लंदन : भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रतिष्ठित सदस्य रहे और ब्रिटेन के पहले भारतीय सांसद दादाभाई नौरोजी (Dadabhai Naoroji) दक्षिण लंदन के जिस घर में करीब आठ वर्षों तक रहे, उसे 'ब्लू प्लैक' यानी नीली पट्टिका से सम्मानित किया गया है.
'इंग्लिश हैरिटेज' चैरिटी की योजना 'ब्लू प्लैक' लंदन की ऐतिहासिक महत्व की इमारतों को दिया जाने वाला एक सम्मान है. नौरोजी को यह सम्मान बुधवार को दिया गया और यह ऐसे वक्त में दिया गया है जब भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है.
नौरोजी 19वीं सदी के अंत में करीब आठ वर्षों तक लंदन के इस घर में रहे थे. 'भारतीय राजनीति के पितामह' (ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडिया) कहलाने वाले नौरोजी ऐसे वक्त में वाशिंगटन हाउस, 72 एनर्ले पार्क, पेंगे, ब्रोमली रहने गए थे जब वे वैचारिक तौर पर 1897 में भारत की पूर्ण आजादी के समर्थक बन रहे थे.
लाल रंग की ईंटों से बने इस घर के बाहर अब एक पट्टिका लगी है, जिस पर लिखा है, 'दादाभाई नौरोजी 1825-1917 भारतीय राष्ट्रवादी और सांसद यहां रहे थे.' इंग्लिश हैरिटेज ने एक बयान में कहा, 'नौरोजी सात बार इंग्लैंड गए और लंदन में अपनी जिंदगी का तीन दशक से अधिक का वक्त गुजारा. अगस्त 1897 में वह वाशिंगटन हाउस गए. यहां उनका अधिकांश वक्त वेल्बी आयोग के सदस्य के रूप में काम करते हुए बीता. इस आयोग को ब्रिटिश सरकार ने भारत में व्यर्थ खर्चों की जांच करने के लिए गठित किया था. यहां रहते हुए 'पावर्टी एंड अन-ब्रिटिश रूल इन इंडिया' (1901) शीर्षक से उनकी थ्योरी प्रकाशित हुई थी.'
दस्तावेजों के अनुसार, वाशिंगटन हाउस लंदन में भारतीय समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र था, जहां कई भारतीयों को आमंत्रित किया जाता था. इंग्लिश हैरीटेज ने कहा, 'नौरोजी ने 1904 या 1905 में इस मकान को छोड़ा था. इसके साथ ही यह लंदन में उनका ऐसा मकान बन गया, जहां वह सबसे लंबे समय तक रहे.' मुंबई में एक पारसी परिवार में जन्मे नौरोजी भारत और ब्रिटेन दोनों जगह एक प्रभावशाली और बुद्धिजीवी नेता थे.
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(पीटीआई-भाषा)