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पुतिन को गिरफ्तार करना 'रूस के खिलाफ युद्ध की घोषणा' होगी: द. अफ्रीकी सरकार

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Published : Jul 19, 2023, 7:04 AM IST

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर व्लादिमीर पुतिन को गिरफ्तार करने का कोई भी प्रयास रूस के खिलाफ युद्ध की घोषणा होगी. सिरिल रामफोसा ने जोहान्सबर्ग में होने वाली एक अंतरराष्ट्रीय बैठक से कुछ सप्ताह पहले यह चेतावनी दी है, जिसमें रूसी राष्ट्रपति को आमंत्रित किया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

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प्रतिकात्मक तस्वीर

प्रिटोरिया : दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कहा कि अगले महीने देश के दौरे पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को गिरफ्तार करने का कोई भी प्रयास रूस के खिलाफ युद्ध की घोषणा होगी. रामाफोसा ने मंगलवार को जारी किए गए एक बयान में कहा कि रूस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उसके मौजूदा राष्ट्रपति को गिरफ्तार करना युद्ध की घोषणा होगी. पुतिन को अगले महीने जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है. इधर, अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) ने पुतिन के खिलाफ के गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा है. जिसके तहत इसके सदस्य देश को वारंट पर एक्शन लेते हुए पुतिन को गिरफ्तार करना होगा.

दक्षिण अफ्रीका की प्रमुख विपक्षी दल, डेमोक्रेटिक अलायंस (डीए), सरकार पर दबाव डालने और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि अगर पुतिन देश में कदम रखते हैं तो उन्हें पकड़कर आईसीसी को सौंप दिया जाए. अदालत में दी गई अपनी प्रतिक्रिया में रामफोसा ने डीए के आवेदन को 'गैरजिम्मेदाराना' बताया. उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा को दांव पर लगाने जैसा होगा. राष्ट्रपति के अनुसार, दक्षिण अफ्रीका इस तथ्य के आधार पर आईसीसी नियमों के तहत छूट की मांग कर रहा है कि गिरफ्तारी से 'राज्य की सुरक्षा, शांति और व्यवस्था' को खतरा हो सकता है.

उन्होंने कहा कि रूस के साथ युद्ध में शामिल होने का जोखिम उठाना हमारे संविधान के साथ असंगत होगा. उन्होंने कहा कि यह देश की रक्षा करने के उनके कर्तव्य के खिलाफ होगा. रामाफोसा ने लिखा, गिरफ्तारी से यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए दक्षिण अफ्रीका के नेतृत्व वाले मिशन को भी कमजोर हो जायेगा. इससे किसी भी शांतिपूर्ण समाधान की संभावना खत्म हो जायेगी.

आईसीसी संधि में कहा गया है कि एक सदस्य यदि आईसीसी के वारंट की तामिल करने में कोई बाधा मबसूस करते हैं तो उन्हें आईसीसी से बात करनी चाहिए. संधि में कहा गया कि यदि किसी देश को अपनी सुरक्षा के लिए कोई खतरा महसूस होगा तो अदालत गिरफ्तारी के अनुरोध पर आगे नहीं बढ़ेगी. दक्षिण अफ्रीका ब्रिक्स समूह का वर्तमान अध्यक्ष है, जो आर्थिक दिग्गजों का एक समूह है जिसमें ब्राजील, रूस, भारत और चीन भी शामिल हैं, जो खुद को पश्चिमी आर्थिक प्रभुत्व के प्रति-संतुलन के रूप में देखता है. आईसीसी ने पुतिन को गैरकानूनी तरीके से यूक्रेनी बच्चों को निर्वासित करने का गुहनगार माना है.

दक्षिण अफ्रीका के उप राष्ट्रपति पॉल मैशाटाइल ने स्थानीय मीडिया के साथ हालिया साक्षात्कार में कहा है कि सरकार पुतिन को न आने के लिए मनाने की कोशिश कर रही है - लेकिन अब तक असफल रही है. जून में हस्ताक्षरित और शुरू में 'गोपनीय' के रूप में चिह्नित, रामफौसा का हलफनामा मंगलवार को प्रकाशित किया गया. अदालत ने इसे सार्वजनिक करने का फैसला सुनाया.

डीए नेता जॉन स्टीनहुसेन ने अदालत के फैसले की प्रशंसा की, उन्होंने रामफोसा के इस तर्क को 'हास्यास्पद' और 'कमजोर' बताया कि दक्षिण अफ्रीका को रूस के साथ युद्ध का जोखिम है. स्टीनहुइसन ने एक बयान में कहा कि जब विदेश नीति के फैसले दक्षिण अफ्रीका की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को नष्ट करने और हमारी अर्थव्यवस्था को नष्ट करने की क्षमता रखते हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि सरकार खुले और पारदर्शी होने के अपने दायित्व को कायम रखे. दक्षिण अफ्रीका के संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप के साथ मजबूत आर्थिक और व्यापारिक संबंध हैं.

