इस्लामाबाद: पीएमएल-एन पार्टी की वरिष्ठ उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने क्रिकेटर से राजनेता बने पूर्व पीएम इमरान खान के बारे में कहा कि उनका 'खेल खत्म' हो गया है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों का पलायन हो चुका है. मरियम ने यह टिप्पणी शुक्रवार को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए की. अपने संबोधन के दौरान, उन्होंने 9 मई को उन घटनाओं के बारे में भी बात की, जिस दिन पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख खान को गिरफ्तार किया गया था. इस दिन देश भर में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू कर किया गया था.
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की 49 वर्षीय बेटी मरियम ने पीटीआई के अध्यक्ष खान से कहा कि उनकी पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों के पलायन के बाद खेल खत्म हो गया है. नौ मई की तबाही के बाद पार्टी के 70 से अधिक वकीलों और नेताओं ने पीटीआई से नाता तोड़ लिया है. पीटीआई के शीर्ष नेताओं में शामिल पार्टी के महासचिव असद उमर, पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी और पूर्व मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने इस्तीफा दे दिया है.
नेताओं के सामूहिक रूस से इस्तीफा देने पर पीटीआई पर तंज कसते हुए मरियम ने कहा कि पार्टी छोड़ने वालों के सवाल थे. पीटीआई नेताओं का पलायन तब शुरू हुआ जब सुरक्षा बलों ने नागरिक और सैन्य संस्थानों पर हमलों के बाद पार्टी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की.
जनता कैसे टिकेगी जब नेता ही सियार है? उन्होंने पूर्व प्रधान मंत्री की आलोचना की, जिन्हें पिछले साल अप्रैल में नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से पद से हटा दिया गया था. उन्होंने कहा कि आपके लोग बता रहे हैं कि 70 वर्षीय इमरान खान 9 मई (घटनाओं) का मास्टरमाइंड है. पीएमएल-एन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने कहा कि खान 9 मई के आतंकवाद का मास्टरमाइंड था लेकिन उसके कार्यकर्ता आतंकवाद विरोधी अदालत का सामना कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि खान अपनी पत्नी बुशरा बीबी को चादरों से ढक कर अदालत में ले गया लेकिन उसने अन्य महिलाओं को मोहरा के रूप में इस्तेमाल किया. अल-कादिर ट्रस्ट मामले में 15 मई को लाहौर उच्च न्यायालय में पहुंचते ही खान और उनकी पत्नी सफेद चादर से ढके हुए थे. मरियम ने कहा कि 9 मई की घटना पाकिस्तानी सेना पर हमला थी, यह कहते हुए कि पूर्व प्रधान मंत्री को उनके सहायक द्वारा सहायता प्रदान की जा रही थी. 9 मई को अर्धसैनिक रेंजरों द्वारा खान को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (IHC) परिसर से गिरफ्तार करने के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया.
उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने खान की गिरफ्तारी के जवाब में लाहौर कॉर्प्स कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की. भीड़ ने पहली बार रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी धावा बोल दिया. पुलिस ने हिंसक झड़पों में मरने वालों की संख्या 10 बताई है, जबकि खान की पार्टी का दावा है कि सुरक्षाकर्मियों की गोलीबारी में उसके 40 कार्यकर्ताओं की जान चली गई. उस हिंसा के बाद खान के हजारों समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसे सेना ने देश के इतिहास में एक काला दिन बताया.
(पीटीआई)