लंदनः ब्रिटेन में भारत के नए उच्चायुक्त विक्रम दुरैस्वामी ने रविवार को यहां महात्मा गांधी की 153वीं जयंती (Mahatma Gandhi Birth Anniversary in Britain) के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में उन्हें श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि लंदन एक ऐसा स्थान है जहां शांति एवं अहिंसा के दूत के रूप में गांधी जी की 'गाथा शुरू' हुई. इस कार्यक्रम में प्रवासी भारतीय, सांसद तथा समुदाय के नेता यहां तविस्टॉक चौराहे पर महात्मा गांधी की ऐतिहासिक प्रतिमा के पास उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उच्चायुक्त ने कहा कि दो अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा 'अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस' (international non violence day) के रूप में मनाना बापू के संदेश के चिरस्थायी सार्वभौमिक संदेश होने एवं उनकी धरोहर का प्रमाण है. उन्होंने कहा, 'मेरा जीवन ही मेरा संदेश है, इन्हीं कुछ शब्दों में गांधी बौद्धिक संदेश की झलक मिलती है. उनका जीवन सादगी से परिपूर्ण था. उनके संदेशों में ऐसा विवेक और मूल्य थे जो सार्वभौमिक हैं.
उच्चायुक्त विक्रम दुरैस्वामी (High Commissioner to Britain Vikram Duraiswamy) ने कहा, 'ब्रिटेन में महात्मा गांधी ने गुजरात के पोरबंदर के युवा वकील के रूप में अपनी शुरुआत की थी. वह यहां छात्र के रूप में थे और सत्य के साथ उनके कई जटिल प्रयोग, जिनका उन्होंने अपने आत्मकथा में बाद में उल्लेख किया, लंदन में ही शुरू हुए. उनकी गाथा यहीं शुरू हुई. लंदन में भारतीय उच्चायोग द्वारा आयोजित गांधी जयंती कार्यक्रम में इंडिया लीग ने सहयोग किया जिसकी जड़ें स्वतंत्रता आंदोलन तक फैली हैं. श्रद्धांजलि देने के साथ यह कार्यक्रम शुरू हुआ और उसके बाद गांधी जी के प्रिय भजन 'वैष्णव जन' और 'रघुपति राघव राजाराम' बजाये गए.
(पीटीआई-भाषा)