्य के नोबेल विजेताओं के नाम का ऐलान किया जाएगा. वहीं, नोबेल शांति पुरस्कार के विजेता की घोषणा शुक्रवार को होगी, जबकि अर्थशास्त्र के नोबेल के विजेता का ऐलान 10 अक्टूबर को किया जाएगा.
आइए इस प्रतिष्ठित पुरस्कारों की पांच खास बातों पर नजर डालें-
1. नोबेल की स्थापना किसने की?
एक धनी स्वीडिश उद्योगपति और डाइनामाइट के आविष्कारक सर एल्फ्रेड नोबेल की वसीहत के आधार पर चिकित्सा, भौतिकी, रसायन शास्त्र, साहित्य और शांति क्षेत्र के नोबेल पुरस्कारों की स्थापना की गई थी। पहला नोबेल पुरस्कार वर्ष 1901 में सर एल्फ्रेड नोबेल के निधन के पांच साल बाद दिया गया था. अर्थशास्त्र का नोबेल, जिसे आधारिक तौर पर ‘बैंक ऑफ स्वीडन प्राइज इन इकोनॉमिक साइंसेज इन मेमोरी ऑफ एल्फ्रेड नोबेल (एल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में अर्थशास्त्र में बैंक ऑफ स्वीडन पुरस्कार)’, उसकी स्थापना एल्फ्रेड नोबेल की वसीहत के आधार पर नहीं हुई थी, बल्कि स्वीडन के केंद्रीय बैंक ने 1968 में इसकी शुरुआत की थी.
2. विजेताओं को क्या मिलता है?
प्रत्येक क्षेत्र के नोबेल के तहत विजेताओं को एक स्वर्ण पदक और एक प्रमाणपत्र के साथ एक करोड़ क्रोनोर (लगभग नौ लाख डॉलर) की पुरस्कार राशि दी जाती है. विजेताओं का सम्मान हर साल 10 दिसंबर को किया जाता है. 1896 में 10 दिसंबर की तारीख को ही एल्फ्रेड नोबेल का निधन हुआ था. 1901 से 2021 तक अलग-अलग क्षेत्रों में कुल 609 बार नोबेल पुरस्कार प्रदान किए जा चुके हैं.
3. किसी प्रत्याशी को कौन नामिक कर सकता है?
दुनियाभर में हजारों लोग नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकन जमा करने के पात्र हैं. इनमें विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर, कानूनविद, पूर्व नोबेल पुरस्कार विजेता और खुद नोबेल समिति के सदस्य शामिल हैं. हालांकि, नामांकन को 50 वर्षों तक गुप्त रखा जाता है, लेकिन जो लोग उन्हें जमा करते हैं, वे कभी-कभी सार्वजनिक रूप से अपनी सिफारिशों की घोषणा करते हैं, खासकर नोबेल शांति पुरस्कार के संबंध में.
4. नॉर्वे से क्या है संबंध?
नोबेल शांति पुरस्कार नॉर्वे में प्रदान किया जाता है, जबकि अन्य क्षेत्रों के पुरस्कार स्वीडन में दिए जाते हैं. ऐसा एल्फ्रेड नोबेल की इच्छा के आधार पर किया जाता है. इस इच्छा के पीछे की असल वजह तो स्पष्ट नहीं है, लेकिन एल्फ्रेड नोबेल के जीवनकाल में स्वीडन और नॉर्वे एक संघ का हिस्सा थे, जो 1905 में भंग हो गया था. स्टॉकहोम स्थित नोबेल फाउंडेशन, जो पुरस्कार राशि का प्रबंधन करता है और ओस्लो स्थित शांति पुरस्कार समिति के बीच संबंध कई मौके पर तनावपूर्ण रहे हैं.
5. नोबेल पुरस्कार जीतने के लिए क्या जरूरी है?
नोबेल पुरस्कार जीतने की चाह रखने वालों में धैर्य की सबसे ज्यादा जरूरत होती है. वैज्ञानिकों को अक्सर नोबेल पुरस्कार समिति के सदस्यों द्वारा अपने काम को मान्यता देने के लिए दशकों तक इंतजार करना पड़ता है, जो यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कोई भी खोज या सफलता समय की कसौटी पर खरी उतरती हो. हालांकि, यह नोबेल की वसीहत के विपरीत है, जिसमें कहा गया है कि पुरस्कार ‘उन लोगों को प्रदान किए जाने चाहिए, जिन्होंने पिछले वर्ष के दौरान मानव जाति को बड़ा लाभ प्रदान किया हो. शांति पुरस्कार समिति एकमात्र ऐसी समिति है, जो नियमित रूप से पिछले वर्ष हासिल की गई उपलब्धियों के आधार पर विजेताओं को पुरस्कृत करती है.
पीटीआई-भाषा