बीजिंग: उत्तर-पश्चिमी चीन में भूकंप के बाद कम से कम 127 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह भूकंप पिछले नौ वर्षों में देश में आया सबसे घातक भूकंप था. अधिकारियों ने तुरंत कई आपातकालीन सेवाओं को राहत बचाव अभियान में लगाया लेकिन उनका काम जटिल हो गया है क्योंकि भूकंप के चलते सड़कें और बुनियादी ढांचाएं नष्ट हो गई.
भूस्खलन शुरू हो गया और आंशिक रूप से एक गाँव मलब में दब गया. शून्य से नीचे तापमान के कारण बचाव कार्य कठिन हो जाता है. पूरे देश में भीषण शीत लहर का प्रकोप है. चीन के अधिकांश हिस्से शून्य से नीचे की स्थिति से जूझ रहे हैं. मंगलवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने खोज और राहत कार्यों में संपूर्ण प्रयास करने का आह्वान किया.
सरकारी मीडिया के अनुसार लगभग 1,500 अग्निशामकों को तैनात किया गया था और 1,500 अन्य को स्टैंडबाय पर रखा गया था. आपदा राहत के लिए 300 से अधिक अधिकारियों और सैनिकों को भी तैनात किया गया था. चीन के राज्य योजनाकार ने कहा कि उसने गांसु और किंघई प्रांतों की सहायता के लिए 250 मिलियन युआन (35 मिलियन अमेरिकी डॉलर) आवंटित किए हैं.
सरकारी समाचार एजेंसी अनुसार भूकंप की तीव्रता 6.2 थी. यह सोमवार को 23:59 बजे (15:59 GMT) किंघई की सीमा के पास गांसु प्रांत में आया. इससे काफी क्षति हुई. गांसु में 113 लोगों की मौत की पुष्टि हुई, जबकि 536 अन्य घायल हो गए. किंगहाई में सीसीटीवी ने बताया कि 14 लोग मारे गए और 198 अन्य घायल हो गए.
2014 के बाद से चीन में मरने वालों की संख्या सबसे अधिक दर्ज की गई है, जब भूकंप ने 617 लोगों की जान ले ली थी और दक्षिण पश्चिम चीन के युन्नान प्रांत को तबाह कर दिया था. गांसु प्रांतीय अधिकारियों ने पहले कहा था कि 4,700 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. रिपोर्ट के अनुसार कुछ गांवों में बिजली और पानी की आपूर्ति भी बाधित हुई. वीडियो फुटेज में आपातकालीन वाहनों को बर्फ से ढके राजमार्गों पर चलते हुए दिखाया गया है और बचाव कर्मियों को ट्रकों में कंधे से कंधा मिलाकर चलते हुए दिखाया गया है.