अबुजा: मध्य नाइजीरिया में बड़े पैमाने पर हिंसा की खबर है. हमलों की एक श्रृंखला में सशस्त्र समूहों ने कई शहरों को निशाना बनाया. इसमें 100 से अधिक लोग मारे गए. यह क्षेत्र पहले से धार्मिक और जातीय तनाव से प्रभावित रहा है. स्थानीय अधिकारियों के अनुसार सशस्त्र समूहों को डाकुओं के रूप में जाना जाता है. इन लोगों द्वारा सप्ताहांत के हमलों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 113 हो गई है. सरकार की शुरुआती गिनती 16 से काफी अधिक है.
अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार पठार राज्य के गवर्नर कालेब मुतफवांग के प्रवक्ता ग्यांग बेरे ने कहा, 'निर्दोष नागरिकों के खिलाफ चल रहे हमलों को रोकने के लिए सरकार द्वारा सक्रिय कदम उठाए जाएंगे.' पठार नाइजीरिया में जातीय और धार्मिक रूप से विविध मध्य बेल्ट वाले राज्यों में से एक है, जहां जलवायु परिवर्तन और विस्तारित कृषि के चलते समुदायों के बीच स्थिति को तनावपूर्ण बना देता है.
इससे मुस्लिम चरवाहों और ईसाई किसानों के बीच तनाव बढ़ गया. इसके परिणामस्वरूप अंतर-सांप्रदायिक हिंसा के मामलों में वृद्धि हुई है. इसके चलते हाल के वर्षों में सैकड़ों लोगों की जान चली गई. नवीनतम हमलों के बाद, एमनेस्टी इंटरनेशनल ने नाइजीरियाई अधिकारियों की आलोचना करते हुए कहा कि वे पठार राज्य के ग्रामीण समुदायों पर लगातार घातक हमलों को रोकने में विफल रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह क्षेत्र उत्तरी और मध्य क्षेत्रों में संघर्ष से जूझ रहा है, जहां सशस्त्र समूह सक्रिय हैं. वहीं, सरकारी बलों पर दुर्व्यवहार करने के आरोप लगते हैं. नाइजीरियाई राष्ट्रपति बोला टीनुबू ने इस महीने की शुरुआत में एक सैन्य ड्रोन हमले की जांच का आदेश दिया था जिसमें एक धार्मिक उत्सव के लिए एकत्र हुए 85 नागरिकों की जान चली गई थी. टीनूबू ने इसे बमबारी दुर्घटना करार देते हुए खेद व्यक्त किया. अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार कडुना के गवर्नर उबा सानी ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों और डाकुओं को निशाना बनाने वाले ड्रोन द्वारा नागरिकों को गलती से मार दिया गया था.