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Nepal Transport Workers Protest Against Police: नेपाल में पुलिस की मनमानी के खिलाफ ट्रांसपोर्ट कर्मचारियों ने फूंके पुलिस वाहन - पुलिस मनमानी के खिलाफ परिवहन कर्मचारी

नेपाल के गुस्साए परिवहन कर्मचारियों ने पुलिस वाहनों में आग लगा दी. इस दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान भी पहुंचाया है.

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Published : Feb 14, 2023, 8:38 AM IST

Updated : Feb 14, 2023, 9:30 AM IST

काठमांडू (नेपाल): नेपाल में आंदोलनकारी परिवहन कर्मचारियों ने सोमवार को दो पुलिस वाहनों को आग लगा दी. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया. ट्रांसपोर्ट कर्मचारियों का कहना है कि वे यातायात पुलिस की मनमानी के खिलाफ सड़क पर उतरे हैं.

काठमांडू घाटी का सार्वजनिक परिवहन दोपहर से ही चरमरा गया, क्योंकि परिवहन उद्यमियों ने न्यू बसपार्क क्षेत्र के आसपास विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. परिवहन कर्मियों ने राजधानी काठमांडू के आसपास रिंग रोड के खंड को जाम कर दिया था.

पुलिस ने आंदोलनकारियों को तितर-बितर करने के लिए कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे लेकिन स्थिति को नियंत्रण में नहीं आई. आक्रोशित लोगों ने पुलिस की दो गाडियों को आग के हवाले कर दिया. एक अस्थायी पुलिस आश्रय भी जलाया. उन्होंने यातायात शंकुओं और अस्थायी यातायात पुलिस चौकियों में आग लगा दी. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज भी किया. इस दौरान कई लोग घायल भी हुए हैं.

ये भी पढ़ें- 4th Anniv of Pulwama Attack: पुलवामा हमले की चौथी बरसी, कभी नहीं भूलेंगे पाक की कायराना हरकत

आंदोलनकारी दलों ने तर्क दिया कि नए यातायात नियम सार्वजनिक परिवहन के हित में नहीं हैं. नए नियमों के अनुसार, घाटी में यातायात पुलिस यातायात नियम के उल्लंघन के लिए एनआर 1500 का जुर्माना वसूल रही है, जो पहली बार अपराध के लिए एनआर 500 से अधिक है. परिवहन उद्यमियों का आरोप है कि ट्रैफिक पुलिस सड़क के किनारे वाहनों को पार्क करने पर जुर्माना वसूल रही है, जो कि उनके अनुसार काफी ज्यादा है.

आंदोलनकारी परिवहन संचालकों ने मांग की है कि संगठित बस स्टेशनों के अभाव में उन्हें कहीं भी गाड़ी खड़ी करने की अनुमति दी जानी चाहिए. उनका यह धरना नए ट्रैफिक नियमों के विरोध में किया जा रहा है.

काठमांडू (नेपाल): नेपाल में आंदोलनकारी परिवहन कर्मचारियों ने सोमवार को दो पुलिस वाहनों को आग लगा दी. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया. ट्रांसपोर्ट कर्मचारियों का कहना है कि वे यातायात पुलिस की मनमानी के खिलाफ सड़क पर उतरे हैं.

काठमांडू घाटी का सार्वजनिक परिवहन दोपहर से ही चरमरा गया, क्योंकि परिवहन उद्यमियों ने न्यू बसपार्क क्षेत्र के आसपास विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. परिवहन कर्मियों ने राजधानी काठमांडू के आसपास रिंग रोड के खंड को जाम कर दिया था.

पुलिस ने आंदोलनकारियों को तितर-बितर करने के लिए कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे लेकिन स्थिति को नियंत्रण में नहीं आई. आक्रोशित लोगों ने पुलिस की दो गाडियों को आग के हवाले कर दिया. एक अस्थायी पुलिस आश्रय भी जलाया. उन्होंने यातायात शंकुओं और अस्थायी यातायात पुलिस चौकियों में आग लगा दी. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज भी किया. इस दौरान कई लोग घायल भी हुए हैं.

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आंदोलनकारी दलों ने तर्क दिया कि नए यातायात नियम सार्वजनिक परिवहन के हित में नहीं हैं. नए नियमों के अनुसार, घाटी में यातायात पुलिस यातायात नियम के उल्लंघन के लिए एनआर 1500 का जुर्माना वसूल रही है, जो पहली बार अपराध के लिए एनआर 500 से अधिक है. परिवहन उद्यमियों का आरोप है कि ट्रैफिक पुलिस सड़क के किनारे वाहनों को पार्क करने पर जुर्माना वसूल रही है, जो कि उनके अनुसार काफी ज्यादा है.

आंदोलनकारी परिवहन संचालकों ने मांग की है कि संगठित बस स्टेशनों के अभाव में उन्हें कहीं भी गाड़ी खड़ी करने की अनुमति दी जानी चाहिए. उनका यह धरना नए ट्रैफिक नियमों के विरोध में किया जा रहा है.

Last Updated : Feb 14, 2023, 9:30 AM IST
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