इस्लामाबाद : पाकिस्तान उच्चतम न्यायालय के पिछले दिनों आए एक ऐतिहासिक फैसले के बाद पूर्व प्रधानमंत्रियों नवाज शरीफ और शहबाज शरीफ तथा पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी समेत कुछ लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के कम से कम 80 बड़े मामले फिर से खोले जाएंगे जिन्हें बंद कर दिया गया था. शुक्रवार को एक खबर में यह दावा किया गया.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि ये मामले पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार द्वारा भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों में किए गए संशोधनों के परिणामस्वरूप बंद किए गए सैकड़ों मामलों में से हैं. उन्होंने कहा कि इन मामलों में सुनवाई जल्द शुरू होगी.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की पीठ ने 15 सितंबर को भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों में संशोधनों को रद्द कर दिया था और राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को निर्देश दिया था कि सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ बंद मामले सात दिन के भीतर फिर से खोले जाएं.
शीर्ष अदालत ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पिछले साल दायर एक याचिका पर अपना फैसला सुनाया था. खान ने तत्कालीन प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार द्वारा जवाबदेही कानूनों में किए गए संशोधनों को चुनौती दी थी.
डॉन अखबार के अनुसार एनएबी के अभियोजन पक्ष ने इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत में 80 मामलों का विवरण जमा किया है. कई अन्य मामले रावलपिंडी और क्वेटा की जवाबदेही अदालतों को लौटा दिए गए हैं.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार शीर्ष अदालत के हस्तक्षेप के बाद अधिकारियों और कारोबारियों के खिलाफ ऐसे करीब 2,000 मामले फिर से खोले जा रहे हैं जिन्हें पहले बंद कर दिया गया था.