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बांग्लादेश में आम चुनाव के लिए मतदान खत्म, बीएनपी ने बहिष्कार किया

BNP boycott poll: बांग्लादेश में आम चुनाव के लिए मतदान समाप्त हो गय. मुख्य विपक्षी दल बीएनपी ने चुनाव का बहिष्कार किया है. वहीं, चुनाव से पहले हिंसा की कई घटनाएं सामने आई.

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Etv Bhaबांग्लादेश में आम चुनाव के लिए मतदान जारी, बीएनपी ने बहिष्कार कियाrat
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By PTI

Published : Jan 7, 2024, 10:29 AM IST

Updated : Jan 7, 2024, 7:46 PM IST

शेख हसीना

ढाका: बांग्लादेश में आम चुनाव के लिए मतदान समाप्त हो गया. मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) द्वारा चुनाव का बहिष्कार किए जाने के कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना का सत्ता में लौटना लगभग तय है. मतदान स्थानीय समयानुसार सुबह आठ बजे शुरू हुआ.

इससे पहले देश के निर्वाचन आयोग ने बताया था कि 42,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर मतदान में कुल 11.96 करोड़ पंजीकृत मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. मतदान 300 निर्वाचन क्षेत्रों में से 299 सीट पर हो रहा है. एक उम्मीदवार के निधन के कारण एक सीट पर मतदान बाद में कराया जाएगा. चुनाव में 27 राजनीतिक दलों के 1,500 से अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं और उनके अलावा 436 निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं.

बांग्लादेश में आम चुनाव
बांग्लादेश में आम चुनाव

भारत के तीन पर्यवेक्षकों समेत 100 से अधिक विदेशी पर्यवेक्षक 12वें आम चुनाव की निगरानी करेंगे. यह चुनाव कड़ी सुरक्षा के बीच कराया जा रहा है. मतदान के दौरान कानून व व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों और सुरक्षाबलों के 75 लाख से अधिक सदस्य तैनात किए गए हैं. निर्वाचन आयोग ने कहा कि नतीजे आठ जनवरी की सुबह से आने की उम्मीद है.

प्रधानमंत्री हसीना ने स्थानीय समयानुसार आठ बजकर तीन मिनट पर ढाका सिटी कॉलेज मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला. इस दौरान उनकी बेटी साइमा वाजिद भी उनके साथ थीं. हसीना (76) वर्ष 2009 से सत्ता में हैं और उनकी पार्टी आवामी लीग ने दिसंबर 2018 में पिछला चुनाव भी जीता था. बीएनपी ने 2014 के चुनाव का बहिष्कार किया था लेकिन 2018 के चुनाव में भाग लिया था.

प्रधानमंत्री हसीना की सत्तारूढ़ आवामी लीग के लगातार चौथी बार जीतने की उम्मीद है क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया (78) की पार्टी बीएनपी ने चुनाव का बहिष्कार किया है। खालिदा भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद घर में नजरबंद हैं. जो 27 राजनीतिक दल चुनाव लड़ रहे हैं उनमें विपक्षी जातीय पार्टी भी शामिल है। बाकी सत्तारूढ़ अवामी लीग की अगुवाई वाले गठबंधन के सदस्य हैं जिसे विशेषज्ञों ने 'चुनावी गुट' का घटक सदस्य बताया है.

बीएनपी ने शनिवार से 48 घंटे की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. मुख्य विपक्षी दल ने चुनाव का बहिष्कार करते हुए छह जनवरी को सुबह छह बजे से आठ जनवरी सुबह छह बजे तक 48 घंटे की देशव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया है. पार्टी का दावा है कि मौजूदा सरकार के रहते कोई भी चुनाव निष्पक्ष और विश्वसनीय नहीं होगा.

बीएनपी के प्रवक्ता रुहुल कबीर रिजवी ने हड़ताल की घोषणा करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य 'इस अवैध सरकार के इस्तीफे, एक तटस्थ सरकार के गठन और सभी पार्टी नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को जेल से रिहा करने की मांग करना है.' चुनावों के मद्देनजर हसीना सरकार ने हजारों विरोधी नेताओं और समर्थकों को गिरफ्तार किया है. मानवाधिकार समूहों ने इस कदम की निंदा कर इसे विपक्ष को पंगु करने का प्रयास बताया.

देश में 15 अन्य राजनीतिक दल भी चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं। बहिष्कार के साथ ही हिंसा के डर से बड़ी संख्या में मतदाता मतदान से दूर रह सकते हैं. ‘द डेली स्टार’ अखबार ने धानमंडी निवासी मोहम्मद मुनीर हसन के हवाले से कहा, 'मतदान केंद्रों पर जाने का क्या फायदा है जब चुनाव महज एक ही पार्टी के दो समूहों के बीच है? हम सभी जानते हैं कि अंत में आवामी लीग इस दौड़ को जीत लेगी.' मुनीर ने हिंसा का भी डर जताया. शनिवार को बांग्लादेश के कम से कम 14 मतदान केंद्रों पर आगजनी की गई जिनमें से एक मतदान केंद्र राजधानी ढाका के बाहरी इलाके में स्थित है.

