विंडहोक : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को नामीबिया विश्वविद्यालय में भारत-नामीबिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (INCEIT) का उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह केंद्र भारत नामीबिया के बीच विकासत्मक सहयोग और क्षमता निर्माण के लिए की गई साझेदारी का परिणाम है. उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, जयशंकर ने कहा कि भारत और नामीबिया एक दूसरे के मानव संसाधन, खास तौर से युवा पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए अपनी साझेदारी को आगे बढ़ा रहे हैं.
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Delighted to participate in inauguration of India-Namibia Centre of Excellence in Information Technology (INCEIT) in Windhoek.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) June 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Thank DPM and FM Netumbo Nandi-Ndaitwah and Minister of Higher Education Itah Kandjii-Murangi for joining.
This Centre is a notable contribution to… pic.twitter.com/uh8n7c6dlA
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ताकि प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सही कौशल का विकास किया जा सके. उन्होंने कहा कि यह केंद्र निश्चित रूप से लंबे समय से चली आ रही लोगों की दोस्ती और संबंधों को दर्शाता है. अपने संबोधन में, उन्होंने ओडिशा में ट्रेन दुर्घटना पर शोक व्यक्त करने के लिए नामीबिया के उप प्रधान मंत्री को भी धन्यवाद दिया. जयशंकर ने कहा कि नॉलेज सोसाइटी के निर्माण में नामीबिया के लिए केंद्र में पेश किए जाने वाले पाठ्यक्रम महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि आज नामीबिया अपनी डिजिटल यात्रा शुरू कर रहा है.
उन्होंने कहा कि केंद्र जो पाठ्यक्रम पेश कर रहा है, वह वास्तव में महत्वपूर्ण है. यह नवाचार और प्रौद्योगिकी की नींव तैयार करेगा. उन्होंने कोविन एप के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि भारत का कोविन एप्लिकेशन ने कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के लिए तकनीकी रीढ़ प्रदान किया. उन्होंने कहा कि इसकी मदद से बिना किसी भ्रम के 2.5 बिलियन से अधिक खुराक का टीकाकरण संभव हो पाया.
विदेश मंत्री ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के बारे में भी बात की, जिसने भारत में डिजिटल लेनदेन में क्रांति ला दी है.
इसी तरह, हमारे घर ने एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस विकसित किया है, इसने वास्तव में भारत में डिजिटल लेनदेन में क्रांति ला दी है. उन्होंने कहा कि इसकी मदद से हम वित्तीय समावेशन को नए स्तरों पर ले जा सके हैं. उन्होंने कहा कि आज दुनिया का 40 प्रतिशत रियल टाइम डिजिटल भुगतान भारत में होता है. उन्होंने कहा कि भारत-नामीबिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (INCEIT) की अनूठी विशेषता यह है कि यह केंद्र PARAM सुपर कंप्यूटर द्वारा संचालित है.
(एएनआई)