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New York City is sinking: गगनचुंबी इमारतों के कारण डूब रहा न्यूयॉर्क शहर

एक नए अध्ययन से पता चला है कि न्यूयॉर्क शहर की गगनचुंबी इमारते इस बड़े शहर के डूबने का कारण बन सकती हैं. शोध के मुताबिक इमारतों के वजन के कारण न्यूयॉर्क शहर प्रति वर्ष औसतन लगभग एक से दो मिलीमीटर डूब रहा है (New York City is sinking).

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डूब रहा न्यूयॉर्क शहर
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Published : May 20, 2023, 4:53 PM IST

न्यूयॉर्क : न्यूयॉर्क शहर की गगनचुंबी इमारतें इसके लिए खतरा बन रही हैं. साइंस मैगजीन अर्थ्स फ्यूचर में प्रकाशित शोध के अनुसार, न्यूयॉर्क शहर की इमारतों का कुल वजन करीब 1.68 ट्रिलियन-पाउंड है, जो इस शहर के प्रति वर्ष औसतन लगभग एक से दो मिलीमीटर डूबने का कारण बना रहा है (New York City is sinking).

शोधकर्ताओं के अनुसार, बिग एप्पल वह शहर है जो कभी नहीं सोता है, लेकिन यह ऐसा शहर है जो निश्चित रूप से डूब रहा है. हर साल औसतन लगभग 1-2 मिमी के करीब डूब रहा है. शहर के कुछ क्षेत्रों में यह दर दोगुनी है.

जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र के स्तर में भी वृद्धि हो रही है जो वैश्विक औसत से लगभग दोगुनी गति से बढ़ रहा है क्योंकि दुनिया के ग्लेशियर पिघल रहे हैं और वैश्विक स्तर पर बढ़ते तापमान के कारण समुद्री जल का विस्तार हो रहा है.

1950 के बाद से न्यूयॉर्क शहर के किनारों पर पानी लगभग 9 इंच या 22 सेमी बढ़ गया है और समुद्री स्तर में वृद्धि और तूफान के संयोजन के कारण सदी के अंत तक तूफानों से बाढ़ की बड़ी घटनाएं अब की तुलना में चार गुना अधिक हो सकती हैं.

शोधकर्ताओं ने अर्थ्स फ्यूचर जर्नल में प्रकाशित नए अध्ययन में लिखा है, 'न्यूयॉर्क शहर में 8.4 मिलियन लोगों की गहन रूप से केंद्रित आबादी बाढ़ से अलग-अलग डिग्री के खतरे का सामना करती है.'

इसमें लिखा है कि जलवायु परिवर्तन के कारण न्यूयॉर्क शहर जिस तरह के जोखिम का सामना कर रहा है वैसा ही संकट दुनिया भर के कई अन्य तटीय शहरों के सामने खड़ा हो सकता है.

दरअसल न्यूयॉर्क शहर के निर्मित बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर बढ़ाया जा रहा है. शोधकर्ताओं ने गणना की है कि शहर की संरचनाएं, जिनमें प्रसिद्ध एम्पायर स्टेट बिल्डिंग और क्रिसलर बिल्डिंग शामिल हैं, इनका वजन कुल 1.68 टन पाउंड है, जो लगभग 140 मिलियन (14 करोड़) हाथियों के वजन के बराबर है.

न्यूयॉर्क शहर की मिट्टी भी इसके लिए जिम्मेदार है.यहां की मिट्टी में रेत का मिश्रण ज्यादा है. यही वजह है कि कई सबसे बड़ी इमारतों को ठोस आधारशिला पर बनाया गया है.

यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के एक भूभौतिकीविद् टॉम पार्सन्स ने कहा, 'तुरंत घबराने की बात नहीं है, लेकिन यह चल रही प्रक्रिया है जो बाढ़ के खतरे को बढ़ाती है.'

उनका कहना है कि 'मिट्टी जितनी नरम होगी, इमारतों से उतना ही अधिक दबाव होगा. न्यूयॉर्क में इतनी बड़ी इमारतें बनाना कोई गलती नहीं थी, लेकिन जब भी आप वहां कुछ बनाते हैं तो हमें बस यह ध्यान रखना होता है कि नींव ज्यादा गहरी रखें.'

2012 में न्यूयॉर्क शहर तूफान सैंडी से प्रभावित हुआ था, जिससे कुछ हिस्सों में बाढ़ आ गई थी और बिजली ब्लैकआउट सहित व्यापक क्षति हुई थी. फिर 2021 में तूफान इडा ने शहर के क्षेत्रों में बाढ़ ला दी, जिससे कई लोग डूब गए थे. वैज्ञानिकों का कहना है कि दोनों घटनाएं वैश्विक तापमान बढ़ने के प्रभाव के कारण हुईं.

पार्सन्स ने कहा कि न्यूयॉर्क और अन्य तटीय शहरों के लिए योजना बनानी होगी. उनका कहना है कि समुद्री जल के बार-बार संपर्क में आने से स्टील भी खराब हो जाता है, ऐसे में समुद्री जल के संपर्क में आने वाली इमारतें अस्थिर होना आम बात है, लेकिन जिस तरह से समुद्र का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ आ रही है, ये चिंता का कारण है.

