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अजरबैजान के हमलों में 49 सैनिकों की मौत: आर्मीनिया

अजरबैजान और आर्मीनिया के बीच नागोर्नो-काराबाख को लेकर दशकों से संघर्ष चल रहा है. आर्मीनिया ने मंगलवार को दावा किया कि अजरबैजान के हमले में उसके 49 सैनिकों की मौत हो गई है.

Armenia Azerbaijan Clashes
आजरबैजान और आर्मीनिया
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Published : Sep 13, 2022, 9:13 PM IST

येरेवान (आर्मीनिया) : आर्मीनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिनयान ने मंगलवार को कहा कि अजरबैजान द्वारा देर रात किए गए हमलों में 49 आर्मीनियाई सैनिकों की मौत हो गई (49 Armenian soldiers killed). बड़े पैमाने पर हुए इस हमले से दोनों देशों के बीच की शत्रुता के और गहरा होने की आशंका पैदा हो गई है.

आर्मीनिया के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, अजरबैजान की सेना ने तोपों और ड्रोन से हमले किए. मंत्रालय ने कहा कि संघर्ष विराम के लिए रूस द्वारा त्वरित मध्यस्थता के प्रयास के बावजूद दिन में लड़ाई जारी रही. उसने कहा कि गोलाबारी कम हो गई है लेकिन अजरबैजान के सैनिक अब भी आर्मीनियाई क्षेत्र में आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. उधर अजरबैजान का कहना है कि उसने आर्मीनिया के हमलों के जवाब में कार्रवाई करते हुए हमले किए.

अजरबैजान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आर्मीनियाई बलों ने देश के तीन जिलों में सेना की चौकियों पर गोलीबारी की और आर्मीनियाई हमलावरों ने इन क्षेत्रों में बारुदी सुरंगें बिछाईं. उसने कहा कि आजरबैजान के बल अनिर्दिष्ट संख्या में हताहत हुए और 'कड़ी जवाबी कार्रवाई की गई.'

अजरबैजान और आर्मीनिया के बीच नागोर्नो-काराबाख को लेकर दशकों से संघर्ष चल रहा है. नागोर्नो-काराबाख अजरबैजान का हिस्सा है, लेकिन यह 1994 में एक अलगाववादी युद्ध समाप्त होने के बाद से आर्मीनिया द्वारा समर्थित बलों के नियंत्रण में है. दोनों के बीच 2020 में छह सप्ताह तक चले युद्ध में 6,600 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.

रूस की मध्यस्थता में दोनों देशों के बीच संघर्षविराम था और संघर्षविराम समझौते के तहत क्षेत्र में लगभग 2,000 रूसी सैनिक शांति सैनिकों के रूप में तैनात हैं. रूस ने दोनों पूर्व सोवियत देशों से मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखने का आह्वान किया है.

पढ़ें- अर्मेनिया और अजरबैजान संघर्ष, यहां जाने विस्तार से

(पीटीआई-भाषा)

येरेवान (आर्मीनिया) : आर्मीनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिनयान ने मंगलवार को कहा कि अजरबैजान द्वारा देर रात किए गए हमलों में 49 आर्मीनियाई सैनिकों की मौत हो गई (49 Armenian soldiers killed). बड़े पैमाने पर हुए इस हमले से दोनों देशों के बीच की शत्रुता के और गहरा होने की आशंका पैदा हो गई है.

आर्मीनिया के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, अजरबैजान की सेना ने तोपों और ड्रोन से हमले किए. मंत्रालय ने कहा कि संघर्ष विराम के लिए रूस द्वारा त्वरित मध्यस्थता के प्रयास के बावजूद दिन में लड़ाई जारी रही. उसने कहा कि गोलाबारी कम हो गई है लेकिन अजरबैजान के सैनिक अब भी आर्मीनियाई क्षेत्र में आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. उधर अजरबैजान का कहना है कि उसने आर्मीनिया के हमलों के जवाब में कार्रवाई करते हुए हमले किए.

अजरबैजान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आर्मीनियाई बलों ने देश के तीन जिलों में सेना की चौकियों पर गोलीबारी की और आर्मीनियाई हमलावरों ने इन क्षेत्रों में बारुदी सुरंगें बिछाईं. उसने कहा कि आजरबैजान के बल अनिर्दिष्ट संख्या में हताहत हुए और 'कड़ी जवाबी कार्रवाई की गई.'

अजरबैजान और आर्मीनिया के बीच नागोर्नो-काराबाख को लेकर दशकों से संघर्ष चल रहा है. नागोर्नो-काराबाख अजरबैजान का हिस्सा है, लेकिन यह 1994 में एक अलगाववादी युद्ध समाप्त होने के बाद से आर्मीनिया द्वारा समर्थित बलों के नियंत्रण में है. दोनों के बीच 2020 में छह सप्ताह तक चले युद्ध में 6,600 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.

रूस की मध्यस्थता में दोनों देशों के बीच संघर्षविराम था और संघर्षविराम समझौते के तहत क्षेत्र में लगभग 2,000 रूसी सैनिक शांति सैनिकों के रूप में तैनात हैं. रूस ने दोनों पूर्व सोवियत देशों से मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखने का आह्वान किया है.

पढ़ें- अर्मेनिया और अजरबैजान संघर्ष, यहां जाने विस्तार से

(पीटीआई-भाषा)

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