इस्लामाबाद : पाकिस्तान के निवर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि उनके भाई एवं पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अपने लंबित अदालती मामलों का सामना करने और आम चुनाव को लेकर पार्टी के अभियान का नेतृत्व करने के लिए अगले महीने पाकिस्तान लौटेंगे. नवाज शरीफ (73) नवंबर 2019 से ब्रिटेन में स्व-निर्वासन में रह रहे हैं. उन्हें 2018 में अल-अजीजिया मिल्स और एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामलों में दोषी ठहराया गया था.
वह अल-अजीजिया मिल्स मामले में लाहौर की कोट लखपत जेल में सात साल की सजा काट रहे थे, इसी दौरान उन्हें 2019 में चिकित्सा आधार पर लंदन जाने की अनुमति दी गई थी. एक दिन पहले जियो न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में 71 वर्षीय शहबाज शरीफ ने कहा कि देश में कार्यवाहक सरकार के कार्यभार संभालते ही वह अपने बड़े भाई नवाज शरीफ से मिलने लंदन जाएंगे. शहबाज शरीफ ने दोहराया कि अगर पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) इस साल के अंत में होने वाले चुनाव में जीत हासिल करती है तो उनके बड़े भाई चौथी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनेंगे.
उनका यह बयान ऐसे वक्त आया है जब निर्धारित अवधि से तीन दिन पहले बुधवार को नेशनल असेंबली को भंग किए जाने के साथ कार्यवाहक सरकार की नियुक्ति की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो गई. नवाज शरीफ की वापसी की सटीक तारीख बताए बिना शहबाज शरीफ ने कहा, 'नवाज शरीफ अगले महीने पाकिस्तान वापस आएंगे और कानून का सामना करेंगे और चुनाव अभियान का नेतृत्व करेंगे.'
संपत्ति छुपाने के आरोप में 2016 में उच्चतम न्यायालय द्वारा आजीवन अयोग्य ठहराए जाने के बाद नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया था. दोषसिद्धि के विरुद्ध उनकी अपीलें वर्तमान में संबंधित अदालतों में लंबित हैं. शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'वह (नवाज शरीफ) न तो टोपी पहनेंगे और न ही बाल्टी पहनेंगे.' इमरान खान अदालत में सुनवाई के लिए बुलेटप्रूफ हेलमेट पहनते हैं.
खान (70) को 2018 से 2022 तक प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान अवैध रूप से सरकारी उपहार बेचने के लिए तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में शनिवार को इस्लामाबाद की निचली अदालत द्वारा तीन साल की की सजा सुनाई गई थी. बाद में पंजाब पुलिस ने उन्हें लाहौर स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया था. खान वर्तमान में अटक जेल में बंद हैं. उन्होंने मंगलवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में अपने वकीलों के माध्यम से एक याचिका दायर करके मामले में अपनी दोषसिद्धि और तीन साल की जेल की सजा के खिलाफ अपील की.
पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने उम्मीद जताई कि उनकी पार्टी अगला आम चुनाव जीतेगी और वह नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार के तहत पार्टी के एक कार्यकर्ता के रूप में काम करेंगे. नेशनल असेंबली के शीघ्र भंग होने से पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) को 60 दिनों के बजाय 90 दिनों के भीतर देश में आम चुनाव कराने की अनुमति मिल जाएगी, जो संसद का कार्यकाल पूरा होने के लिए निर्धारित समय है. चुनाव में कुछ महीनों की देरी होने हो सकती है क्योंकि नए जनगणना परिणामों को मंजूरी दे दी गई है, जिससे चुनाव से पहले परिसीमन करना एक संवैधानिक दायित्व बन गया है.
ईसीपी 120 दिनों के भीतर परिसीमन करने और फिर चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने के लिए बाध्य है. कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति तक शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करते रहेंगे. अंतरिम प्रधानमंत्री के नाम पर विचार-विमर्श के लिए विपक्षी नेता राजा रियाज के साथ अपनी बैठक के बारे में शहबाज़ शरीफ ने कहा, 'उम्मीद है कि तीन दिन से पहले कार्यवाहक प्रधानमंत्री के नाम पर सहमति बन जाएगी.' संविधान के तहत प्रधानमंत्री और विपक्षी नेता के पास कार्यवाहक प्रधानमंत्री के नाम को अंतिम रूप देने के लिए तीन दिन का समय होता है. बृहस्पतिवार को विमर्श के पहले दौर में उनके बीच अंतरिम प्रधानमंत्री के नाम पर आम सहमति नहीं बन पायी.
