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हाई स्पीड होने पर भी इंटरनेट कनेक्शन की गति क्यों हो जाती है धीमी? - गेमिंग

कई बार हमारा इंटरनेट स्लो चलने लगता है. ऐसे में हम अपने इंटरनेट प्लेन के बारे में सोचने लगते हैं पर हमें ये सोचना चाहिए कि अच्छी स्ट्रीमिंग, गेमिंग या कॉन्फ्रेंसिंग अनुभव के लिए हमें कैसे इंटरनेट की जरूरत है या हमारा ब्रॉडबैंड कैसा होना चाहिये?

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Published : Sep 19, 2021, 3:16 PM IST

सिडनी : ऑस्ट्रेलिया में जुलाई 2021 में नेशनल ब्रॉडबैंड नेटवर्क (एनबीएन) पर सक्रिय 82 लाख घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं में से 77 प्रतिशत का कहना है कि वे फिलहाल कम से कम 50 मेगाबाइट प्रति सेकेंड (एमबीपीएस) ब्रॉडबैंड प्लान का इस्तेमाल कर रहे हैं.

इंटरनेट की यह गति सामान्य घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिये पर्याप्त है, जिनमें वीडियो स्ट्रीमिंग, वीडियो कॉन्फ्रेंस, गेम खेलने और अन्य सामान्य इस्तेमाल शामिल हैं. नेटफ्लिक्स पर अच्छी गुणवत्ता में वीडियो देखने में 3 एमबीपीएस और बहुत अच्छी गुणवत्ता की वीडियो देखने में 12 एमबीपीएस इंटरनेट इस्तेमाल होता है. वहीं वीडियो कॉन्फ्रेंस में 2 से 3 एमबीपीएस और गेम खेलने में एक एमबीपीएस से कम डेटा खर्च होता है.

ऐसे में सवाल उठता है कि हमारा इंटरनेट रुक-रुककर क्यों चलता है. वीडियो, गेम और टेलीकॉन्फ्रेंस बंद क्यों हो जाती है? दरअसल, दिक्कत इंटरनेट की गति में नहीं है बल्कि इसमें होने वाली विलंबता और गति का टूटना से होती है, जिसका इंटरनेट सेवा प्रदाता की ओर से प्रदान की जा रही गति से कोई संबंध नहीं होता.

बीते तीन दशक से हम एमबीपीएस के हिसाब से ब्रॉडबैंड को समझते आए हैं. यह तब तक तो सही था जब हम डायल अप इंटरनेट का इस्तेमाल करते थे, जिसमें एक वेब पेज खुलने में कई सेकेंड लगा करते थे. तब आलम यह था कि डिजिटल सब्सक्राइबर लाइनों (डीएसएल) पर एक समय में एक से अधिक वीडियो भी नहीं चल पाती थीं.

लेकिन ब्राडबैंड फोरम और अन्य के अध्ययनों में पता चला है कि इंटरनेट की स्पीड 100 एमबीपीएस या उससे अधिक होने पर भी उपभोक्ताओं को इसका पता नहीं चल पाता.

ऑस्ट्रेलिया में पांच लाख से अधिक उपभोक्ताओं ने इंटरनेट स्पीड में आने वाली रुकावटों से परेशान होकर मार्च 2021 में 250 एमबीपीएस का प्लान लिया. फिर भी काम नहीं चला तो उन्होंने 410 टेराबाइट प्रति सेकेंड (टीबीपीएस) वाला कनेक्शन ले लिया. जबकि अधिकतम इस्तेमाल करने पर भी आप केवल 23 टीबीपीएस ही खर्च कर सकते हैं. इससे यह पता चलता है कि हम इंटरनेट प्लान पर जितना पैसा खर्च करते हैं, उसका केवल छह प्रतिशत ही उपयोग कर पाते हैं.

पढ़ें :- 2जी मोबाइल डेटा एन्क्रिप्शन मानक में पाई गई त्रुटियां

हमारी गति की आवश्यकता के विपरीत, हमारे ऑनलाइन समय में जबरदस्त वृद्धि हुई है. ऑस्ट्रेलियाई प्रतिस्पर्धा एवं उपभोक्ता आयोग (एसीसीसी) के अनुसार, औसत ऑस्ट्रेलियाई परिवार ने दिसंबर 2020 में 355 गीगाबाइट डेटा की खपत की, जो उससे पिछले साल की तुलना में 59% अधिक है.

ऐसे में सवाल उठता है कि एक अच्छी स्ट्रीमिंग, गेमिंग या कॉन्फ्रेंसिंग अनुभव के लिए हमारा ब्रॉडबैंड कैसा होना चाहिये? हमें एक ऐसे इंटरनेट की जरूरत है जिसमें अपेक्षाकृत कम विलंब होता हो और जिसका कनेक्शन कम टूटे. ये कारक इस बात पर निर्भर करते हैं कि आपके इंटरनेट सेवा प्रदाता (आईएसपी) ने अपने नेटवर्क को कितनी अच्छी तरह से तैयार कर आप तक पहुंचाया है.

