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Fiji Important Partner Of India : फिजी हिंद-प्रशांत में भारत का अहम साझेदार: जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने फिजी को भारत का एक अहम साझेदार बताया. भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि फिजी के साथ हमारा ऐतिहासिक संबंध है और निश्चित रूप से फिजी को एक बेहद महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में देखते हैं.

External Affairs Minister S Jaishankar
विदेश मंत्री एस जयशंकर
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Published : Feb 16, 2023, 9:00 PM IST

सुवा (फिजी) : विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने गुरुवार को फिजी को भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार बताया और कहा कि उन्होंने फिजी के नेतृत्व को बता दिया है कि रणनीतिक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नई दिल्ली के व्यापक हित हैं. सुवा में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि उन्होंने फिजी के प्रधानमंत्री सितिवेनी लिगामामादा राबुका के साथ भारत-फिजी संबंधों के भविष्य के बारे में विस्तृत चर्चा की.

उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मैं उनके पास जो संदेश लेकर आया हूं वह यह है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के हित बहुत महत्वपूर्ण हैं. चाहे आप इसे आर्थिक, राजनीतिक, सुरक्षा, प्रौद्योगिकी या व्यापार हित के रूप में देखें.' जयशंकर वर्तमान में यहां आयोजित 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन में भाग लेने के लिए दक्षिण प्रशांत द्वीपसमूह देश की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं. उन्होंने सम्मेलन के वास्ते भारत के साथ भागीदारी के लिए फिजी की सरकार को भी धन्यवाद दिया और कहा कि 'हम समारोह में फिजी के राष्ट्रपति विलियम काटोनिवेरे और फिजी-भारतीय समुदाय की उपस्थिति से सम्मानित हुए.'

जयशंकर ने कहा, 'जब हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र को देखते हैं, तो हम निश्चित रूप से फिजी को एक बहुत महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में देखते हैं, जिसके साथ हमारा ऐतिहासिक संबंध है.' हिंद-प्रशांत एक जैव-भौगोलिक क्षेत्र है, जिसमें दक्षिण चीन सागर सहित हिंद महासागर और पश्चिमी एवं मध्य प्रशांत महासागर शामिल हैं. अमेरिका, भारत और कई अन्य विश्व शक्तियां संसाधन संपन्न क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य पैंतरेबाज़ी की पृष्ठभूमि में एक स्वतंत्र, खुला और समृद्ध हिंद-प्रशांत सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बारे में बात कर रही हैं.

उन्होंने क्षेत्र में चीन के आक्रामक कदमों के संदर्भ में कहा, 'दो सरकारों के रूप में हमारे लिए चुनौती यह है कि हम इस संबंध को कैसे नयापन दें तथा इसे और अधिक अद्यतन कैसे बनाएं एवं हम उन मुद्दों का समाधान कैसे करें जो विशेष रूप से पिछले तीन वर्षों में उत्पन्न हुए हैं.' दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच विकास साझेदारी का विस्तार करने के तरीकों पर भी चर्चा की. विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि फिजी-भारतीय समुदाय और उनका योगदान महत्वपूर्ण है तथा फिजी सरकार 'दोनों देशों के बीच संबंधों को उन्नत करने और सहयोग को तेज करने के लिए उत्सुक है.'

भारत की जी20 अध्यक्षता पर, जयशंकर ने कहा, 'हम राजनीतिक सुर्खियों के माध्यम से नहीं बल्कि दुनिया से पूछकर एक अंतर लाना चाहते हैं कि ऐसा क्या है जो गायब है और आपकी मुख्य चिंता का कौन सा हिस्सा मेज पर नहीं आया? और हम उस आवाज को कैसे उठाते हैं?' जयशंकर की यात्रा के दौरान, भारत और फिजी के बीच एक वीजा छूट समझौते पर हस्ताक्षर किए गए जो दोनों देशों के राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों को 90 दिन के लिए बिना वीजा के यात्रा करने और एक-दूसरे के देश में रहने की अनुमति देगा.

उन्होंने सुवा में इंडिया हाउस में सरदार पटेल की आवक्ष प्रतिमा का भी अनावरण किया. उन्होंने फिजी संग्रहालय का भी दौरा किया और गिरमिट गैलरी का उद्घाटन किया. जयशंकर ने ट्वीट किया, 'फिजी संग्रहालय का दौरा किया और वहां भारत द्वारा समर्थित गिरमिट गैलरी का उद्घाटन किया. फिजी-भारतीय अनुभव की कहानी का विस्तार हमारे लोगों के प्रयासों को दर्शाता है जिन्होंने घर से दूर अपने जीवन के तरीके का निर्माण किया.'

भारत और फिजी विकास साझेदारी के एक मजबूत तत्व के साथ घनिष्ठ, मैत्रीपूर्ण और दीर्घकालिक संबंध साझा करते हैं। यह वर्ष फिजी में भारत की राजनयिक उपस्थिति की स्थापना का 75वां वर्ष है. विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया कि फिजी में दिसंबर 2022 में सरकार बदलने के बाद से जयशंकर की यात्रा फिजी की पहली उच्चस्तरीय यात्रा है.