नेशनल असेंबली (एनए) को भंग किए जाने के एक दिन बाद शहबाज शरीफ ने प्रतिष्ठित पद पर संभावित उम्मीदवारों की सूची का आदान-प्रदान करने के लिए विपक्षी नेता राजा रियाज से मुलाकात की थी. एक बयान में कहा गया कि बैठक प्रधानमंत्री आवास पर हुई. डॉन अखबार की खबर के अनुसार, इसके बाद संसद भवन में रियाज ने मीडियाकर्मियों से बातचीत की, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें कार्यवाहक प्रधानमंत्री के लिए नाम तय करने की कोई जल्दी नहीं है. अखबार ने कहा कि यह भी माना जा रहा है कि निवर्तमान प्रधानमंत्री 12 अगस्त को कार्यवाहक प्रधानमंत्री के नाम की घोषणा करेंगे, लेकिन शपथ ग्रहण समारोह 14 अगस्त की शाम या उसके अगले दिन होगा.
राजनीतिक हलकों में कुछ लोगों का मानना है कि शहबाज शरीफ 14 अगस्त तक पद पर बने रहना चाहते हैं ताकि वह स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण समारोह में शामिल हो सकें, जिसके बाद एक कार्यवाहक प्रधानमंत्री शपथ लेंगे. अंतरिम व्यवस्था के प्रमुख का नाम तय करने में देरी का एक कारण शहबाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की अपने व्यक्ति को कार्यालय में देखने की इच्छा माना जाता है. सूत्रों ने कहा कि पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता आसिफ अली जरदारी तीसरे पक्ष के परामर्श से कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति के मुद्दे पर फैसला कर रहे हैं.
दोनों पक्षों ने अपने प्रत्याशियों के नाम उजागर नहीं किए हैं, हालांकि सीनेट अध्यक्ष सादिक संजरानी इस पद के लिए सबसे मजबूत दावेदारों में से एक के रूप में उभरे हैं. उन्होंने शहबाज शरीफ और पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के साथ अलग-अलग बैठकें कीं. पीएमएल-एन के एक वरिष्ठ नेता ने डॉन न्यूज को बताया कि संजरानी सबसे मजबूत उम्मीदवारों में से एक हैं. उन्होंने कहा, 'सीनेट के अध्यक्ष छुपा रुस्तम हो सकते हैं.'
अन्य संभावित दावेदारों में पूर्व राजनयिक जिलाल अब्बास जिलानी, पूर्व वित्त मंत्री हफीज शेख और इशाक डार, पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी, पूर्व प्रमुख सचिव फवाद हसन फवाद और पूर्व न्यायाधीश तसद्दुक जिलान शामिल हैं. रियाज़ ने कहा कि किसी भी 'आयातित' व्यक्ति को अंतरिम व्यवस्था का प्रमुख नहीं बनाया जाएगा. उन्होंने कहा, 'हम समय से पहले कार्यवाहक प्रधानमंत्री के नाम का खुलासा नहीं करेंगे.' प्रधानमंत्री कार्यालय के एक सूत्र ने बताया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और रियाज के पास कार्यवाहक प्रधानमंत्री का नाम तय करने के लिए दो दिन का समय और है. एक सूत्र ने कहा कि इसकी घोषणा शनिवार (12 अगस्त) तक की जाएगी. उन्होंने कहा, 'वे तीन दिन के समय से आगे नहीं जा सकते, अन्यथा मामला स्वत: संसदीय समिति के पास चला जाएगा.'
शहबाज शरीफ़ और रियाज के पास कार्यवाहक प्रधानमंत्री के नाम पर सहमति बनाने के लिए तीन दिन का समय है, अन्यथा भंग हो चुकी संसद के अध्यक्ष एक राय बनाने के लिए आठ सदस्यीय समिति नियुक्त करेंगे, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के चार-चार सांसद शामिल होंगे. दोनों पक्ष प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता, शीर्ष पद के लिए अधिकतम दो नाम आगे बढ़ा सकते हैं. समिति के पास सहमति बनाने के लिए तीन दिन का समय होता है और विफल रहने पर इसकी बैठकों के दौरान विचार किए गए सभी नामों को पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) को भेजा जाता है जो 48 घंटों के भीतर उनमें से एक को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त करेगा.
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(पीटीआई-भाषा)