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रूस के साथ व्यापार बहुत छोटा है, लेकिन प्रिटोरिया (दक्षिण अफ्रीका की राजधानी) का मास्को के साथ दशकों पुराना संबंध है. क्रेमलिन ने रंगभेद के खिलाफ संघर्ष में सत्तारूढ़ अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी का समर्थन किया था. कुनु में नेल्सन मंडेला दिवस समारोह के मौके पर हलफनामे पर टिप्पणी करते हुए, रामफौसा ने मामले को 'जटिल राजनयिक मुद्दों' से जुड़ा बताया.

(एएनआई)

प्रिटोरिया : दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कहा कि अगले महीने देश के दौरे पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को गिरफ्तार करने का कोई भी प्रयास रूस के खिलाफ युद्ध की घोषणा होगी. रामाफोसा ने मंगलवार को जारी किए गए एक बयान में कहा कि रूस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उसके मौजूदा राष्ट्रपति को गिरफ्तार करना युद्ध की घोषणा होगी. पुतिन को अगले महीने जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है. इधर, अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) ने पुतिन के खिलाफ के गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा है. जिसके तहत इसके सदस्य देश को वारंट पर एक्शन लेते हुए पुतिन को गिरफ्तार करना होगा.

दक्षिण अफ्रीका की प्रमुख विपक्षी दल, डेमोक्रेटिक अलायंस (डीए), सरकार पर दबाव डालने और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि अगर पुतिन देश में कदम रखते हैं तो उन्हें पकड़कर आईसीसी को सौंप दिया जाए. अदालत में दी गई अपनी प्रतिक्रिया में रामफोसा ने डीए के आवेदन को 'गैरजिम्मेदाराना' बताया. उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा को दांव पर लगाने जैसा होगा. राष्ट्रपति के अनुसार, दक्षिण अफ्रीका इस तथ्य के आधार पर आईसीसी नियमों के तहत छूट की मांग कर रहा है कि गिरफ्तारी से 'राज्य की सुरक्षा, शांति और व्यवस्था' को खतरा हो सकता है.

उन्होंने कहा कि रूस के साथ युद्ध में शामिल होने का जोखिम उठाना हमारे संविधान के साथ असंगत होगा. उन्होंने कहा कि यह देश की रक्षा करने के उनके कर्तव्य के खिलाफ होगा. रामाफोसा ने लिखा, गिरफ्तारी से यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए दक्षिण अफ्रीका के नेतृत्व वाले मिशन को भी कमजोर हो जायेगा. इससे किसी भी शांतिपूर्ण समाधान की संभावना खत्म हो जायेगी.

आईसीसी संधि में कहा गया है कि एक सदस्य यदि आईसीसी के वारंट की तामिल करने में कोई बाधा मबसूस करते हैं तो उन्हें आईसीसी से बात करनी चाहिए. संधि में कहा गया कि यदि किसी देश को अपनी सुरक्षा के लिए कोई खतरा महसूस होगा तो अदालत गिरफ्तारी के अनुरोध पर आगे नहीं बढ़ेगी. दक्षिण अफ्रीका ब्रिक्स समूह का वर्तमान अध्यक्ष है, जो आर्थिक दिग्गजों का एक समूह है जिसमें ब्राजील, रूस, भारत और चीन भी शामिल हैं, जो खुद को पश्चिमी आर्थिक प्रभुत्व के प्रति-संतुलन के रूप में देखता है. आईसीसी ने पुतिन को गैरकानूनी तरीके से यूक्रेनी बच्चों को निर्वासित करने का गुहनगार माना है.

दक्षिण अफ्रीका के उप राष्ट्रपति पॉल मैशाटाइल ने स्थानीय मीडिया के साथ हालिया साक्षात्कार में कहा है कि सरकार पुतिन को न आने के लिए मनाने की कोशिश कर रही है - लेकिन अब तक असफल रही है. जून में हस्ताक्षरित और शुरू में 'गोपनीय' के रूप में चिह्नित, रामफौसा का हलफनामा मंगलवार को प्रकाशित किया गया. अदालत ने इसे सार्वजनिक करने का फैसला सुनाया.

डीए नेता जॉन स्टीनहुसेन ने अदालत के फैसले की प्रशंसा की, उन्होंने रामफोसा के इस तर्क को 'हास्यास्पद' और 'कमजोर' बताया कि दक्षिण अफ्रीका को रूस के साथ युद्ध का जोखिम है. स्टीनहुइसन ने एक बयान में कहा कि जब विदेश नीति के फैसले दक्षिण अफ्रीका की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को नष्ट करने और हमारी अर्थव्यवस्था को नष्ट करने की क्षमता रखते हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि सरकार खुले और पारदर्शी होने के अपने दायित्व को कायम रखे. दक्षिण अफ्रीका के संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप के साथ मजबूत आर्थिक और व्यापारिक संबंध हैं.

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(एएनआई)

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