पढ़ें- Global Warming: समुद्र के स्तर में 1.1 मीटर की संभावित वृद्धि, महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र को बड़ा खतरा

न्यूयॉर्क : न्यूयॉर्क शहर की गगनचुंबी इमारतें इसके लिए खतरा बन रही हैं. साइंस मैगजीन अर्थ्स फ्यूचर में प्रकाशित शोध के अनुसार, न्यूयॉर्क शहर की इमारतों का कुल वजन करीब 1.68 ट्रिलियन-पाउंड है, जो इस शहर के प्रति वर्ष औसतन लगभग एक से दो मिलीमीटर डूबने का कारण बना रहा है (New York City is sinking).

शोधकर्ताओं के अनुसार, बिग एप्पल वह शहर है जो कभी नहीं सोता है, लेकिन यह ऐसा शहर है जो निश्चित रूप से डूब रहा है. हर साल औसतन लगभग 1-2 मिमी के करीब डूब रहा है. शहर के कुछ क्षेत्रों में यह दर दोगुनी है.

जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र के स्तर में भी वृद्धि हो रही है जो वैश्विक औसत से लगभग दोगुनी गति से बढ़ रहा है क्योंकि दुनिया के ग्लेशियर पिघल रहे हैं और वैश्विक स्तर पर बढ़ते तापमान के कारण समुद्री जल का विस्तार हो रहा है.

1950 के बाद से न्यूयॉर्क शहर के किनारों पर पानी लगभग 9 इंच या 22 सेमी बढ़ गया है और समुद्री स्तर में वृद्धि और तूफान के संयोजन के कारण सदी के अंत तक तूफानों से बाढ़ की बड़ी घटनाएं अब की तुलना में चार गुना अधिक हो सकती हैं.

शोधकर्ताओं ने अर्थ्स फ्यूचर जर्नल में प्रकाशित नए अध्ययन में लिखा है, 'न्यूयॉर्क शहर में 8.4 मिलियन लोगों की गहन रूप से केंद्रित आबादी बाढ़ से अलग-अलग डिग्री के खतरे का सामना करती है.'

इसमें लिखा है कि जलवायु परिवर्तन के कारण न्यूयॉर्क शहर जिस तरह के जोखिम का सामना कर रहा है वैसा ही संकट दुनिया भर के कई अन्य तटीय शहरों के सामने खड़ा हो सकता है.

दरअसल न्यूयॉर्क शहर के निर्मित बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर बढ़ाया जा रहा है. शोधकर्ताओं ने गणना की है कि शहर की संरचनाएं, जिनमें प्रसिद्ध एम्पायर स्टेट बिल्डिंग और क्रिसलर बिल्डिंग शामिल हैं, इनका वजन कुल 1.68 टन पाउंड है, जो लगभग 140 मिलियन (14 करोड़) हाथियों के वजन के बराबर है.

न्यूयॉर्क शहर की मिट्टी भी इसके लिए जिम्मेदार है.यहां की मिट्टी में रेत का मिश्रण ज्यादा है. यही वजह है कि कई सबसे बड़ी इमारतों को ठोस आधारशिला पर बनाया गया है.

यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के एक भूभौतिकीविद् टॉम पार्सन्स ने कहा, 'तुरंत घबराने की बात नहीं है, लेकिन यह चल रही प्रक्रिया है जो बाढ़ के खतरे को बढ़ाती है.'

उनका कहना है कि 'मिट्टी जितनी नरम होगी, इमारतों से उतना ही अधिक दबाव होगा. न्यूयॉर्क में इतनी बड़ी इमारतें बनाना कोई गलती नहीं थी, लेकिन जब भी आप वहां कुछ बनाते हैं तो हमें बस यह ध्यान रखना होता है कि नींव ज्यादा गहरी रखें.'

2012 में न्यूयॉर्क शहर तूफान सैंडी से प्रभावित हुआ था, जिससे कुछ हिस्सों में बाढ़ आ गई थी और बिजली ब्लैकआउट सहित व्यापक क्षति हुई थी. फिर 2021 में तूफान इडा ने शहर के क्षेत्रों में बाढ़ ला दी, जिससे कई लोग डूब गए थे. वैज्ञानिकों का कहना है कि दोनों घटनाएं वैश्विक तापमान बढ़ने के प्रभाव के कारण हुईं.

पार्सन्स ने कहा कि न्यूयॉर्क और अन्य तटीय शहरों के लिए योजना बनानी होगी. उनका कहना है कि समुद्री जल के बार-बार संपर्क में आने से स्टील भी खराब हो जाता है, ऐसे में समुद्री जल के संपर्क में आने वाली इमारतें अस्थिर होना आम बात है, लेकिन जिस तरह से समुद्र का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ आ रही है, ये चिंता का कारण है.

पढ़ें- Global Warming: समुद्र के स्तर में 1.1 मीटर की संभावित वृद्धि, महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र को बड़ा खतरा

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