ये भी पढ़ें- बांग्लादेश में आम चुनाव से पहले 14 मतदान केंद्रों में आगजनी

ये भी पढ़ें-बांग्लादेश: मतदान की पूर्वसंध्या पर चुनाव आयोग का ऐप क्रैश

शेख हसीना

ढाका: बांग्लादेश में आम चुनाव के लिए मतदान समाप्त हो गया. मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) द्वारा चुनाव का बहिष्कार किए जाने के कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना का सत्ता में लौटना लगभग तय है. मतदान स्थानीय समयानुसार सुबह आठ बजे शुरू हुआ.

इससे पहले देश के निर्वाचन आयोग ने बताया था कि 42,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर मतदान में कुल 11.96 करोड़ पंजीकृत मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. मतदान 300 निर्वाचन क्षेत्रों में से 299 सीट पर हो रहा है. एक उम्मीदवार के निधन के कारण एक सीट पर मतदान बाद में कराया जाएगा. चुनाव में 27 राजनीतिक दलों के 1,500 से अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं और उनके अलावा 436 निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं.

बांग्लादेश में आम चुनाव
बांग्लादेश में आम चुनाव

भारत के तीन पर्यवेक्षकों समेत 100 से अधिक विदेशी पर्यवेक्षक 12वें आम चुनाव की निगरानी करेंगे. यह चुनाव कड़ी सुरक्षा के बीच कराया जा रहा है. मतदान के दौरान कानून व व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों और सुरक्षाबलों के 75 लाख से अधिक सदस्य तैनात किए गए हैं. निर्वाचन आयोग ने कहा कि नतीजे आठ जनवरी की सुबह से आने की उम्मीद है.

प्रधानमंत्री हसीना ने स्थानीय समयानुसार आठ बजकर तीन मिनट पर ढाका सिटी कॉलेज मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला. इस दौरान उनकी बेटी साइमा वाजिद भी उनके साथ थीं. हसीना (76) वर्ष 2009 से सत्ता में हैं और उनकी पार्टी आवामी लीग ने दिसंबर 2018 में पिछला चुनाव भी जीता था. बीएनपी ने 2014 के चुनाव का बहिष्कार किया था लेकिन 2018 के चुनाव में भाग लिया था.

प्रधानमंत्री हसीना की सत्तारूढ़ आवामी लीग के लगातार चौथी बार जीतने की उम्मीद है क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया (78) की पार्टी बीएनपी ने चुनाव का बहिष्कार किया है। खालिदा भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद घर में नजरबंद हैं. जो 27 राजनीतिक दल चुनाव लड़ रहे हैं उनमें विपक्षी जातीय पार्टी भी शामिल है। बाकी सत्तारूढ़ अवामी लीग की अगुवाई वाले गठबंधन के सदस्य हैं जिसे विशेषज्ञों ने 'चुनावी गुट' का घटक सदस्य बताया है.

बीएनपी ने शनिवार से 48 घंटे की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. मुख्य विपक्षी दल ने चुनाव का बहिष्कार करते हुए छह जनवरी को सुबह छह बजे से आठ जनवरी सुबह छह बजे तक 48 घंटे की देशव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया है. पार्टी का दावा है कि मौजूदा सरकार के रहते कोई भी चुनाव निष्पक्ष और विश्वसनीय नहीं होगा.

बीएनपी के प्रवक्ता रुहुल कबीर रिजवी ने हड़ताल की घोषणा करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य 'इस अवैध सरकार के इस्तीफे, एक तटस्थ सरकार के गठन और सभी पार्टी नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को जेल से रिहा करने की मांग करना है.' चुनावों के मद्देनजर हसीना सरकार ने हजारों विरोधी नेताओं और समर्थकों को गिरफ्तार किया है. मानवाधिकार समूहों ने इस कदम की निंदा कर इसे विपक्ष को पंगु करने का प्रयास बताया.

देश में 15 अन्य राजनीतिक दल भी चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं। बहिष्कार के साथ ही हिंसा के डर से बड़ी संख्या में मतदाता मतदान से दूर रह सकते हैं. ‘द डेली स्टार’ अखबार ने धानमंडी निवासी मोहम्मद मुनीर हसन के हवाले से कहा, 'मतदान केंद्रों पर जाने का क्या फायदा है जब चुनाव महज एक ही पार्टी के दो समूहों के बीच है? हम सभी जानते हैं कि अंत में आवामी लीग इस दौड़ को जीत लेगी.' मुनीर ने हिंसा का भी डर जताया. शनिवार को बांग्लादेश के कम से कम 14 मतदान केंद्रों पर आगजनी की गई जिनमें से एक मतदान केंद्र राजधानी ढाका के बाहरी इलाके में स्थित है.

ये भी पढ़ें- बांग्लादेश में आम चुनाव से पहले 14 मतदान केंद्रों में आगजनी

ये भी पढ़ें-बांग्लादेश: मतदान की पूर्वसंध्या पर चुनाव आयोग का ऐप क्रैश

Last Updated : Jan 7, 2024, 7:46 PM IST
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