इस्लामाबाद/कराची : चक्रवात बिपरजॉय (Cyclone Biparjoy) के गुरुवार को पाकिस्तान के तटीय क्षेत्रों में दस्तक देने से पहले देश के दक्षिणी सिंध प्रांत में लगभग 67,000 लोगों को उनके घरों से हटा कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. चक्रवात के प्रभाव से कई शहरों में भारी बारिश और बाढ़ की संभावना है और इससे निपटने के लिए तैयारियां की जा रही हैं.
'बिपरजॉय' का अर्थ बांग्ला में आपदा या विपदा होता है. वर्तमान में 'बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान' में तब्दील हो चुका बिपरजॉय भारत और पाकिस्तान के करीब पहुंच रहा है, जिसकी वजह से अधिकारी जानमाल के संभावित नुकसान को कम करने के लिए एहतियाती कदम उठा रहे हैं. 'बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान' के सिंध के थट्टा जिले में केटी बंदर बंदरगाह और भारत में कच्छ जिले के बीच पहुंचने की संभावना है.
सिंध के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमएच) द्वारा साझा की गई सूचना के अनुसार थट्टा, सुजावल और बदीन के तीन संवेदनशील जिलों से 67,367 लोगों को उनके घरों से निकाल कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है और वहां 39 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं.
अधिकारियों ने कहा कि इनमें से आधे लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है जबकि अन्य ने अपने रिश्तेदारों के साथ रहने की इच्छा जताई है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि चक्रवात से निपटने के लिए एहतियाती कदम के तहत वे तटीय इलाकों से 50,000 से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएं और अन्य इंतजाम करें.
उन्होंने बुधवार को ट्वीट किया, 'मैंने अभी सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह से बात की और चक्रवात से निपटने की तैयारियों पर चर्चा की. मैं मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सिंध सरकार द्वारा की गई व्यवस्था की सराहना करता हूं. मैंने सिंध सरकार को संघीय सरकार के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया. अल्लाह ने चाहा तो जनता के सहयोग से हम इस स्थिति से उबर जाएंगे.'
पाकिस्तान ने तटीय क्षेत्रों में बचाव कार्यों में मदद के लिए नागरिक प्रशासन और सशस्त्र बलों के कर्मियों को पहले से ही तैनात कर दिया है. जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने कहा कि कराची पर तत्काल कोई खतरा नहीं है, लेकिन देश के आर्थिक केंद्र को नुकसान पहुंचाने वाली हवाओं और बारिश से निपटने के लिए आपातकालीन उपाय किए जा रहे हैं.
पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (पीएमडी) के अलर्ट के अनुसार, चक्रवात बिपरजॉय के प्रभाव से भारत के गुजरात राज्य में मांडवी और कराची के बीच 325 किलोमीटर के लंबे तटीय क्षेत्र में तेज हवाएं, तूफानी लहरें कहर ढाएंगी और तेज बारिश होगी.
इससे पहले सिंध के सूचना मंत्री शरजील मेमन ने संवाददाताओं को बताया कि सिंध के तटीय क्षेत्रों के निकटवर्ती इलाकों से लगभग 62,000 लोगों को हटा कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
मेमन ने कहा, 'अब तक थट्टा, केटी बंदर, सुजावल, बादिन, उमेरकोट, थारपारकर, शहीद बेनजीराबाद, टंडो मुहम्मद खान, टंडो अल्लायार और संघार में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.'
उन्होंने कहा कि इन लोगों को मजबूत इमारतों वाले सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में आश्रय दिया गया है और पर्याप्त भोजन, पानी और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है.
मेमन ने कहा कि थट्टा, केटी बंदर और सुजावल के कई इलाकों में कुछ परिवार अपने घर छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें वहां से जबरन हटाना पड़ा.
कई शहरों में बाढ़ का खतरा : उन्होंने कहा, 'ऐसे लोग भी हैं जो स्वेच्छा से सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे.' पीडीएम ने कहा है कि चक्रवात बिपरजॉय गुरुवार दोपहर या शाम को दस्तक देगा और अपने साथ भारी बारिश और तूफान लाएगा. चक्रवात के कारण कराची और हैदराबाद जैसे शहरों में भारी बाढ़ आ सकती है.
पीएमडी द्वारा जारी हालिया अलर्ट में कहा गया है कि चक्रवात कराची से लगभग 310 किलोमीटर दक्षिण, थाटा से 300 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और केटी बंदर से 240 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम की दूरी पर है.
सरकार ने एहतियात के तौर पर बलूचिस्तान प्रांत के हब और लासबेला जिलों और ग्वादर में भी कुछ जगहों से लोगों हटा कर सुरक्षित स्थानों पर भेजा है. ऊर्जा मंत्री खुर्रम दस्तगीर ने चक्रवात के कारण पाकिस्तान में आरएलएनजी (री-गैसीफाइड तरलीकृत प्राकृतिक गैस-आधारित) आपूर्ति बाधित होने से नागरिकों को 'आरएलएनजी-आधारित बिजली उत्पादन में अस्थायी कमी और लोड-शेडिंग में अस्थायी वृद्धि' के बारे में सतर्क किया.
मंत्री ने चेतावनी दी कि चक्रवात कराची के तटीय इलाकों और सिंध के अन्य हिस्सों में बिजली पारेषण प्रणाली को प्रभावित कर सकता है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल इनाम हैदर मलिक ने कहा कि बिपरजॉय उसी मार्ग पर अग्रसर है जिसके बारे में पीएमडी ने अनुमान जताया था.
कराची में रक्षा आवास प्राधिकरण के एक प्रवक्ता ने भी कहा कि सीव्यू बीच के पास स्थित सीव्यू और दाराकशन आवास क्षेत्रों में रहने वाले लगभग 2,000 निवासी स्वेच्छा से अन्य सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं. सरकार नागरिकों को तटीय क्षेत्रों, समुद्र तटों से दूर रहने के लिए अलर्ट जारी कर रही है. मछली पकड़ने की गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है और क्षेत्र के सभी बंदरगाहों को बंद कर दिया गया है.
मलिक ने कहा, 'जोखिम खत्म होने तक सावधानी बरतनी होगी.' रक्षा आवास प्राधिकरण (डीएचए) के प्रवक्ता फारुख रिजवी ने कहा कि स्थिति बिगड़ने और जरूरत पड़ने पर और अधिक लोगों की निकासी की जा सकती है तथा उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा सकता है. उन्होंने कहा कि सीव्यू और डीएचए तट के निकट के सभी रेस्तरां और मनोरंजन पार्क बंद कर दिए गए हैं.
नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएए) ने कहा कि कराची का जिन्ना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा चालू है लेकिन खराब मौसम की स्थिति में हवाई अड्डे पर निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार सुरक्षा उपाय किए जाते हैं. एक अधिकारी ने कहा, 'नियमित रूप से पायलटों को हवा की गति और मौसम के बारे में लगातार जानकारी दी जाती है.'
सीएए ने कहा, 'असामान्य परिस्थितियों में पायलट इलाके और मौसम की स्थिति पर विचार करके उड़ान या विमान को उतारने के लिए निकटतम उपयुक्त गंतव्य का चयन करते हैं.'
इससे पहले आखिरी बार 2010 में चक्रवात फेट का पाकिस्तान के तटीय क्षेत्रों में कहर टूटा था. इसकी वजह से सिंध और मकरान तटीय क्षेत्रों में 15 लोगों की जान गई थी और हजारों लोग बेघर हो गए थे.
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(पीटीआई-भाषा)