विलंब को कम करने के लिए, आपका आईएसपी स्थानीय कैश (कंप्‍यूटर-स्मृति का वह भाग जहाँ सूचना-सामग्री की प्रतिलिपि संचित रहती है) को तैनात कर सकता है. इससे आपके द्वारा देखे जाने वाले वीडियो की एक प्रति संग्रहीत रहती है, जिससे इंटरनेट की गति थोड़ी तेज हो जाती है.

(द कन्वर्सेशन)

सिडनी : ऑस्ट्रेलिया में जुलाई 2021 में नेशनल ब्रॉडबैंड नेटवर्क (एनबीएन) पर सक्रिय 82 लाख घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं में से 77 प्रतिशत का कहना है कि वे फिलहाल कम से कम 50 मेगाबाइट प्रति सेकेंड (एमबीपीएस) ब्रॉडबैंड प्लान का इस्तेमाल कर रहे हैं.

इंटरनेट की यह गति सामान्य घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिये पर्याप्त है, जिनमें वीडियो स्ट्रीमिंग, वीडियो कॉन्फ्रेंस, गेम खेलने और अन्य सामान्य इस्तेमाल शामिल हैं. नेटफ्लिक्स पर अच्छी गुणवत्ता में वीडियो देखने में 3 एमबीपीएस और बहुत अच्छी गुणवत्ता की वीडियो देखने में 12 एमबीपीएस इंटरनेट इस्तेमाल होता है. वहीं वीडियो कॉन्फ्रेंस में 2 से 3 एमबीपीएस और गेम खेलने में एक एमबीपीएस से कम डेटा खर्च होता है.

ऐसे में सवाल उठता है कि हमारा इंटरनेट रुक-रुककर क्यों चलता है. वीडियो, गेम और टेलीकॉन्फ्रेंस बंद क्यों हो जाती है? दरअसल, दिक्कत इंटरनेट की गति में नहीं है बल्कि इसमें होने वाली विलंबता और गति का टूटना से होती है, जिसका इंटरनेट सेवा प्रदाता की ओर से प्रदान की जा रही गति से कोई संबंध नहीं होता.

बीते तीन दशक से हम एमबीपीएस के हिसाब से ब्रॉडबैंड को समझते आए हैं. यह तब तक तो सही था जब हम डायल अप इंटरनेट का इस्तेमाल करते थे, जिसमें एक वेब पेज खुलने में कई सेकेंड लगा करते थे. तब आलम यह था कि डिजिटल सब्सक्राइबर लाइनों (डीएसएल) पर एक समय में एक से अधिक वीडियो भी नहीं चल पाती थीं.

लेकिन ब्राडबैंड फोरम और अन्य के अध्ययनों में पता चला है कि इंटरनेट की स्पीड 100 एमबीपीएस या उससे अधिक होने पर भी उपभोक्ताओं को इसका पता नहीं चल पाता.

ऑस्ट्रेलिया में पांच लाख से अधिक उपभोक्ताओं ने इंटरनेट स्पीड में आने वाली रुकावटों से परेशान होकर मार्च 2021 में 250 एमबीपीएस का प्लान लिया. फिर भी काम नहीं चला तो उन्होंने 410 टेराबाइट प्रति सेकेंड (टीबीपीएस) वाला कनेक्शन ले लिया. जबकि अधिकतम इस्तेमाल करने पर भी आप केवल 23 टीबीपीएस ही खर्च कर सकते हैं. इससे यह पता चलता है कि हम इंटरनेट प्लान पर जितना पैसा खर्च करते हैं, उसका केवल छह प्रतिशत ही उपयोग कर पाते हैं.

पढ़ें :- 2जी मोबाइल डेटा एन्क्रिप्शन मानक में पाई गई त्रुटियां

हमारी गति की आवश्यकता के विपरीत, हमारे ऑनलाइन समय में जबरदस्त वृद्धि हुई है. ऑस्ट्रेलियाई प्रतिस्पर्धा एवं उपभोक्ता आयोग (एसीसीसी) के अनुसार, औसत ऑस्ट्रेलियाई परिवार ने दिसंबर 2020 में 355 गीगाबाइट डेटा की खपत की, जो उससे पिछले साल की तुलना में 59% अधिक है.

ऐसे में सवाल उठता है कि एक अच्छी स्ट्रीमिंग, गेमिंग या कॉन्फ्रेंसिंग अनुभव के लिए हमारा ब्रॉडबैंड कैसा होना चाहिये? हमें एक ऐसे इंटरनेट की जरूरत है जिसमें अपेक्षाकृत कम विलंब होता हो और जिसका कनेक्शन कम टूटे. ये कारक इस बात पर निर्भर करते हैं कि आपके इंटरनेट सेवा प्रदाता (आईएसपी) ने अपने नेटवर्क को कितनी अच्छी तरह से तैयार कर आप तक पहुंचाया है.

विलंब को कम करने के लिए, आपका आईएसपी स्थानीय कैश (कंप्‍यूटर-स्मृति का वह भाग जहाँ सूचना-सामग्री की प्रतिलिपि संचित रहती है) को तैनात कर सकता है. इससे आपके द्वारा देखे जाने वाले वीडियो की एक प्रति संग्रहीत रहती है, जिससे इंटरनेट की गति थोड़ी तेज हो जाती है.

(द कन्वर्सेशन)

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