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तिब्बत में भूकंप के झटके, 4.2 रही तीव्रता - तिब्बत में भूकंप

तिब्बत के ज़िज़ांग में सोमवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए. वहां के नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप की तीव्रता 4.2 रही.

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तिब्बत में भूकंप के झटके
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Published : Jun 13, 2022, 6:21 AM IST

Updated : Jun 13, 2022, 1:58 PM IST

ल्हासा : चीन के पूर्व में बसे तिब्बत के ज़िज़ांग में 4.2 तीव्रता का भूकंप लगभग आया. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक सुबह 4 बजकर एक मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. एनसीएस की रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप का केंद्र 35.06 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 83.86 डिग्री पूर्वी देशांतर पर 149 किमी की गहराई में था. किसी नुकसान की खबर नहीं है.

गौरतलब है कि इससे पहले चीन के सिचुआन के अबा तिब्बती-कियांग स्वायत्त प्रान्त के मायरकांग शहर में शुक्रवार रात करीब 6.0 तीव्रता का भूकंप आया था. सीईएनसी के मुताबिक भूकंप के केंद्र की गहराई 13 किलोमीटर थी.

क्यों आता है भूकंप : धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है, जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर हिलती रहती हैं. जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है. इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाती है.

भूकंप की तीव्रता का अंदाजा केंद्र (एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है. इन तरंगों से सैकड़ो किलोमीटर तक कंपन होता है और धरती में दरारें तक पड़ जाती है. अगर भूकंप की गहराई उथली हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे भयानक तबाही होती है, लेकिन जो भूकंप धरती की गहराई में आते हैं, उनसे सतह पर ज्यादा नुकसान नहीं होता. समुद्र में भूकंप आने पर ऊंची और तेज लहरें उठती हैं, जिसे सुनामी भी कहते हैं.

पढ़ें- लद्दाख में 5.2 तीव्रता का भूकंप, जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं

ल्हासा : चीन के पूर्व में बसे तिब्बत के ज़िज़ांग में 4.2 तीव्रता का भूकंप लगभग आया. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक सुबह 4 बजकर एक मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. एनसीएस की रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप का केंद्र 35.06 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 83.86 डिग्री पूर्वी देशांतर पर 149 किमी की गहराई में था. किसी नुकसान की खबर नहीं है.

गौरतलब है कि इससे पहले चीन के सिचुआन के अबा तिब्बती-कियांग स्वायत्त प्रान्त के मायरकांग शहर में शुक्रवार रात करीब 6.0 तीव्रता का भूकंप आया था. सीईएनसी के मुताबिक भूकंप के केंद्र की गहराई 13 किलोमीटर थी.

क्यों आता है भूकंप : धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है, जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर हिलती रहती हैं. जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है. इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाती है.

भूकंप की तीव्रता का अंदाजा केंद्र (एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है. इन तरंगों से सैकड़ो किलोमीटर तक कंपन होता है और धरती में दरारें तक पड़ जाती है. अगर भूकंप की गहराई उथली हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे भयानक तबाही होती है, लेकिन जो भूकंप धरती की गहराई में आते हैं, उनसे सतह पर ज्यादा नुकसान नहीं होता. समुद्र में भूकंप आने पर ऊंची और तेज लहरें उठती हैं, जिसे सुनामी भी कहते हैं.

पढ़ें- लद्दाख में 5.2 तीव्रता का भूकंप, जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं

Last Updated : Jun 13, 2022, 1:58 PM IST
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