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नेपाल में संसद और प्रांतीय विधानसभाओं के चुनाव के लिए मतदान शुरू

नेपाल में रविवार को राष्ट्रीय और प्रांतीय चुनाव हो रहे हैं. जिसमें नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के जीतने की उम्मीद है, लेकिन भारत और चीन के बीच फंसे देश में बहुप्रतीक्षित राजनीतिक स्थिरता की संभावना नहीं दिख रही है. हिमालयी राष्ट्र के सात प्रांतों में 17.9 मिलियन से अधिक लोग मतदान करेंगे. मतदान स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे शुरू हुआ जो शाम पांच बजे तक चलेगा.

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नेपाल में राष्ट्रीय और प्रांतीय चुनाव आज
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Published : Nov 20, 2022, 8:25 AM IST

Updated : Nov 20, 2022, 9:13 AM IST

काठमांडू: नेपाल में नई संसद और प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्यों को चुनने के लिए रविवार सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान शुरू हो गया. नेपाल में मतदाता उस राजनीतिक अस्थिरता को समाप्त करने की उम्मीद में मतदान कर रहे हैं, जो एक दशक से अधिक समय से देश के लिए चिंता का कारण बनी हुई है. देशभर में 22,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे मतदान शुरू हो गया, जो शाम पांच बजे तक चलेगा. मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद मतों की गिनती शुरू हो जाएगी, लेकिन अंतिम परिणाम आने में एक सप्ताह का समय लग सकता है.

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नेपाल में संघीय संसद की 275 सीटों और सात प्रांतीय विधानसभाओं की 550 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं. नेपाल के सात प्रांतों में 1.79 करोड़ से अधिक लोग मतदान के लिए पात्र हैं. संघीय संसद के कुल 275 सदस्यों में से 165 का चयन प्रत्यक्ष मतदान के जरिये होगा, जबकि बाकी 110 को 'आनुपातिक चुनाव प्रणाली' के माध्यम से चुना जाएगा. इसी तरह, प्रांतीय विधानसभाओं के कुल 550 सदस्यों में से 330 का चयन प्रत्यक्ष, जबकि 220 का चयन आनुपातिक प्रणाली से होगा. चुनावों पर करीबी नजर रखने वाले राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने त्रिशंकु संसद और एक ऐसी सरकार के गठन का अनुमान जताया है, जो नेपाल में आवश्यक राजनीतिक स्थिरता प्रदान नहीं कर पाएगी.

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नेपाल में करीब एक दशक तक रहे माओवादी उग्रवाद की समाप्ति के बाद से संसद में राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है. 2006 में गृह युद्ध के खत्म होने के बाद से कोई भी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है. नेतृत्व में बार-बार बदलाव और राजनीतिक दलों के बीच आपसी विवाद को देश के धीमे आर्थिक विकास का कारण बताया जाता है. चुनावी मैदान में दो प्रमुख राजनीतिक गठबंधन हैं-सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाला लोकतांत्रिक एवं वामपंथी गठबंधन और सीपीएन-यूएमएल (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्ससिस्ट-लेनिनिस्ट) के नेतृत्व वाला वामपंथी, हिंदू एवं राजशाही समर्थक गठबंधन.

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अगली सरकार के सामने एक स्थिर राजनीतिक प्रशासन बनाए रखने, पर्यटन उद्योग को पुनर्जीवित करने और अपने पड़ोसियों चीन एवं भारत के साथ संबंधों को संतुलित करने जैसी चुनौतियां होंगी. नेपाल के निर्वाचन आयोग ने सभी 77 जिलों में चुनाव कराने के लिए 2,76,000 कर्मचारियों को तैनात किया है. शांतिपूर्ण मतदान के लिए करीब तीन लाख सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. संघीय संसद के लिए चुनाव लड़ने वाले कुल 2,412 उम्मीदवारों में से 867 निर्दलीय हैं.

पढ़ें: भारत ने वैश्विक 'नो मनी फॉर टेरर' पहल के लिए सचिवालय की मेजबानी करने की पेशकश की

काठमांडू: नेपाल में नई संसद और प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्यों को चुनने के लिए रविवार सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान शुरू हो गया. नेपाल में मतदाता उस राजनीतिक अस्थिरता को समाप्त करने की उम्मीद में मतदान कर रहे हैं, जो एक दशक से अधिक समय से देश के लिए चिंता का कारण बनी हुई है. देशभर में 22,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे मतदान शुरू हो गया, जो शाम पांच बजे तक चलेगा. मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद मतों की गिनती शुरू हो जाएगी, लेकिन अंतिम परिणाम आने में एक सप्ताह का समय लग सकता है.

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नेपाल में संघीय संसद की 275 सीटों और सात प्रांतीय विधानसभाओं की 550 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं. नेपाल के सात प्रांतों में 1.79 करोड़ से अधिक लोग मतदान के लिए पात्र हैं. संघीय संसद के कुल 275 सदस्यों में से 165 का चयन प्रत्यक्ष मतदान के जरिये होगा, जबकि बाकी 110 को 'आनुपातिक चुनाव प्रणाली' के माध्यम से चुना जाएगा. इसी तरह, प्रांतीय विधानसभाओं के कुल 550 सदस्यों में से 330 का चयन प्रत्यक्ष, जबकि 220 का चयन आनुपातिक प्रणाली से होगा. चुनावों पर करीबी नजर रखने वाले राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने त्रिशंकु संसद और एक ऐसी सरकार के गठन का अनुमान जताया है, जो नेपाल में आवश्यक राजनीतिक स्थिरता प्रदान नहीं कर पाएगी.

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नेपाल में करीब एक दशक तक रहे माओवादी उग्रवाद की समाप्ति के बाद से संसद में राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है. 2006 में गृह युद्ध के खत्म होने के बाद से कोई भी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है. नेतृत्व में बार-बार बदलाव और राजनीतिक दलों के बीच आपसी विवाद को देश के धीमे आर्थिक विकास का कारण बताया जाता है. चुनावी मैदान में दो प्रमुख राजनीतिक गठबंधन हैं-सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाला लोकतांत्रिक एवं वामपंथी गठबंधन और सीपीएन-यूएमएल (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्ससिस्ट-लेनिनिस्ट) के नेतृत्व वाला वामपंथी, हिंदू एवं राजशाही समर्थक गठबंधन.

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अगली सरकार के सामने एक स्थिर राजनीतिक प्रशासन बनाए रखने, पर्यटन उद्योग को पुनर्जीवित करने और अपने पड़ोसियों चीन एवं भारत के साथ संबंधों को संतुलित करने जैसी चुनौतियां होंगी. नेपाल के निर्वाचन आयोग ने सभी 77 जिलों में चुनाव कराने के लिए 2,76,000 कर्मचारियों को तैनात किया है. शांतिपूर्ण मतदान के लिए करीब तीन लाख सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. संघीय संसद के लिए चुनाव लड़ने वाले कुल 2,412 उम्मीदवारों में से 867 निर्दलीय हैं.

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Last Updated : Nov 20, 2022, 9:13 AM IST
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