बीजिंग: चीन ने अपनी सख्त COVID-19 रणनीति के तहत आज से अपने सबसे बड़े शहर शंघाई को बंद करना शुरू कर दिया है. स्थानीय सरकार ने कहा कि शंघाई के पुडोंग वित्तीय जिला और आसपास के क्षेत्रों को सोमवार से शुक्रवार तक लॉकडाउन रखा जाएगा क्योंकि पूरे शहर में बड़े पैमाने पर टेस्टिंग चल रहा है.
लॉकडाउन के दूसरे चरण में शहर को विभाजित करने वाली हुआंगपु नदी के पश्चिम में विशाल पुराने शहर में शुक्रवार से पांच दिनों का लॉकडाउन शुरू होगा. इस दौरान निवासियों को घर पर रहने होंगे और यह सुनिश्चित करने के लिए कि बाहरी लोगों से कोई संपर्क में नहीं आएं इसके लिए डेलीवरी को चेकपॉइंट पर छोड़ दिया जाएगा. आवश्यक नहीं माने जाने वाले कार्यालयों और सभी व्यवसायों को बंद कर दिया जाएगा और सार्वजनिक परिवहन को निलंबित कर दिया जाएगा.
पहले से ही 26 मिलियन के शहर के भीतर कई समुदायों को लॉकडाउन में रहना पड़ रहा है. यहां के निवासियों को COVID-19 के लिए कई टेस्ट कराने की आवश्यकता है. और शंघाई का डिज़नी थीम पार्क उन व्यवसायों में से है जो पहले बंद हो गए. चीन ने इस महीने देश भर में 56,000 से अधिक संक्रमणों की सूचना दी है. इनमें जिलिन के उत्तरपूर्वी प्रांत में इसका प्रकोप बढ़ा है. शंघाई में अपेक्षाकृत कम मामले सामने आए हैं. यहां शनिवार को केवल 47 मामले ही दर्ज किए.
चीन में पिछले दो वर्षों में सबसे बड़े प्रकोप को काबू में करने के लिए इस तरीके को सफलतापूर्वक अपनाया है. इसे जीरो कोविड अप्रोच कहा जाता है जो कि कोविड -19 के खिलाफ सबसे किफायती और प्रभावी रोकथाम की रणनीति है. इसके लिए लॉकडाउन और बड़े पैमाने पर परीक्षण की आवश्यकता होती है. वहीं, संक्रमित लोगों को अक्सर घर पर या केंद्र सरकार की सुविधा केंद्रों में रखा जाता है. इस रणनीति के तहत वायरस के कम्यूनिटी ट्रांसमिशन को रोका जाता है. इसके लिए कभी-कभी पूरे शहरों में लॉक डाउन लगा दिया जाता है.
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कम्युनिस्ट पार्टी के नेता शी जिनपिंग सहित अधिकारियों ने अधिक लक्षित उपायों को प्रोत्साहित किया है. स्थानीय अधिकारी अधिक सख्त कदम उठा रहे हैं. ऐसे लोग जो प्रकोप को रोकने में विफल होते हैं उन्हें दंडित किया जाता है. वहीं, चीन की टीकाकरण दर लगभग 87 प्रतिशत है. इस महीने की शुरुआत में जारी किए गए राष्ट्रीय आंकड़ों से पता चला है कि 60 और उससे अधिक उम्र के 52 मिलियन से अधिक लोगों को अभी तक किसी भी COVID-19 वैक्सीन का टीका नहीं लगाया गया है. बूस्टर डोज की दरें भी कम हैं, 60-69 के बीच केवल 56.4 प्रतिशत लोगों को बूस्टर शॉट मिला है, और 70-79 के बीच 48.4 प्रतिशत लोगों ने एक डोज प्राप्त किया है.
(पीटीआई)