चाबहार : ईरान के चाबहार बंदरगाह के वरिष्ठ बंदरगाह राज्य नियंत्रण अधिकारी, सा हाशमी ने शनिवार को कहा कि बंदरगाह के संचालक कंपनी 85 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करने जा रही है. ताकि बंदरगाह पर लोडिंग और डिस्चार्जिंग कराया जा सके. हाशमी ने कहा कि हमारी ऑपरेटर एक भारतीय कंपनी है. वह लोडिंग और डिस्चार्जिंग के लिए कुछ उपकरण लगाने में 85 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करने जा रही है.
फिलहाल जहाजों से माल की लोडिंग और अनलोडिंग के लिए इंडियन पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (आईपीएलजी) की क्रेनों का इस्तेमाल हो रहा है. लेकिन और अधिक उन्नत उपकरणों की आवश्यकता है ताकि काम की गुणवत्ता और क्षमता बढ़ाई जा सके. चाबहार में बंदरगाह पर IGPL का एक विशाल कार्यालय भी है. जिसे भारतीय प्राधिकरण द्वारा चलाया जाता है.
सा हाशमी ने कहा कि IGPL एक भारतीय कंपनी है. जो इस बंदरगाह की परिचालक है. इसका मतलब है कि यहां ऐने और जाने वाले सभी जहाजों की लोडिंग और डिस्चार्जिंग की जिम्मेदारी इसकी है. उन्होंने कहा कि चाबहार बंदरगाह की गहराई काफी अच्छी है. यहां लगभग 120,000 डीपवे जहाज बिना किसी समस्या के यहां लोड, डिस्चार्ज और कन्वर्ट हो सकते हैं.
हाशमी ने कहा कि इस बंदरगाह पर किसी भी प्रकार के जहाज के लिए कोई सीमा नहीं है. हमारे पास यहां आने वाले समुद्री यात्रियों के लिए यात्री टर्मिनल है. हम बहुत बड़े 6000 कंटेनरशिप भी मैनेज कर सकते हैं. हमारे पास इन जहाजों की बर्थिंग और ऑनबोर्डिंग के लिए कोई सीमा नहीं है.
इस बीच, ईरान में भारतीय राजदूत रुद्र गौरव श्रेष्ठ ने शुक्रवार को चाबहार बंदरगाह का दौरा किया था. यह दूत के रूप में कार्यभार संभालने के बाद बंदरगाह की उनकी पहली यात्रा थी. यह यात्रा जुलाई के पहले सप्ताह में ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी को अपना परिचय पत्र प्रस्तुत करने के बाद हुई.
एक सूत्र ने एएनआई को बताया कि चाबहार भारत के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है और यह इस बात से परिलक्षित होता है कि भारतीय राजदूत ने तेहरान के बाहर अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के लिए चाबहार को चुना. चाबहार बंदरगाह की अपनी पहली यात्रा पर, राजदूत ने कई वरिष्ठ बंदरगाह अधिकारियों के साथ बातचीत की.
(एएनआई)