तेल अवीव : इजराइल और हमास के बीच संघर्ष का नया दौर शुरू हो गया है. इस संघर्ष पर विभिन्न देशों की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं. हालांकि यह प्रतिक्रियाएं युद्ध या हिंसा के खिलाफ ना होकर संघर्ष में शामिल दो में एक के पक्ष में बंटी हुई है. पश्चिमी देशों ने हमास की कड़ी निंदा की है. उन्होंने इजराइल को समर्थन देने वाले बयान जारी किये हैं. इससे उलट अरब देशों ने संघर्ष को भड़काने के लिए इजराइल को दोषी ठहराया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन शनिवार को इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बातचीत की. उन्होंने हमास के 'आश्चर्यजनक हमले' के बीच इजरायल के 'आत्मरक्षा' के अधिकार के लिए पूर्ण समर्थन की पुष्टि की. एक अलग बयान में, अमेरिका ने कहा कि 'आतंकवाद का कोई औचित्य' नहीं है. अमेरिका की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वाशिंगटन इजरायल की सरकार और लोगों के साथ मजबूती से खड़ा है.
यूनाइटेड किंगडम के पीएम ऋषि सुनक ने एक्स पर पोस्ट करते हुए हमले पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने लिखा कि मैं आज सुबह इजरायली नागरिकों के खिलाफ हमास आतंकवादियों के हमलों से स्तब्ध हूं. इजरायल को अपनी रक्षा करने का पूर्ण अधिकार है. हम इजरायली अधिकारियों के संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि इजराइल में ब्रिटिश नागरिकों को यात्रा सलाह का पालन करना चाहिए.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने भी इजराइल पर आतंकवादी हमलों की निंदा करते हुए पोस्ट किया. उन्होंने कहा कि मैं वर्तमान में इजराइल पर हो रहे आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा करता हूं. मैं पीड़ितों, उनके परिवारों और प्रियजनों के साथ अपनी पूरी एकजुटता व्यक्त करता हूं.
ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग ने भी शहरों और नागरिकों पर अंधाधुंध रॉकेट हमले सहित हमास की ओर से इजराइल पर हमलों की निंदा की. इस बीच, संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने भी हमले की निंदा की है और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है.
दूसरी ओर, फिलिस्तीन ने इजराइल पर चल रहे हमास रॉकेट हमलों के लिए इजराइल और उसके फैसलों के 'परिणामों' को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि केवल 'इजरायल के कब्जे को समाप्त करके' क्षेत्र में शांति प्राप्त की जा सकती है.
फिलिस्तीन ने इजराइल पर हस्ताक्षरित दस्तावेजों और अंतर्राष्ट्रीय वैधता प्रस्तावों का 'पालन न करने' का भी आरोप लगाया है. फिलिस्तीन ने आगे कहा है कि फिलिस्तीन पर 'इजराइली कब्जा खत्म करके' क्षेत्र में सुरक्षा, स्थिरता और शांति प्राप्त की जा सकती है. इसमें इस बात पर भी जोर दिया गया कि इजरायल हस्ताक्षरित समझौतों की 'अस्वीकृति' और अंतरराष्ट्रीय वैधता प्रस्तावों का पालन करने में 'विफलता' के कारण शांति प्रक्रिया नष्ट हो गई.
पाकिस्तान ने फिलिस्तीन के प्रति अपना समर्थन दिखाया है और 'शत्रुता समाप्त करने' का आह्वान किया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से शत्रुता को समाप्त करने, नागरिकों की सुरक्षा और मध्य पूर्व में स्थायी शांति के लिए एक साथ आने का आह्वान करते हैं.
तालिबान शासित अफगानिस्तान का विदेश मंत्रालय भी फिलिस्तीन के समर्थन में आया और दावा किया कि हमास का हमला फिलिस्तीनियों के अधिकारों की रक्षा के लिए है. कतर ने यह भी आरोप लगाया कि इस घटना के लिए इजराइल 'पूरी तरह से जिम्मेदार' है. कतर ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इजराइल के खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान किया.
सऊदी अरब ने संघर्ष को तत्काल रोकने का आह्वान किया. अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दो-राज्य समाधान प्राप्त करने के लिए 'विश्वसनीय शांति प्रक्रिया' का नेतृत्व करने का आग्रह किया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने इजराइल पर हमास के हमलों की निंदा की है और कहा है कि दुनिया में आतंक के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि इजराइल को पूरी तरह से आत्मरक्षा का अधिकार है. रूस ने भी संघर्ष में शत्रुता समाप्त करने का आह्वान किया है. रूस के उप विदेश मंत्री ने शनिवार को कहा कि रूस दोनों देशों के संपर्क में है और उन्होंने दोनों देशों से 'संघर्ष विराम' का आह्वान किया.