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भारत-US ने अगली पीढ़ी की साझेदारी में किया प्रवेश, बड़े रक्षा सौदों की होगी घोषणा: व्हाइट हाउस - india america bilateral relations

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके समकक्ष जो बाइडन के बीच गुरुवार को ऐतिहासिक शिखर बैठक होने वाली है. इस बैठक से पहले व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर कहा कि दोनों देशों के बीच कई सालों से साझेदारी मजबूत होती आई है.

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Published : Jun 22, 2023, 4:27 PM IST

वाशिंगटन : व्हाइट हाउस ने भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों के अगली पीढ़ी में प्रवेश करने का उल्लेख करते हुए गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच यहां ऐतिहासिक शिखर बैठक में जेट इंजन के सह-उत्पादन सहित कुछ बड़े रक्षा सौदे होंगे. पीएम मोदी और बाइडन उच्च-स्तरीय वार्ता करने से पहले बृहस्पतिवार को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में एक बैठक करेंगे. बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दोनों नेताओं के बीच बैठक से कुछ घंटे पहले कहा, "अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी कई वर्षों से मजबूत हो रही है, लेकिन हम अब रक्षा साझेदारी की अगली पीढ़ी में प्रवेश कर गये हैं."

अधिकारी ने कहा कि शिखर बैठक में रक्षा साझेदारी के बारे में तीन महत्वपूर्ण नतीजे निकलने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि इनमें से एक अभूतपूर्व है, जो जेट इंजन के सह-उत्पादन के लिए है. एफ414 जेट इंजन का जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) द्वारा संयुक्त रूप से उत्पादन करने के प्रस्ताव का अमेरिका और भारत स्वागत कर रहे हैं. जीई और हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं और अमेरिकी संसद द्वारा अधिसूचित किये जाने के लिए एक निर्यात लाइसेंस समझौता सौंपा गया है.

वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा, "भारत में एफ 414 इंजन का विनिर्माण करने के लिए यह एक पथप्रदर्शक पहल है और यह अमेरिकी जेट इंजन प्रौद्योगिकी के व्यापक स्तर पर हस्तांरण का मार्ग प्रशस्त करेगा." अधिकारी ने कहा कि दूसरी चीज जहाज की मरम्मत है. उन्होंने कहा, "अमेरिका नौसेना ने जहाज मरम्मत समझौते किये हैं, जो विभिन्न स्थानों पर अमेरिकी सेना के लिए किफायती और समय बचाने वाली साबित होने वाली है. यह भारतीय शिपयार्ड में अमेरिकी नौसेना के जहाजों को मरम्मत कार्य करने की अनुमति देगी...."

पढ़ें : PM Modi US Visit: कुशल भारतीय श्रमिकों के लिए वीजा प्रणाली आसान बनाएगा अमेरिका- रिपोर्ट

अधिकारी ने कहा, "और फिर रक्षा नवाचार संबंध भी हैं, जिसे इंडस एक्स के नाम से भी जाना जाता है." इसकी शुरूआत 21 जून को की गई, जो ‘यूनिवर्सिटी इनक्यूबेटर थिंक टैंक’ और निजी निवेश हितधारकों के बीच एक नेटवर्क है. उन्होंने कहा, "यह रक्षा प्रौद्योगिकियों पर संयुक्त नवाचार को बढ़ावा देने जा रहा है."

(पीटीआई-भाषा)

वाशिंगटन : व्हाइट हाउस ने भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों के अगली पीढ़ी में प्रवेश करने का उल्लेख करते हुए गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच यहां ऐतिहासिक शिखर बैठक में जेट इंजन के सह-उत्पादन सहित कुछ बड़े रक्षा सौदे होंगे. पीएम मोदी और बाइडन उच्च-स्तरीय वार्ता करने से पहले बृहस्पतिवार को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में एक बैठक करेंगे. बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दोनों नेताओं के बीच बैठक से कुछ घंटे पहले कहा, "अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी कई वर्षों से मजबूत हो रही है, लेकिन हम अब रक्षा साझेदारी की अगली पीढ़ी में प्रवेश कर गये हैं."

अधिकारी ने कहा कि शिखर बैठक में रक्षा साझेदारी के बारे में तीन महत्वपूर्ण नतीजे निकलने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि इनमें से एक अभूतपूर्व है, जो जेट इंजन के सह-उत्पादन के लिए है. एफ414 जेट इंजन का जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) द्वारा संयुक्त रूप से उत्पादन करने के प्रस्ताव का अमेरिका और भारत स्वागत कर रहे हैं. जीई और हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं और अमेरिकी संसद द्वारा अधिसूचित किये जाने के लिए एक निर्यात लाइसेंस समझौता सौंपा गया है.

वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा, "भारत में एफ 414 इंजन का विनिर्माण करने के लिए यह एक पथप्रदर्शक पहल है और यह अमेरिकी जेट इंजन प्रौद्योगिकी के व्यापक स्तर पर हस्तांरण का मार्ग प्रशस्त करेगा." अधिकारी ने कहा कि दूसरी चीज जहाज की मरम्मत है. उन्होंने कहा, "अमेरिका नौसेना ने जहाज मरम्मत समझौते किये हैं, जो विभिन्न स्थानों पर अमेरिकी सेना के लिए किफायती और समय बचाने वाली साबित होने वाली है. यह भारतीय शिपयार्ड में अमेरिकी नौसेना के जहाजों को मरम्मत कार्य करने की अनुमति देगी...."

पढ़ें : PM Modi US Visit: कुशल भारतीय श्रमिकों के लिए वीजा प्रणाली आसान बनाएगा अमेरिका- रिपोर्ट

अधिकारी ने कहा, "और फिर रक्षा नवाचार संबंध भी हैं, जिसे इंडस एक्स के नाम से भी जाना जाता है." इसकी शुरूआत 21 जून को की गई, जो ‘यूनिवर्सिटी इनक्यूबेटर थिंक टैंक’ और निजी निवेश हितधारकों के बीच एक नेटवर्क है. उन्होंने कहा, "यह रक्षा प्रौद्योगिकियों पर संयुक्त नवाचार को बढ़ावा देने जा रहा है."

(पीटीआई-भाषा)

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