वाशिंगटन : कंपनी 'मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक' ने कहा कि वह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सोशल मीडिया मंच फेसबुक और इंस्टाग्राम के खाते बहाल करेगी. 'मेटा' फेसबुक और इंस्टाग्राम की मूल कंपनी है. अमेरिकी संसद परिसर (कैपिटल हिल) में छह जनवरी 2021 को हुए हमले के बाद फेसबुक ने सात जनवरी 2021 को ट्रंप का खाता निलंबित कर दिया था. ट्रंप (76) ने गत वर्ष नवंबर में घोषणा की थी कि वह 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में अपनी दावेदारी पेश करेंगे.
क्लेग ने जोर देकर कहा कि अपनी नई समाचार योग्य सामग्री नीति (न्यूजवर्थी कंटेंट पॉलिसी) के तहत अगर 'मेटा' को लगा कि ट्रंप ने ऐसा बयान दिया है जो किसी भी संभावित नुकसान को बढ़ा सकता है, तो वह इस तरह के 'पोस्ट' को प्रतिबंधित करने का विकल्प चुन सकता है, लेकिन फिर भी वह उनके खाते पर दिखते रहेंगे.
क्लेग ने कहा कि हम लोगों को बोलने का मौका देते हैं, तब भी जब वे जो कहते हैं वह अप्रिय व तथ्यात्मक रूप से गलत हो. लोकतंत्र ऐसा ही है और लोग अपनी बात रखने में सक्षम होने चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि इसके बीच एक रेखा खींचने की आवश्यकता है, कि कौन सी सामग्री हानिकारक है तथा किसे हटाया जाना चाहिए और कोई सामग्री चाहे कितनी भी अप्रिय या गलत क्यों न हो वह स्वतंत्र समाज में जीवन के उतार-चढ़ाव का हिस्सा है.
क्लेग ने कहा कि कंपनी यह सुनिश्चित करने के लिए नए नियम जोड़ रही है कि किसी के द्वारा भी नियमों का दोबारा उल्लंघन न किया जाए. सोशल मीडिया मंच ट्विटर ने भी उनका खाता मंच से हटा दिया था, लेकिन एलॉन मस्क के कंपनी की बागडोर हाथ में लेने के बाद हाल ही में उनका खाता बहाल कर दिया गया. मुख्यधारा के सोशल मीडिया मंच पर प्रतिबंध के बाद ट्रंप अपनी खुद की एक साइट, 'ट्रुथ सोशल' के जरिए अपनी बात रख रहे हैं. उन्होंने ट्विटर पर उनका खाता 'ब्लॉक' किए जाने के बाद इसे जारी किया था.
फेसबुक की इस घोषणा के बाद ट्रंप ने 'ट्रुथ सोशल' पर कहा कि फेसबुक, जिसने आपके प्रिय राष्ट्रपति का खाता हटाने के बाद से अरबों का नुकसान झेला उसने अभी घोषणा की है कि वह मेरा खाता बहाल कर रहा है. मौजूदा राष्ट्रपति या अन्य कोई भी, जिसके साथ ऐसा नहीं किया जाना चाहिए, उसके साथ ऐसा दोबारा कभी नहीं होना चाहिए. गौरतलब है कि ट्रंप ने तीन नवंबर 2020 को हुए राष्ट्रपति चुनाव में हार स्वीकार नहीं की थी और उन्होंने चुनाव में धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे. ट्रंप के इन आरोपों के बीच उनके कथित समर्थकों ने छह जनवरी को संसद भवन परिसर में हिंसा की थी.
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(पीटीआई-भाषा)