ये भी पढ़ें - World Hindi Conference: 12वां विश्व हिंदी सम्मेलन, जयशंकर ने फिजी के राष्ट्रपति के साथ डाक टिकट जारी किया

(पीटीआई-भाषा)

सुवा (फिजी) : विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने गुरुवार को फिजी को भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार बताया और कहा कि उन्होंने फिजी के नेतृत्व को बता दिया है कि रणनीतिक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नई दिल्ली के व्यापक हित हैं. सुवा में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि उन्होंने फिजी के प्रधानमंत्री सितिवेनी लिगामामादा राबुका के साथ भारत-फिजी संबंधों के भविष्य के बारे में विस्तृत चर्चा की.

उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मैं उनके पास जो संदेश लेकर आया हूं वह यह है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के हित बहुत महत्वपूर्ण हैं. चाहे आप इसे आर्थिक, राजनीतिक, सुरक्षा, प्रौद्योगिकी या व्यापार हित के रूप में देखें.' जयशंकर वर्तमान में यहां आयोजित 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन में भाग लेने के लिए दक्षिण प्रशांत द्वीपसमूह देश की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं. उन्होंने सम्मेलन के वास्ते भारत के साथ भागीदारी के लिए फिजी की सरकार को भी धन्यवाद दिया और कहा कि 'हम समारोह में फिजी के राष्ट्रपति विलियम काटोनिवेरे और फिजी-भारतीय समुदाय की उपस्थिति से सम्मानित हुए.'

जयशंकर ने कहा, 'जब हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र को देखते हैं, तो हम निश्चित रूप से फिजी को एक बहुत महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में देखते हैं, जिसके साथ हमारा ऐतिहासिक संबंध है.' हिंद-प्रशांत एक जैव-भौगोलिक क्षेत्र है, जिसमें दक्षिण चीन सागर सहित हिंद महासागर और पश्चिमी एवं मध्य प्रशांत महासागर शामिल हैं. अमेरिका, भारत और कई अन्य विश्व शक्तियां संसाधन संपन्न क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य पैंतरेबाज़ी की पृष्ठभूमि में एक स्वतंत्र, खुला और समृद्ध हिंद-प्रशांत सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बारे में बात कर रही हैं.

उन्होंने क्षेत्र में चीन के आक्रामक कदमों के संदर्भ में कहा, 'दो सरकारों के रूप में हमारे लिए चुनौती यह है कि हम इस संबंध को कैसे नयापन दें तथा इसे और अधिक अद्यतन कैसे बनाएं एवं हम उन मुद्दों का समाधान कैसे करें जो विशेष रूप से पिछले तीन वर्षों में उत्पन्न हुए हैं.' दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच विकास साझेदारी का विस्तार करने के तरीकों पर भी चर्चा की. विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि फिजी-भारतीय समुदाय और उनका योगदान महत्वपूर्ण है तथा फिजी सरकार 'दोनों देशों के बीच संबंधों को उन्नत करने और सहयोग को तेज करने के लिए उत्सुक है.'

भारत की जी20 अध्यक्षता पर, जयशंकर ने कहा, 'हम राजनीतिक सुर्खियों के माध्यम से नहीं बल्कि दुनिया से पूछकर एक अंतर लाना चाहते हैं कि ऐसा क्या है जो गायब है और आपकी मुख्य चिंता का कौन सा हिस्सा मेज पर नहीं आया? और हम उस आवाज को कैसे उठाते हैं?' जयशंकर की यात्रा के दौरान, भारत और फिजी के बीच एक वीजा छूट समझौते पर हस्ताक्षर किए गए जो दोनों देशों के राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों को 90 दिन के लिए बिना वीजा के यात्रा करने और एक-दूसरे के देश में रहने की अनुमति देगा.

उन्होंने सुवा में इंडिया हाउस में सरदार पटेल की आवक्ष प्रतिमा का भी अनावरण किया. उन्होंने फिजी संग्रहालय का भी दौरा किया और गिरमिट गैलरी का उद्घाटन किया. जयशंकर ने ट्वीट किया, 'फिजी संग्रहालय का दौरा किया और वहां भारत द्वारा समर्थित गिरमिट गैलरी का उद्घाटन किया. फिजी-भारतीय अनुभव की कहानी का विस्तार हमारे लोगों के प्रयासों को दर्शाता है जिन्होंने घर से दूर अपने जीवन के तरीके का निर्माण किया.'

भारत और फिजी विकास साझेदारी के एक मजबूत तत्व के साथ घनिष्ठ, मैत्रीपूर्ण और दीर्घकालिक संबंध साझा करते हैं। यह वर्ष फिजी में भारत की राजनयिक उपस्थिति की स्थापना का 75वां वर्ष है. विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया कि फिजी में दिसंबर 2022 में सरकार बदलने के बाद से जयशंकर की यात्रा फिजी की पहली उच्चस्तरीय यात्रा है.

ये भी पढ़ें - World Hindi Conference: 12वां विश्व हिंदी सम्मेलन, जयशंकर ने फिजी के राष्ट्रपति के साथ डाक टिकट जारी किया

(पीटीआई-भाषा)

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