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तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में कार्यवाही पर रोक नहीं लगाने के फैसले के खिलाफ इमरान पहुंचे सर्वोच्च न्यायालय - सर्वोच्च न्यायालय

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है. इस मामले में उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था.

Former Prime Minister of Pakistan Imran Khan
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान
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Published : Jul 31, 2023, 6:33 PM IST

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को तोशाखाना में भ्रष्टाचार से जुड़े मुकदमे में उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज करने के इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया.

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान ने दो बार इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में याचिका दायर की, लेकिन राजकीय उपहारों के बारे में विवरण छिपाने से संबंधित इस मामले में उन्हें राहत नहीं मिल सकी. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की खबर के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में इमरान ने धारा 342 के तहत उनके बयानों को दर्ज करने पर रोक लगाने की अपील की है.

याचिका में मांग की गई है कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश हुमायूं दिलावर के समक्ष चल रहे मुकदमे को तब तक रोक दिया जाए, जब तक उच्च न्यायालय इस मामले पर अपना अंतिम फैसला नहीं सुना देता. इसमें यह भी कहा गया कि मुकदमा आगे बढ़ने से पहले अदालत के क्षेत्राधिकार पर निर्णय आवश्यक था. बैरिस्टर गौहर अली खान के नेतृत्व वाली पीटीआई प्रमुख की कानूनी टीम ने इमरान की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष यह याचिका दायर की है. न्यायालय ने इसे स्वीकार कर लिया है.

तोशाखाना कैबिनेट प्रभाग के प्रशासनिक नियंत्रण वाला विभाग है, जहां अन्य देशों की सरकारों एवं राष्ट्र प्रमुखों द्वारा पाकिस्तानी शासकों, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को दिए गए उपहारों को रखा जाता है. खान पर 2018 से 2022 के बीच प्रधानमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान पद का दुरुपयोग कर इन उपहारों को खरीदने और बेचने का आरोप है. इन उपहारों की कीमत 14 करोड़ रुपये (6,35,000 अमेरिकी डॉलर) से अधिक है.

(पीटीआई-भाषा)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को तोशाखाना में भ्रष्टाचार से जुड़े मुकदमे में उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज करने के इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया.

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान ने दो बार इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में याचिका दायर की, लेकिन राजकीय उपहारों के बारे में विवरण छिपाने से संबंधित इस मामले में उन्हें राहत नहीं मिल सकी. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की खबर के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में इमरान ने धारा 342 के तहत उनके बयानों को दर्ज करने पर रोक लगाने की अपील की है.

याचिका में मांग की गई है कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश हुमायूं दिलावर के समक्ष चल रहे मुकदमे को तब तक रोक दिया जाए, जब तक उच्च न्यायालय इस मामले पर अपना अंतिम फैसला नहीं सुना देता. इसमें यह भी कहा गया कि मुकदमा आगे बढ़ने से पहले अदालत के क्षेत्राधिकार पर निर्णय आवश्यक था. बैरिस्टर गौहर अली खान के नेतृत्व वाली पीटीआई प्रमुख की कानूनी टीम ने इमरान की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष यह याचिका दायर की है. न्यायालय ने इसे स्वीकार कर लिया है.

तोशाखाना कैबिनेट प्रभाग के प्रशासनिक नियंत्रण वाला विभाग है, जहां अन्य देशों की सरकारों एवं राष्ट्र प्रमुखों द्वारा पाकिस्तानी शासकों, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को दिए गए उपहारों को रखा जाता है. खान पर 2018 से 2022 के बीच प्रधानमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान पद का दुरुपयोग कर इन उपहारों को खरीदने और बेचने का आरोप है. इन उपहारों की कीमत 14 करोड़ रुपये (6,35,000 अमेरिकी डॉलर) से अधिक है.

(पीटीआई-भाषा)

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