वाशिंगटन: दुनिया की महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में भारतीय मूल के सांसद श्री थानेदार ने अब यहां भारतीय मूल के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. श्री थानेदार ने अमेरिका में हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन समुदाय के हितों के रक्षा के लिए कॉकस की शुरूआत की है. 30 सितंबर को अमेरिका के 24 से अधिक सांसद कांग्रेस के द्विदलीय हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन अमेरिकी कॉकस में शामिल हो गए.
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#WATCH | Washington, DC: Indian-American Congressman Shri Thanedar says, "...I want to make sure that every person feels safe to practice his/her religion. We are fighting for religious freedom..." pic.twitter.com/tqbHDywjzF
— ANI (@ANI) September 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) September 29, 2023#WATCH | Washington, DC: Indian-American Congressman Shri Thanedar says, "...I want to make sure that every person feels safe to practice his/her religion. We are fighting for religious freedom..." pic.twitter.com/tqbHDywjzF
— ANI (@ANI) September 29, 2023
सोशल मीडिया पर दी जानकारी
कॉकस के संस्थापक और भारतीय अमेरिकी सांसद श्री थानेदार ने मीडिया को ये जानकारी दी. श्री थानेदार ने कहा कि इस कॉकस का मकसद धार्मिक भेदभाव से निपटना और हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन धर्म के लोगों के लिए धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देना है. साथ ही मीडिया से बातचीत में सांसद थानेदार ने कहा कि 'हम सिर्फ एक और कॉकस की शुरूआत करने के लिए एक साथ नहीं आ रहे हैं. हमारा उद्देश्य ऐसे आंदोलन को आगे बढ़ाना है जो समावेशी और सकारात्मक कार्यों के लिए प्रयास करेगी. उन्होंने कहा कि अमेरिका एक ऐसा देश है जहां हर आस्था, हर एक संस्कृति और समुदाय के लिए जगह है, मेरा नाम श्री थानेदार है और मैं अमेरिका की कांग्रेस में विविधता का प्रमाण हूं.
क्या होता है कांग्रेसनल कॉकस
आपको बता दें, कांग्रेसनल कॉकस अमेरिका सांसदों का एक समूह होता है, जो साझा विधायी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए बैठक करता है. थानेदार के मुताबिक रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों दलों के 27 सांसद इस नये कॉकस का हिस्सा हैं. भारतीय मूल के तकरीबन 30 लाख हिंदू, 12 लाख बौद्ध, पांच लाख सिख और दो लाख जैन अमेरिका में रहते हैं. अमेरिका में करीब 1,000 हिंदू मंदिर, 1,000 बौद्ध मंदिर, 800 गुरुद्वारे और 100 जैन मंदिर हैं, जो समुदाय के विकास, परमार्थ और आध्यात्मिक कल्याण के केंद्र के रूप में काम कर रहे हैं.