वर्जीनिया: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका की साझेदारी टिकाऊ और समावेशी वैश्विक विकास के पीछे ड्राइविंग इंजन के रूप में काम करेगी. नेशनल साइंस फाउंडेशन में 'स्किलिंग फॉर फ्यूचर' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच विकास की गति को बनाए रखने के लिए प्रतिभा की एक पाइपलाइन को पोषित करने की आवश्यकता पर जोर दिया.
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#WATCH | "To maintain a growth momentum, India and the US need a pipeline of talent. On one hand, the US has top-class educational institutions & advanced technologies. On the other hand, India has the world's biggest youth factory. That is why, I belive that the India-US… pic.twitter.com/77MJzqI8zg
— ANI (@ANI) June 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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अमेरिका के वर्जीनिया में अलेक्जेंड्रिया में नेशनल साइंस फाउंडेशन में पीएम मोदी कहा कि विकास की गति को बनाए रखने के लिए भारत और अमेरिका को प्रतिभा की एक पाइपलाइन की आवश्यकता है. एक तरफ, अमेरिका के पास शीर्ष श्रेणी के शैक्षणिक संस्थान और उन्नत प्रौद्योगिकियां हैं. दूसरी तरफ, भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी युवा फैक्ट्री है. इसीलिए, मेरा मानना है कि भारत-अमेरिका साझेदारी टिकाऊ और समावेशी वैश्विक विकास का इंजन साबित होंगी.
इससे पहले बुधवार को पीएम मोदी वाशिंगटन डीसी पहुंचे और एयरबेस पर उनका औपचारिक स्वागत किया गया. साथ ही गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया. पीएम मोदी आज राजकीय रात्रिभोज में शामिल होंगे, जिसमें उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन द्वारा आमंत्रित किया गया है.
प्रथम महिला जिल बाइडेन के साथ पीएम मोदी ने वर्जीनिया के अलेक्जेंड्रिया में नेशनल साइंस फाउंडेशन का दौरा किया, जहां उन्होंने दोनों देशों के छात्रों के साथ बातचीत की. इस दौरान पीएम मोदी ने छात्रों के उज्ज्वल भविष्य को सुरक्षित करने की कामना की. उन्होंने भारत सरकार द्वारा की गई पहलों पर प्रकाश डाला, जैसे नई शिक्षा नीति को लागू करना और शिक्षा और कौशल को एकीकृत करना.
पीएम मोदी ने कहा कि स्किल इंडिया के तहत, भारत ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ब्लॉकचेन, ड्रोन और अन्य क्षेत्रों में 15 बिलियन से अधिक लोगों को कुशल बनाया है. उन्होंने यह भी कहा कि स्कूलों में, भारत सरकार ने 10,000 अटल टिंकरिंग लैब्स की स्थापना की है, जहां बच्चों को नवाचार में संलग्न होने की सुविधाएं प्रदान की गई हैं. पीएम मोदी ने अमेरिकी छात्रों से भारत आने का आग्रह किया और कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका के सैकड़ों शिक्षक पहले से ही भारत में हैं, एक तकनीकी साझेदारी में भाग ले रहे हैं.
भारत-अमेरिका शिक्षक विनिमय कार्यक्रम का विचार प्रस्तावित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'हम भारत-अमेरिका शिक्षक विनिमय (teacher exchange) कार्यक्रम शुरू करने के बारे में सोच सकते हैं. भारतीय संस्थानों के साथ दुनिया भर के वैज्ञानिकों और उद्यमियों की सहभागिता बढ़ाने के लिए, हमने 2015 में GIAN - ग्लोबल इनिशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क्स शुरू किया. मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इसके तहत अमेरिका से 750 संकाय सदस्य भारत आए हैं.
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि दोनों देशों को मिलकर अलग-अलग मुद्दों पर हैकथॉन भी आयोजित करना चाहिए. इससे कई मौजूदा समस्याओं के समाधान के साथ-साथ भविष्य के लिए नए विचार भी मिल सकते हैं.
(एजेंसी)