कोलंबो: श्रीलंका के पूर्व वित्त मंत्री एवं विवादों में घिरे राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के छोटे भाई बेसिल राजपक्षे को मंगलवार को कोलंबो हवाई अड्डे पर तब रोक लिया गया, जब वह ‘वीआईपी टर्मिनल’ के जरिए देश छोड़ने की कोशिश कर रहे थे. एक आव्रजन अधिकारी ने यह जानकारी दी. संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने के सार्वजनिक रूप से राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफा देने की संभावित घोषणा करने से एक दिन पहले बेसिल ने देश छोड़ने की कोशिश की.
राजपक्षे ने कहा था कि वह 13 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे देंगे. राजपक्षे परिवार श्रीलंका में सबसे शक्तिशाली परिवार माना जाता है लेकिन देश के भीषण आर्थिक संकट से निपटने के तरीके को लेकर जनता में राजपक्षे परिवार के प्रति गहरी नाराजगी और आक्रोश है. गोटबाया राजपक्षे ने सोमवार को अपने इस्तीफे पर हस्ताक्षर किए थे, जिस पर एक जुलाई की तारीख थी.
इस्तीफे को सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले किया गया है, जो उसे संसद के अध्यक्ष को सौंपेंगे. अमेरिकी पासपोर्ट धारक बेसिल को अप्रैल में उस समय वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था, जब देश में ईंधन, खाद्य सामग्री तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी का विरोध करते हुए लोग सड़कों पर उतर आए थे. ‘श्रीलंका इमिग्रेशन एंड एमिग्रेशन ऑफिसर्स एसोसिएशन’ ने बताया कि अधिकारियों ने बेसिल को कोलंबो हवाई अड्डे पर ‘वीआईपी टर्मिनल’ का इस्तेमाल करने देने से रोक दिया था.
‘इकोनॉमी नेक्स्ट’ वेबसाइट के मुताबिक, श्रम संघ ने एक बयान में कहा, ‘देश में जारी संकट के मद्देनजर फैसला किया गया है कि अगले आदेश तक ‘सिल्क रूट/सीआईपी आदि सुविधाओं को बंद रखा जाएगा.' संघ के प्रमुख के.ए.एस.कनुगाला ने कहा, ‘यह फैसला आधी रात से लागू किया गया.’ उन्होंने कहा कि भ्रष्ट लोग इन सुविधाओं का लाभ उठा कर देश छोड़ने की कोशिश कर सकते हैं.
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देश में जारी आर्थिक संकट के लिए व्यापक स्तर पर बेसिल को जिम्मेदार ठहराया जाता है. गौरतलब है कि श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफा देने की घोषणा के बाद श्रीलंका के राजनीतिक दलों ने सर्वदलीय सरकार बनाने तथा 20 जुलाई को नये राष्ट्रपति का चुनाव करने की दिशा में सोमवार को कई कदम उठाये, ताकि देश को और अराजकता की ओर बढ़ने से रोका जा सके. प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के कार्यालय ने सोमवार को कहा था कि नयी सर्वदलीय अंतरिम सरकार बनते ही, समूचा मंत्रिमंडल इस्तीफा दे देगा और नयी सरकार को अपनी जिम्मेदारी सौंप देगा.
(पीटीआई-भाषा)