वाशिंगटन : पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर मंगलवार, 1 अगस्त, 2023 को चार महीने में तीसरी बार आपराधिक आरोप लगाए गए. इस बार अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 2020 के चुनाव को पलटने के प्रयास के लिए मंगलवार को दोषी ठहराया गया है. इस मामले में ट्रंप पर चार प्रमुख आरोप लगाये गये हैं.
उनपर लगे आरोपों में संयुक्त राज्य अमेरिका को धोखा देने की साजिश, सरकारी कार्यवाही में बाधा डालने की साजिश, किसी आधिकारिक कार्यवाही में बाधा डालना और बाधा डालने का प्रयास करना और अधिकारों के विरुद्ध षडयंत्र रचने का आरोप लगाया है. ट्रंप को गुरुवार, 3 अगस्त को संघीय अदालत में प्रारंभिक उपस्थिति दर्ज कराने का आदेश दिया गया है.
ये आरोप विशेष वकील जैक स्मिथ की आरोपों की जांच से उपजे हैं. विशेष वकील जैक स्मिथ की व्यापक जांच में ट्रंप पर कई आरोप लगाये गये हैं. इनमें प्रमुख आरोप है कि ट्रंप ने बाइडेन से अपनी हार को पलटने का प्रयास किया. 6 जनवरी, 2021 को, चुनावी धोखाधड़ी के कई हफ्तों के दावों के बाद, ट्रंप ने एक उग्र भाषण दिया. जबकि कांग्रेस ने परिणामों को प्रमाणित करने के लिए बैठक की थी. इसके बाद, बाइडेन की जीत की औपचारिकता को रोकने के प्रयास में उनके समर्थकों ने यूएस कैपिटल पर धावा बोल दिया.
स्मिथ ने कहा कि 6 जनवरी, 2021 को हमारे देश की राजधानी पर हमला, अमेरिकी लोकतंत्र पर एक अभूतपूर्व हमला था. जैसा कि अभियोग में वर्णित है. यह हमला ट्रंप के झूठ से प्रेरित था. अभियोग में आरोप लगाया गया है कि ट्रंप ने परिणामों को पलटने के लिए छह अन्य अज्ञात व्यक्तियों के साथ साजिश रची. अभियोजकों ने लिखा कि ट्रंप जानते थे कि उनके दावे कि चुनाव परिणाम में धोखाधड़ी हुई है झूठा है, लेकिन फिर भी उन्होंने अविश्वास और क्रोध का तीव्र राष्ट्रीय माहौल बनाने और चुनाव प्रशासन में जनता के विश्वास को कम करने के लिए उन्हें दोहराया.
एक बयान में, ट्रंप अभियान की ओर से कहा गया कि उन्होंने हमेशा कानून का पालन किया है और अभियोग को नाजी जर्मनी की याद दिलाने वाला राजनीतिक 'उत्पीड़न' बताया है. अधिकारियों ने गवाही दी है कि ट्रंप ने व्यापक मतदान धोखाधड़ी के झूठे दावों के आधार पर उन पर दबाव डाला.
कांग्रेस को बाइडेन की जीत को प्रमाणित करने से रोकने के लिए उनके समर्थकों ने 6 जनवरी, 2021 को यूएस कैपिटल पर हमला किया. अभियोग में आरोप लगाया गया है कि ट्रंप और सह-षड्यंत्रकारियों पर सात राज्यों में मतदाताओं के फर्जी नंबर जारी किये जिनमें से सभी में वह हार गए थे. जिससे जनता में एक अविश्वास का माहौल बना. ट्रंप पहले ही आपराधिक आरोपों का सामना करने वाले पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बन चुके हैं.
कैपिटल पर हमला : 6 जनवरी, 2021 को कैपिटल (अमेरिकी संसद) में हुए उपद्रव में, ट्रंप के समर्थकों ने पुलिस पर हमला करने और इमारत में घुसपैठ करने के लिए विभिन्न हथियारों का इस्तेमाल किया, जिससे सांसदों को अपनी जान बचाने के लिए भागने पर मजबूर होना पड़ा. अराजकता के दौरान और उसके तुरंत बाद पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि लगभग 140 पुलिस अधिकारी घायल हो गए. हमले से पहले ट्रंप ने व्हाइट हाउस के पास एक भड़काऊ भाषण में समर्थकों से कैपिटल तक मार्च करने और चुनाव की 'चोरी को रोकने' के लिए कहा.
1,000 से अधिक लोगों पर दंगे से उत्पन्न अपराधों का आरोप लगाया गया है, जिनमें कुछ लोगों को देशद्रोही साजिश का दोषी ठहराया गया है. ट्रंप और उनके सहयोगी धोखाधड़ी के झूठे दावों के आधार पर चुनाव परिणामों को चुनौती देने वाले चुनाव-संबंधित मुकदमों की एक श्रृंखला हार गए. डेमोक्रेटिक नेतृत्व वाली अमेरिकी प्रतिनिधि सभा समिति की 2022 की एक जांच रिपोर्ट में पाया गया कि ट्रंप ने कांग्रेस के संयुक्त सत्र के दौरान चुनाव के परिणाम निर्धारित करने वाले राज्य-दर-राज्य चुनावी वोटों की गिनती करने से इनकार करने के लिए पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस पर 'भ्रष्ट रूप से दबाव डाला'.
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समिति ने कहा कि उस कथित योजना के हिस्से के रूप में, ट्रंप और उनके कई सलाहकारों ने एरिजोना, जॉर्जिया, मिशिगन, न्यू मैक्सिको और पेंसिल्वेनिया जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में मतदाताओं के फर्जी दस्तावेज जमा करने की साजिश रची थी, जहां ट्रंप हार गए थे. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस और अमेरिकी राष्ट्रीय अभिलेखागार और अभिलेख प्रशासन को बताया कि उन्होंने वास्तव में उन राज्यों को जीत लिया है.