वाशिंगटन : क्वाड इन्वेस्टमेंट नेटवर्क (क्विन) के प्रमुख (Quinn chief) ने कहा कि भारत के पास अपने प्रतिभा आधार और चीन के बाहर दूसरे बड़े विनिर्माण आधार के रूप में खड़े होने की क्षमता के कारण बहुत सारे अवसर हैं. उन्होंने कहा कि क्वाड राष्ट्रों द्वारा चिह्नित किए गए तकनीकी क्षेत्रों में भारत अग्रणी भूमिका निभा सकता है.
क्विन के चेयरमैन कार्ल मेहता (Karl Mehta) और नेटवर्क के विशेष सलाहकार एलेक्स ट्रूमैन हाल ही में जापान में हुई क्वाड बैठक के बाद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आधिकारिक अमेरिका यात्रा से पहले यहां वाशिंगटन डीसी में बाइडेन प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक करने पहुंचे हैं.
मेहता ने कहा कि भारत सरकार का 'मेड इन इंडिया' अभियान बहुत बड़ा है. भारत उभरना चाहता है और दुनिया का विनिर्माण केंद्र बनना चाहता है, जो पिछले 30 वर्षों से चीन बना हुआ है.
भारतीय-अमेरिकी उद्यमी मेहता ने ट्रूमैन के साथ पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, 'क्वाड देशों (जापान, भारत, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका) के अंग के तौर पर भारत के पास जबर्दस्त अवसर हैं. समूह में सिर्फ यही विकासशील देश है जबकि शेष तीनों देश पहले से ही विकसित हैं. भारत में प्रतिभा की भरमार है.'
उन्होंने कहा, 'भारत के पास अपने प्रतिभा आधार और चीन के बाद दूसरे सबसे बड़े विनिर्माण आधार के रूप में खड़े होने की क्षमता है.' मेहता ने कहा कि क्विन ने नौ प्रौद्योगिकी क्षेत्रों को 'बहुत महत्वपूर्ण' वर्ग में रखा है, जो आपूर्ति श्रृंखला के साथ-साथ इन प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में क्वाड के प्रभुत्व को स्थापित करने और उसे बनाए रखने के नजरिए से अहम हैं.
इन क्षेत्रों में सेमीकंडक्टर, स्वच्छ ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिज, क्वांटम प्रौद्योगिकी, 5जी या 6जी जैसी मोबिलिटी, साइबर सुरक्षा, चिकित्सा प्रौद्योगिकी, जैव-प्रौद्योगिकी, रक्षा प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी शामिल हैं.
क्या है क्विन : क्विन, क्वाड देशों के निवेशकों और अधिकारियों का एक नेटवर्क है, जो महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों में निवेश को बढ़ावा देता है. क्विन को आधिकारिक रूप से 20 मई को शुरू किया गया था.
ये भी पढ़ें- |
(पीटीआई-भाषा)