नई दिल्ली: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा 100 से अधिक सदस्यों वाले प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत की यात्रा पर हैं. सुगा ने गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि उन्हें नई दिल्ली और टोक्यो के बीच आर्थिक संबंधों में और प्रगति की उम्मीद है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी ने जापान-भारत एसोसिएशन (जेआईए) के अध्यक्ष एवं जापान के पूर्व प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा से मुलाकात की.
आपको बता दें सुगा 100 से अधिक सदस्यों वाले एक प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत की यात्रा पर हैं. इस प्रतिनिधिमंडल में सरकारी अधिकारी, कीडनरेन (जापान बिजनेस फेडरेशन) और सांसदों के 'गणेश नो काई' समूह के सदस्य शामिल हैं.
प्रधानमंत्री ने जेआईए के अध्यक्ष के रूप में पहली बार भारत की यात्रा पर आए सुगा का स्वागत किया. दोनों नेताओं ने निवेश एवं आर्थिक सहयोग, रेलवे, दोनों देशों के लोगों के बीच पारस्परिक संपर्क, कौशल विकास के क्षेत्र में साझेदारी सहित भारत और जापान के बीच विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने के बारे में विचारों का आदान-प्रदान किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच संसदीय संबंधों को मजबूत करने के बारे में 'गणेश नो काई' संसदीय समूह के सदस्यों के साथ सार्थक बातचीत की. उन्होंने जापान में योग एवं आयुर्वेद की बढ़ती लोकप्रियता का स्वागत किया तथा भारत और जापान के बीच सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों के बारे में चर्चा की.
प्रधानमंत्री ने कीडनरेन के सदस्यों का भारत में स्वागत किया और व्यापार इकोसिस्टम को बेहतर बनाने के लिए देश में किए गए व्यापक सुधारों पर प्रकाश डाला. उन्होंने जापानी निवेशकों को अपने मौजूदा निवेश का विस्तार करने और सहयोग के नए रास्ते तलाशने के लिए आमंत्रित किया.
भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना: सुगा ने जापान-भारत आर्थिक संबंधों को विकसित और गहरा करने के उनके निरंतर प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि जापान-भारत एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में मैं जापान के व्यापारिक समुदाय के साथ भारत का दौरा करने में सक्षम होने पर बहुत खुश हूं. भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है.
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उन्होंने कहा कि इस साल के अंत तक भारत के दुनिया की सबसे बड़ी आबादी बनने की भी उम्मीद है. मैंने खुद भारत की जीवंतता देखी और भारतीय अर्थव्यवस्था की 'गति' को सीधे तौर पर महसूस कर पाया. पूर्व जापानी पीएम ने कहा मैं जापान और भारत के बीच आर्थिक संबंधों को और आगे बढ़ाने की प्रार्थना के साथ अपनी टिप्पणी समाप्त करना चाहूंगा.