न्यूयॉर्क: केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर) मंत्री जी किशन रेड्डी ने अमेरिकी कारोबारियों और कंपनियों को भारत के जीवंत तथा विविध पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है. पांच दिवसीय यात्रा पर बृहस्पतिवार को यहां पहुंचे रेड्डी ने भारत के महावाणिज्य दूतावास में आयोजित प्रवासी समुदाय के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमेरिकी कारोबारियों और कंपनियों को निवेश के लिए आमंत्रित किया.
रेड्डी ने बृहस्पतिवार को ट्वीट कर कहा कि वह शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच से अहम भाषण देंगे. इसके अलावा वह विभिन्न आधिकारिक और प्रवासी समुदाय के कार्यक्रमों में भाग लेंगे. न्यूयॉर्क में भारतीय महावाणिज्य दूतावास में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्यों को संबोधित कर रहे रेड्डी ने भारत की आर्थिक वृद्धि, नरेन्द्र मोदी सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल, देश में स्टार्टअप पारिस्थितिकी के साथ ही देशभर में पर्यटन समेत उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उठाए जा रहे विभिन्न कदमों का जिक्र किया.
उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत में पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने के इच्छुक अमेरिका के कारोबारियों और कंपनियों का सरकार तथा उनके मंत्रालय द्वारा तहेदिल से स्वागत किया जाएगा और उन्हें पूरा सहयोग दिया जाएगा. दुनियाभर में रह रहे भारतीयों से कम से कम पांच गैर-भारतीय परिवारों को हर साल पर्यटक के रूप में भारत भेजने का आह्वान करते हुए रेड्डी ने प्रवासी समुदाय से अपने गैर-भारतीय मित्रों, साथियों और समुदायों को संस्कृति, क्रूज, हस्तकला और फिल्म पर्यटन से लेकर महोत्सवों, शादियों, वन्यजीव और प्रदर्शनियों, ग्रामीण तथा आध्यात्मिक पर्यटन का आनंद उठाने तथा उसमें निवेश के लिए प्रेरित करने का अनुरोध किया.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने असम को भारत के सबसे जीवंत राज्यों में से एक बताया. उन्होंने यह भी कहा कि हाल में मणिपुर में हुई हिंसा दो समुदायों के बीच झड़प है न कि 'आतंकवाद की कोई गतिविधि है.' उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में स्थिर सरकारें हैं तथा निवेश आकर्षित करने तथा उन्नति के लिए मुख्यमंत्रियों के बीच ‘‘स्वस्थ प्रतिस्पर्धा’’ होती है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में पर्यटन क्षेत्र के लिए असीम संभावना है लेकिन अभी तक पर्याप्त निजी निवेश नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि भारत के पास जी20 की अध्यक्षता होने के कारण समूह की 100 से अधिक बैठकें देशभर में होंगी जिससे जी20 देशों के प्रतिनिधियों और अधिकारियों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत तथा पर्यटक स्थलों को देखने का मौका मिलेगा.
(पीटीआई-भाषा)